महाराजगंजः भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर आजाद ने एक परिवार की मदद के लिए ट्वीट किया था, लेकिन अब यह ट्वीट ही मुसीबत का कारण बन गया है. भीम आर्मी प्रमुख ने आरोप लगाया था कि एक दलित परिवार को मकान बनाने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है, पुलिस की मिलीभगत से गुंडे उन्हें बेदखल कर रहे हैं. इस ट्वीट के बाद हरकत में आए अधिकारियों ने जांच कराई. जांच के बाद दावा किया कि यह निर्माण ही अवैध है. अब परिवार को जमीने से बेदखल किया जा सकता है.
ये है पूरा मामला
जिले के सौनौली थाना क्षेत्र के माधवराम नगर के निवासी मोहन अपना मकान बनवा रहे हैं. कुछ अन्य लोग भी उसी जमीन पर निर्माण कार्य करने का प्रयास कर रहे थे. विवाद होने पर दूसरे पक्ष ने थाने में तहरीर दी. इसके बाद मोहन के बेटे का एक वीडियो भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, जिसमें उसने आरोप लगाया कि दलित परिवार को मकान बनाने में मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने लिखा था कि 'दलितों का दमन चरम पर है. भूमिहीन दलित परिवार को पुलिस की मिलीभगत से कुछ गुंडे उनकी जमीन से बेदखल कर रहे हैं.'
रावण ने इस ट्वीट में जिलाधिकारी महाराजगंज और योगी आदित्यनाथ को टैग किया था. इसके बाद महराजगंज प्रशासन हरकत में आ गया. जांच के बाद महाराजगंज पुलिस ने इस ट्वीट के खंडन करते हुए मोहन को ही दोषी ठहराया. पुलिस ने बताया कि लेखपाल के अनुसार उक्त जमीन खलिहान की है. इसे महराजगंज पुलिस ने उस जमीन पर निर्माण कराने से मना भी किया था, लेकिन मोहन ने उस जमीन पर मकान बनाया और छत भी तैयार कर ली है.
बेघर हो जाएगा मोहन का परिवार!
मोहन और उनके तीन बेटे अपने परिवार सहित उसी खलिहान की जमीन पर करीब दो पुश्तों से रह रहे हैं. उस भूमि पर इंदिरा आवास योजना से लाभान्वित मोहन ने एक कमरा तैयार कराया था. अब जब प्रधानमंत्री आवास योजना से मोहन के पुत्र लाभान्वित हुए, तब वो ये नया निर्माण कार्य शुरू कराने लगे. मोहन ने बताया कि पीएम आवास योजना के ढाई लाख रुपये में से, अब तक मुझे दो लाख रुपये मिल चुके हैं. इससे मैं यह निर्माण कार्य करा रहा हूं.
आपसी रंजिश से शुरू हुआ विवाद
खलिहान की जमीन पर कुछ और लोगों ने अपना निर्माण कराया है, लेकिन गांव में मोहन की निजी दुश्मनी के चलते गांव के दो व्यक्तियों के द्वारा थाने में तहरीर देकर मोहन के निर्माण कार्य को रुकवाया गया था. मामला तब हाईप्रोफाइल हो गया जब भीम आर्मी चीफ ने इस मामले को ट्वीट करके सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया.
हाईप्रोफाइल हो चुका पूरा मामला
थाने में तहरीर और ट्विटर पर पोस्ट होने के बाद मामले की गंभीरता को समझते हुए प्रशासन ने खलिहान की जमीन ढूंढनी शुरू कर दी है. उस पूरे खलिहान में करीब तीन मकान बने हुए हैं, जिसे प्रशासन अब कुछ समय देकर उन्हें ध्वस्त भी कर सकती है.
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ये बोले एसडीएम
नौतनवा तहसील के उप जिलाधिकारी प्रमोद कुमार का कहना है कि उक्त भूमि खलिहान/रिजर्व लैंड है, जो सरकार के अधीन आती है. इस पर कोई पक्का निर्माण नहीं कर सकता है. धारा 67-के तहत तहसीलदार कोर्ट में बेदखली का मुकदमा दर्ज होगा. प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जाएगी.