महराजगंज: जिले की निचलौल तहसील के बकुलडीहा गांव के लोगों ने संपर्क से कटे गांव के लोगों की राह आसान कर दी. उन्होंने वह काम पूरा कर दिखाया, जिसकी मांग वह बरसों से करते आ रहे थे. सरकार की तरफ कोई मदद न मिलने के बाद लोगों ने खुद पुल बनाने का बीड़ा उठाया और चंदन नदी पर पुल बना डाला.
पुल न होने से परेशान ग्रामीण
नदी पर पुल न होने के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. लोगों को जिला मुख्यालय जाने के लिए भी 25 किलोमीटर चक्कर लगाना पड़ता था. यहां तक कि पुल न होने से कई मरीजों की जान भी खतरे में पड़ जाती थी, क्योंकि उन्हें जिला अस्पताल जाने के लिए कई किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी.
बच्चे जाते थे नाव पर सवार होकर पढ़ने
स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भी खतरा मोल लेकर पढ़ने जाते थे. पुल न होने की वजह से उन्हें नाव पर सवार होकर अपने स्कूल जाना पड़ता था और बरसात में तो दिक्कतें और भी बढ़ जाती थी. इन्हीं सब कारणों की वजह से यहां लोगों को काफी परेशानियां होती थी.
गांव के लोगों ने बना डाला लकड़ी का पुल
ग्रामीणों ने पुल बनाने को लेकर कई अधिकारियों और नेताओं से बात की. अधिकारियों से इन्हें तारीखों और आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिलता था. बात करें नेताओं की तो नेता वोट मांगने के समय आकर कई वादे कर के जाते तो थे, मगर वोट मिल जाने के बाद ऐसे गायब होते थे जैसे बरमूडा ट्रायंगल से जहाज. सरकार की अनदेखी से परेशान होकर लोगों ने खुद पुल बनाने का फैसला लिया और लकड़ी और बांस बल्ली का अस्थायी पुल बना डाला.
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सरकार से है पक्के पुल बनाने की आस
ग्रामीणों को पहले नौतनवा ठूठीबारी तक जाने के लिए 80 किलोमीटर चलना पड़ता था. अब पुल बन जाने के बाद यह दूरी 25 किलोमीटर कम हो गई है. ग्रामीणों के इस पुल की सभी लोग सराहना कर रहे हैं. हालांकि ग्रामीण अभी भी पक्के पुल की मांग कर रहे हैं.