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अब निजी नलकूप का कनेक्शन होगा आसान! पावर कारपोरेशन कर रहा यह तैयारी

अब किसानों को निजी नलकूप कनेक्शन की सामग्री के लिए बिजली विभाग के चक्कर नहीं लगाने होंगे. किसान कनेक्शन से संबंधित उपकरण बिजली विभाग के स्टोर की जगह सीधे वेंडर से खरीद सकेंगे. इसके लिए पावर कारपोरेशन एमडी ने सभी बिजली कंपनियों से सुझाव मांगे हैं.

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Published : Jul 19, 2023, 7:52 AM IST

लखनऊ : निजी नलकूपों के कनेक्शन के लिए किसान पावर कारपोरेशन के पास पूरा पैसा तो जमा कर देते थे, लेकिन उनका कनेक्शन समय पर नहीं मिलता था. इसकी बड़ी वजह थी कि कारपोरेशन के स्टोर में सामान ही उपलब्ध नहीं होता था. अब किसानों को बिजली विभाग बड़ी राहत देने की तैयारी कर रहा है. किसान अपने मनपसंद वेंडर चुन सकेंगे और उससे सामान की खरीद कर सकेंगे, जिससे उनका समय पर काम पूरा हो सकेगा.



प्रदेश भर में पूर्ण जमा योजना के तहत नए निजी नलकूप उपभोक्ता जो अपना कनेक्शन लेने के लिए बिजली कंपनियों में कॉस्ट डाटा बुक के तहत तय शुल्क के तहत एस्टीमेट जमा करते हैं, फिर बिजली कंपनियों के स्टोर से अपना सामान प्राप्त कर अपनी लाइन का निर्माण कराते हैं. इसके बाद उनका नया कनेक्शन निर्गत होता है. बडे़ पैमाने पर यह शिकायतें आती रहती हैं कि किसानों ने स्टीमेट का पैसा तो बिजली विभाग के पास जमा कर दिया, लेकिन स्टोरों में सामग्री की उपलब्धता न होने के कारण उन्हें सामान नहीं निर्गत हो पा रहा है. ऐसे में पावर कारपोरेशन ने नए निजी नलकूप विद्युत कनेक्शन की इस व्यवस्था को सरल करने के लिए किसानों को स्वयं लाइन निर्माण के लिए आवश्यक सामग्री का विकल्प देने के लिए पंजीकृत वेंडरों के सेलेक्शन पर सभी बिजली कंपनियों से राय मांगी है. इससे किसानों को सामग्री की खरीद करने के लिए पंजीकृत वेंडर की सूची बिजली कंपनियां किसानों को उपलब्ध कराएंगी. उसके आधार पर स्वेच्छा से अपनी सुविधानसार सामग्री की खरीद कर सकेंगे.

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि 'इस नई व्यवस्था को लागू किया जाना होगा. निश्चित तौर पर पावर कारपोरेशन का यह प्रस्ताव आने वाले समय में जब लागू होगा तो प्रदेश के किसानों को इसका बडे़ पैमाने पर लाभ होगा. उपभोक्ता परिषद ने पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार से मिलकर इस व्यवस्था को लागू कराने के लिए बिजली कंपनियों से प्रस्ताव मांगने को कहा है. उन्होंने बताया कि उपभोक्ता परिषद भी कुछ ऐसे पारदर्शी सुझाव देगा, जिससे आने वाले समय में किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके.'



अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि 'निश्चित तौर पर पावर कारपोरेशन की तरफ से वर्तमान प्रक्रिया के सरलीकरण के संबंध में जो कार्रवाई प्रस्तावित की गई है उसको पारदर्शी तरीके से लागू किया गया तो किसानों को काफी सहूलियत मिलेगी और वह अपने निजी नलकूप को समय से चालू करा सकेंगे. ऐसे में यह व्यवस्था भविष्य में किसानों के हित में साबित होगी. वर्तमान में अभी पूरे प्रदेश में लगभग 14 लाख निजी नलकूप के कनेक्शन हैं. आने वाले समय में अगर पारदर्शी तरीके से व्यवस्था लागू कराई गई तो निश्चित तौर पर किसानों के कनेक्शन पूरे उत्तर प्रदेश में बडे़ पैमाने पर बढेंगे जो किसानों के लिए जरूरी भी है.'

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि 'पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज देवराज ने इस प्रकार की नई व्यवस्था लागू कराने के लिए जो तैयारी की है निश्चित तौर पर उससे आने वाले समय में जो लाखों की संख्या में निजी नलकूप का कनेक्शन लेने वाले किसान हैं उन्हें बड़ा लाभ मिलेगा? इस प्रकार की व्यवस्था मीटर सहित कुछ सामग्री के मामले में वर्ष 2005-06 में भी लागू थी, लेकिन बिजली कार्मिकों ने उसका सही रूप से क्रियान्वयन नहीं किया.'

यह भी पढ़ें : Scrap Policy : 15 से 20 साल पुराने वाहन कराएं स्क्रैप, बकाए पर पाएं 75 फीसद तक टैक्स की छूट

लखनऊ : निजी नलकूपों के कनेक्शन के लिए किसान पावर कारपोरेशन के पास पूरा पैसा तो जमा कर देते थे, लेकिन उनका कनेक्शन समय पर नहीं मिलता था. इसकी बड़ी वजह थी कि कारपोरेशन के स्टोर में सामान ही उपलब्ध नहीं होता था. अब किसानों को बिजली विभाग बड़ी राहत देने की तैयारी कर रहा है. किसान अपने मनपसंद वेंडर चुन सकेंगे और उससे सामान की खरीद कर सकेंगे, जिससे उनका समय पर काम पूरा हो सकेगा.



प्रदेश भर में पूर्ण जमा योजना के तहत नए निजी नलकूप उपभोक्ता जो अपना कनेक्शन लेने के लिए बिजली कंपनियों में कॉस्ट डाटा बुक के तहत तय शुल्क के तहत एस्टीमेट जमा करते हैं, फिर बिजली कंपनियों के स्टोर से अपना सामान प्राप्त कर अपनी लाइन का निर्माण कराते हैं. इसके बाद उनका नया कनेक्शन निर्गत होता है. बडे़ पैमाने पर यह शिकायतें आती रहती हैं कि किसानों ने स्टीमेट का पैसा तो बिजली विभाग के पास जमा कर दिया, लेकिन स्टोरों में सामग्री की उपलब्धता न होने के कारण उन्हें सामान नहीं निर्गत हो पा रहा है. ऐसे में पावर कारपोरेशन ने नए निजी नलकूप विद्युत कनेक्शन की इस व्यवस्था को सरल करने के लिए किसानों को स्वयं लाइन निर्माण के लिए आवश्यक सामग्री का विकल्प देने के लिए पंजीकृत वेंडरों के सेलेक्शन पर सभी बिजली कंपनियों से राय मांगी है. इससे किसानों को सामग्री की खरीद करने के लिए पंजीकृत वेंडर की सूची बिजली कंपनियां किसानों को उपलब्ध कराएंगी. उसके आधार पर स्वेच्छा से अपनी सुविधानसार सामग्री की खरीद कर सकेंगे.

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि 'इस नई व्यवस्था को लागू किया जाना होगा. निश्चित तौर पर पावर कारपोरेशन का यह प्रस्ताव आने वाले समय में जब लागू होगा तो प्रदेश के किसानों को इसका बडे़ पैमाने पर लाभ होगा. उपभोक्ता परिषद ने पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार से मिलकर इस व्यवस्था को लागू कराने के लिए बिजली कंपनियों से प्रस्ताव मांगने को कहा है. उन्होंने बताया कि उपभोक्ता परिषद भी कुछ ऐसे पारदर्शी सुझाव देगा, जिससे आने वाले समय में किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके.'



अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि 'निश्चित तौर पर पावर कारपोरेशन की तरफ से वर्तमान प्रक्रिया के सरलीकरण के संबंध में जो कार्रवाई प्रस्तावित की गई है उसको पारदर्शी तरीके से लागू किया गया तो किसानों को काफी सहूलियत मिलेगी और वह अपने निजी नलकूप को समय से चालू करा सकेंगे. ऐसे में यह व्यवस्था भविष्य में किसानों के हित में साबित होगी. वर्तमान में अभी पूरे प्रदेश में लगभग 14 लाख निजी नलकूप के कनेक्शन हैं. आने वाले समय में अगर पारदर्शी तरीके से व्यवस्था लागू कराई गई तो निश्चित तौर पर किसानों के कनेक्शन पूरे उत्तर प्रदेश में बडे़ पैमाने पर बढेंगे जो किसानों के लिए जरूरी भी है.'

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि 'पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज देवराज ने इस प्रकार की नई व्यवस्था लागू कराने के लिए जो तैयारी की है निश्चित तौर पर उससे आने वाले समय में जो लाखों की संख्या में निजी नलकूप का कनेक्शन लेने वाले किसान हैं उन्हें बड़ा लाभ मिलेगा? इस प्रकार की व्यवस्था मीटर सहित कुछ सामग्री के मामले में वर्ष 2005-06 में भी लागू थी, लेकिन बिजली कार्मिकों ने उसका सही रूप से क्रियान्वयन नहीं किया.'

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