महराजगंज: साइबर सेल व फरेंदा पुलिस ने एक बड़ा खुलासा करते हुए नेपाली नागरिकों का फर्जी तरीके से भारतीय आधार कार्ड बनाने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है. इस मामले में पुलिस ने तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. जिनके पास से 13 ग्राम पंचायत का मोहर, आधार कार्ड बनाने वाले उपकरण, लैपटॉप, स्कैनर, प्रिंटर, फिंगर स्कैनर, रेटीना स्कैनर, जीपीएस लोकेटर समेत फर्जीवाड़े में इस्तेमाल किए जाने वाले कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ 60 हजार नगद भी बरामद किया है. पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ जालसाजी व आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर जेल भेज दिया.
अंतरराष्ट्रीय साजिश का किया खुलासा
पुलिस की गिरफ्त में खड़े यह तीनों आरोपी बड़े ही शातिर किस्म अपराधी है. यह तीनों सख्स सिर्फ 10 हजार रुपये में भारत के सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करते थे. पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय साजिश का खुलासा करते बताया कि मुखबिर के जरिए सूचना मिली थी कि महाराजगंज के पते से नेपाली नागरिकों का गोरखपुर जनपद के कैंपियरगंज, पीपीगंज, फरेंदा में फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनाया जा रहा है.
तीन लोग गिरफ्तार
पुलिस ने इस मामले पर गहनता से जांच की तो फरेंदा पुलिस व साइबर सेल को सूचना मिली कि कैम्पियरगंज थाना क्षेत्र के भौराबारी चौराहे पर स्थित विश्वकर्मा मोबाइल केयर दुकान से कुछ नेपाली फर्जी आधार कार्ड बनवा कर टेंपो से वापस लौट रहे हैं. इस सूचना के बाद पुलिस ने फरेंदा स्थित दक्षिण बाईपास पर घेराबंदी की. तभी टेंपो दिखाई दिया जिसके बाद उसको रोकने की कोशिश की गई, लेकिन वह लोग भागने लगे. टीम ने दौड़ाकर टेंपो को पकड़ लिया. टेंपो में चालक के अलावा चार नेपाली महिलाएं व दो नेपाली पुरुष बैठे हुए थे. चालक ने अपना नाम अमरनाथ बताया. पुलिस को अमरनाथ ने फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गैंग की जानकारी दी. इसके बाद पुलिस टीम ने छापेमारी कर 2 लोगों को और हिरासत में लिया.
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एसपी प्रदीप गुप्ता ने बताया कि पुलिस व साइबर सेल ने नेपाली नागरिकों का फर्जी ढंग से महराजगंज के पते से आधार कार्ड बनवाने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है. इसमें एक आरोपित कैंपियरगंज थाना क्षेत्र का दो सोनौली के रहने वाले हैं. प्रकरण में धोखाधड़ी आपराधिक षड्यंत्र सहित कई गंभीर धारा के अलावा आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई कर तीनों आरोपी को जेल भेज दिया गया है.