महाराजगंज: जिले के पनियरा थाना क्षेत्र के सोहास गांव की सीमा मौर्या का मेहनत उस समय रंग लाया जब गांव का ही नहीं जिले का नाम रोशन करते हुए आबकारी निरीक्षक के पद पर चयन हुआ. नियुक्ति पत्र मिलते ही सीमा मौर्या के गांव के लोगों ने जहां अपनी खुशियों का इजहार किया. वहीं लोगों ने ढेर सारी बधाई दी.
11 सितम्बर 2020 को परीक्षा उत्तीर्ण करके सीमा मौर्या ने एक कुशल बेटी होने का गौरव हासिल किया था. उसके बाद क्षेत्र के लोगो में काफी हर्ष देखा गया. चारों तरफ एक ही चर्चा रही कि यदि बेटी को भी बेटे की तरह अपना भविष्य सवारने का मौका दिया जाय तो बेटी भी तरक्की कर ऊंची से ऊंची उड़ान भर सकती है.
सीमा मौर्या ने बताया कि यूपीपीसीएस 2017 में पहली बार परीक्षा में बैठीं तो असफल हो गई. लेकिन अपने हौसले को बुलंद रखा. हार न मानते हुए इलाहाबाद में अपनी तैयारी को जारी रखा. वर्ष 2018 में यूपीपीसीएस का पुनः परीक्षा में बैठी और आबकारी निरीक्षक के पद पर चयनित हुई.
गांव में लोगों ने अपनी खुशियों का किया इजहार
उत्तर प्रदेश में मिशन रोजगार के तहत चयनितों को नियुक्ति पत्र बांटने का सिलसिला शुरू हुआ तो आबकारी निरीक्षकों को 21 जुलाई को ज्वानिंग लेटर मिल गया. जिसमें सीमा मौर्या को भी जॉइनिंग लेटर मिला. जिसकी खबर लगते ही सीमा मौर्या के गांव में लोगों ने अपनी खुशियों का इजहार किया और सीमा मौर्या और उनके माता पिता को लोगों ने बधाई दी है. सीमा मौर्या के पिता प्रहलाद मौर्य भूमि संरक्षण अधिकारी के पद पर रह चुके हैं, जो अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं.
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सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया
सीमा मौर्या ने बताया कि गोरखपुर स्थित विमल मोंटेसरी से बारहवीं तक शिक्षा प्राप्त कर गोरखपुर विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन और पीजी की डिग्री हासिल की. इसके बाद तैयारी के लिए इलाहाबाद चली गई. माता-पिता का पुरा सहयोग रहा. कही पर भी उन्होंने बेटी और बेटा में कोई फर्क नहीं समझा. सीमा मौर्या ने अपनी इस सफलता का श्रेय माता-पिता और शिक्षकों को दिया है.