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पुलवामा आंतकी हमले में महारजगंज का बेटा हुआ शहीद, गांव में शोक की लहर

चार दिन पहले ही छुट्टिया मनाकर शहीद पंकज त्रिपाठी ड्यूटी पर वापस पहुंचा था. पांकज का चार साल का बेटा भी है, जिसे तो यह भी नहीं पति कि उसके ऊपर से पिता का साया उठ चुका है.

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Published : Feb 15, 2019, 11:13 PM IST

आंतकी हमले में महारजगंज का बेटा पंकज त्रिपाठी शहीद.

महारजगंज: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए आतंकी हमले में फरेंदा तहसील के हपुर गांव का रहने वाला पंकज त्रिपाठी भी शहीद हो गया. शहादत की सूचना मिलते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. पंकज 4 दिन पहले ही छुट्टी मनाकर ड्यूटी पर वापस लौटा था.

आंतकी हमले में महारजगंज का बेटा पंकज त्रिपाठी शहीद.
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सीआरपीएफ जवानों पर हुए आतंकी हमले ने पूरे देश के साथ-साथ महाराजगंज जिले के लोगों को भी झकझोर दिया. 4 दिन पहले ही महाराजगंज का बेटा पंकज त्रिपाठी अपनी ड्यूटी पर वापस कश्मीर गया था. घर के लोगों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है. अभी तक परिवार वालों को भरोसा नहीं हो रहा है कि उनका लाल अब इस दुनिया में नहीं है.

हमला की सूचना के बाद घर के लोगों ने शहीद जवान के एक मित्र के पास फोन किया जिसके बाद पंकज के शहीद होने की बात पता चली. ग्रामीणों के मुताबिक शहीद पंकज बचपन से ही सेना के प्रति लगाव रखता था. पंकज की शादी के एक साल बाद उसे सीआरपीएइ में नौकरी मिली थी. उसका 4 साल का बेटा भी है. पुलवामा में हुए आतंकी हमले ने कई परिवारों की दुनिया वीरान कर दी है. किसी ने पिता, किसी ने पति तो किसी ने अपना बेटा खो दिया. ग्रामीणों में शोक की लहर के साथ-साथ दहशतगर्दो के खिलाफ भारी गुस्सा भी है.

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महारजगंज: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए आतंकी हमले में फरेंदा तहसील के हपुर गांव का रहने वाला पंकज त्रिपाठी भी शहीद हो गया. शहादत की सूचना मिलते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. पंकज 4 दिन पहले ही छुट्टी मनाकर ड्यूटी पर वापस लौटा था.

आंतकी हमले में महारजगंज का बेटा पंकज त्रिपाठी शहीद.
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सीआरपीएफ जवानों पर हुए आतंकी हमले ने पूरे देश के साथ-साथ महाराजगंज जिले के लोगों को भी झकझोर दिया. 4 दिन पहले ही महाराजगंज का बेटा पंकज त्रिपाठी अपनी ड्यूटी पर वापस कश्मीर गया था. घर के लोगों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है. अभी तक परिवार वालों को भरोसा नहीं हो रहा है कि उनका लाल अब इस दुनिया में नहीं है.

हमला की सूचना के बाद घर के लोगों ने शहीद जवान के एक मित्र के पास फोन किया जिसके बाद पंकज के शहीद होने की बात पता चली. ग्रामीणों के मुताबिक शहीद पंकज बचपन से ही सेना के प्रति लगाव रखता था. पंकज की शादी के एक साल बाद उसे सीआरपीएइ में नौकरी मिली थी. उसका 4 साल का बेटा भी है. पुलवामा में हुए आतंकी हमले ने कई परिवारों की दुनिया वीरान कर दी है. किसी ने पिता, किसी ने पति तो किसी ने अपना बेटा खो दिया. ग्रामीणों में शोक की लहर के साथ-साथ दहशतगर्दो के खिलाफ भारी गुस्सा भी है.

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Intro:जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए आतंकी हमले में फरेंदा तहसील के हरपुर गांव का रहने वाला पंकज त्रिपाठी हुआ शहीद परिजनों का रो-रोकर हुआ बुरा हाल छुट्टी से 4 दिन पहले ही ड्यूटी जॉइन किया था पंकज शहीद होने की सूचना मिलने के बाद पंकज के घर पर पहुंच रहे हैं आसपास के लोग


Body:सीआरपीएफ सचल दस्ते पर आतंकी हमले ने पूरे देश के साथ साथ महाराजगंज जिले के लोगों को भी झकझोर दिया है 4 दिन पहले ही महाराजगंज का जांबाज सैनिक पंकज त्रिपाठी अपनी ड्यूटी पर वापस कश्मीर गया था घर के लोगों का रो रो कर बुरा हाल हो गया है अभी तक परिवार वालों को भरोसा नहीं हो रहा है कि उनका लाल अब इस दुनिया में नहीं है


Conclusion:हमला की सूचना के बाद घर के लोगों ने शहीद जवान के एक मित्र के पास फोन किया जिसके बाद पंकज के शहीद होने की बात पता चली सेना के लोगों ने भी परिजनों से बात की थी उसके बाद तो परिवार में कोहराम मच गया ग्रामीणों के मुताबिक शहीद पंकज बचपन से ही सेना के प्रति लगाव रखते थे घरवालों के मुताबिक पंकज की शादी के एक साल बाद उन्हें नौकरी मिली थी एक 4 साल का बेटा है इस मासूम को यह पता नहीं कि उसके सिर से पिता का साया आतंकवाद ने छीन लिया है इस हमले ने कई परिवारों की दुनिया बिरान कर दी है किसी ने पिता किसी ने पति किसी ने बेटा तो किसी ने अपना लाल खो दिया है ग्रामीणों में शोक की लहर के साथ-साथ दहशतगर्दो के खिलाफ भारी गुस्सा और रोष है

Note.feed on ftp
Folder name. MRJ.SHAHID PANKAJ
Byte 1. शुभम त्रिपाठी शहीद का भाई
Byte.2. भोला यादव ग्रामीण
Byte.3.अमित चौबे ग्रामीण
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