रायबरेली: कोरोना काल में गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे मध्यमवर्ग की मांगों को लेकर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं विरोध प्रदर्शन किया. उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के नाम से संबोधित ज्ञापन के साथ तिलक भवन से पैदल मार्च करते हुए जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में कांग्रेसी कलेक्ट्रेट पहुंचे.
कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने सदर तहसीलदार अमिता यादव को राज्यपाल के नाम संबोधित ज्ञापन भी सौंपा. पार्टी के जिलाध्यक्ष पंकज तिवारी ने बताया कि छात्रों को ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा देने की बात कही जा रही है, लेकिन आधारभूत ढांचा कमजोर है. इसीलिए यह संभव नहीं है. गरीब घरों में स्मार्ट फोन नहीं है और ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या होने के कारण बच्चे ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं.
कांग्रेसी कार्यकर्ताओं मांगें
- प्रदेश में संचालित यूपी बोर्ड, सीबीएसई बोर्ड, आईसीएसई बोर्ड और अन्य बोर्डो के छात्रों के पिछले चार महीनों की फीस माफ की जाए.
- इन शिक्षण संस्थानों में कार्यरत मान्यता-गैर मान्यता प्राप्त शिक्षकों और कर्मचारियों को सरकार से कम से कम आठ हजार रुपये प्रति माह सहायता देने की मांग.
- नए साल के पाठ्य पुस्तकों में बदलाव न किया जाए.
- बच्चों की ड्रेस बार-बार न बदली जाए,
- उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में स्थित विभिन्न न्यायालयों में लाखों की संख्या में अधिवक्ता प्रैक्टिस कर रहे हैं. अधिवक्ताओं की आमदनी कोविड-19 के कारण ठप सी हो गई है. सरकार द्वारा कम से कम महीने के हिसाब से दस हजार की सहयोग राशि मानदेय के रूप में प्रदान की जाए.
- मध्यम वर्ग के परिवारों को किसी भी तरह के ऋण से मुक्ति किया जाए.