महराजगंज: जिले की नहरों की सफाई नहीं हो रही है. टेल तक पानी न पहुंचने से किसान परेशान हैं. वहीं, जिम्मेदार अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं. आखिर कब नहरों की सफाई होगी और हेड से टेल तक पानी पहुंचेगा (farmers suffering from drought) यह सवाल किसानों को परेशान कर रहा है.
सिंचाई के लिए महराजगंज में नहरों का जाल बिछा है लेकिन किसानों को सिंचाई के लिए समय पर पानी नहीं मिल रहा है. हालात तो यहां तक हैं कि कहीं लोगों ने नहरों पर घर बना लिए है तो कहीं नहरों में खेती की जा रही है. किसानों का कहना है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां खेतों की सिंचाई के लिए नहरों का जाल बिछा हुआ है. वही जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता से जहां कई वर्षों से विभिन्न नहरों की आज तक साफ सफाई का कार्य नहीं कराया गया है. वहीं, धान की रोपाई से आज तक हेड से टेल तक पानी न पहुंचने से खेतों में फसल सूख रही (Paddy crop drying up in fields) है.
प्रदेश सरकार ने बरसात से पहले नहरों की सफाई (Instructions for cleaning canal before rain) और सिल्ट निकालने के आदेश दिए थे. ‘ईटीवी भारत’ ने जब महराजगंज जिले में नहरों की सफाई व्यवस्था देखी तो सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए अफसरों-कर्मचारियों की बंदरबांट सामने आई. जिले के विभिन्न नहरों में जहां आज तक सिल्ट की सफाई नहीं हुई है तो कहीं नहर और राजवाहों में घास उगी हुई है. कई नहरें तो ऐसी भी हैं कि जहां वर्षों से आज तक पानी ही नहीं आया है.
महराजगंज जिले के अंतर्गत आने वाले बसडीला राजवाहा, पनियरा माइनर से बडी संख्या में गांवों के खेतों की सिंचाई होती है. एक बड़ा भू-भाग व सैकड़ों गांव इसी नहर पर निर्भर है. नहरों के पानी से ही किसान अपने खेतों की सिंचाई कर पाते हैं जिससे अच्छी फसल की पैदावार होती है, लेकिन इस वर्ष अभी तक आधी से अधिक नहर की सिंचाई विभाग द्वारा साफ-सफाई नहीं करवाई गई है. इसके चलते नहरों में मौजूद घास सहित अन्य कचरे के कारण नहर से पानी निकलना संभव नहीं है. ऐसे में दर्जनों गांवों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है. उधर पानी नहीं पहुंचने के कारण खेतों में सिंचाई नहीं हो पा रही है. किसानों का कहना है कि विभाग ने न तो सुध ली है ओर न ही उन्हें इस बात की चिंता है कि वह नहरों की सफाई करा सकें.
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