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महराजगंज: अभिभावकों ने फीस माफी को लेकर किया प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में विभिन्न स्कूलों के छात्र अभिभावकों ने फीस माफी को लेकर डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया और शुल्क माफ करने के लिए ज्ञापन सौंपा.

प्रदर्शन करते अभिभावक.
प्रदर्शन करते अभिभावक.
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Published : Sep 22, 2020, 7:44 AM IST

महराजगंज: वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते जिले में लाॅकडाउन से बंद स्कूलों में पढ़ाई नहीं होने के बाद भी विद्यालयों द्वारा शुल्क मांगा जा रहा है. इसे लेकर सोमवार को नौतनवा से डीएम कार्यालय पहुंचे अभिभावकों ने हाथ में "नो क्लास, नो फीस" की दफ्ती लेकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान अभिभावकों ने एडीएम को ज्ञापन देकर स्कूल बंद के दौरान शुल्क नहीं लिए जाने की मांग की.

प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों ने कहा कि जब कोरोना काल में स्कूल बंद है, कमाई भी नहीं है. ऐसे में विद्यालय प्रबंधन द्वारा शुल्क वसूलना अभिभावकों के साथ गलत है. अभिभावकों ने कहा कि नौतनवा में ऐसे दर्जनों विद्यालय संचालित हैं जिसमें अधिकतर ने शिक्षा के मंदिर को कमाई का जरिया बना लिया है. आम दिनों में तो यहां अभिभावकों को लूटा ही जाता है, वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण काल में भी नहीं छोड़ रहे हैं.

अभिभावकों का कहना है कि उनका व्यवसाय नेपाल पर निर्भर है. लॉकडाउन से सीमा सील होने से उनका व्यवसाय चौपट हो गया है. लॉकडाउन से पढ़ाई भी विद्यालयों में बंद है. ऑनलाइन कक्षाएं केवल कोरम पूरा करने के लिए की जा रही है. कई विद्यालयों में तो ऑनलाइन पढ़ाई शुरू भी नहीं हुई है. बिना पढ़ाए ही स्कूलों के कर्मचारी फोन करके शुल्क जमा करने का दबाव बना रहे हैं. फीस नहीं देने पर बच्चों की पढ़ाई बाधित करने की धमकी भी दे रहे हैं. अभिभावकों का कहना है कि इस संकटकाल को देखते हुए जबसे विद्यालय बंद है, तब से शुल्क न लिया जाए.

महराजगंज: वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते जिले में लाॅकडाउन से बंद स्कूलों में पढ़ाई नहीं होने के बाद भी विद्यालयों द्वारा शुल्क मांगा जा रहा है. इसे लेकर सोमवार को नौतनवा से डीएम कार्यालय पहुंचे अभिभावकों ने हाथ में "नो क्लास, नो फीस" की दफ्ती लेकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान अभिभावकों ने एडीएम को ज्ञापन देकर स्कूल बंद के दौरान शुल्क नहीं लिए जाने की मांग की.

प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों ने कहा कि जब कोरोना काल में स्कूल बंद है, कमाई भी नहीं है. ऐसे में विद्यालय प्रबंधन द्वारा शुल्क वसूलना अभिभावकों के साथ गलत है. अभिभावकों ने कहा कि नौतनवा में ऐसे दर्जनों विद्यालय संचालित हैं जिसमें अधिकतर ने शिक्षा के मंदिर को कमाई का जरिया बना लिया है. आम दिनों में तो यहां अभिभावकों को लूटा ही जाता है, वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण काल में भी नहीं छोड़ रहे हैं.

अभिभावकों का कहना है कि उनका व्यवसाय नेपाल पर निर्भर है. लॉकडाउन से सीमा सील होने से उनका व्यवसाय चौपट हो गया है. लॉकडाउन से पढ़ाई भी विद्यालयों में बंद है. ऑनलाइन कक्षाएं केवल कोरम पूरा करने के लिए की जा रही है. कई विद्यालयों में तो ऑनलाइन पढ़ाई शुरू भी नहीं हुई है. बिना पढ़ाए ही स्कूलों के कर्मचारी फोन करके शुल्क जमा करने का दबाव बना रहे हैं. फीस नहीं देने पर बच्चों की पढ़ाई बाधित करने की धमकी भी दे रहे हैं. अभिभावकों का कहना है कि इस संकटकाल को देखते हुए जबसे विद्यालय बंद है, तब से शुल्क न लिया जाए.

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