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महराजगंज में वन स्टॉप सेंटर के लिए आवंटित कमरों में लटक रहे ताले, नहीं हुई स्टाफ की नियुक्ति

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Published : Feb 18, 2020, 7:30 AM IST

यूपी के महराजगंज में वन स्टॉप सेंटर कब का बन चुका है. वहीं हिंसा की शिकार महिलाओं को रहने, सुरक्षा, प्रशिक्षण, चिकित्सा, काउंसिलिंग आदि की सुविधा देने के लिए यहां आज तक किसी भी पद पर स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई है.

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वन स्टॉप सेंटर के लिए आवंटित कमरों में लटक रहे ताले, नहीं हुई स्टाॅप की नियुक्ति

महराजगंज : जिला अस्पताल से सटी 100 शैय्या मैटर्निटी विंग में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित वन स्टॉप सेंटर के संचालन के लिए पांच कमरे आवंटित किए गए हैं, जहां ताले लटक रहे हैं. हिंसा की शिकार महिलाओं के रहने, सुरक्षा, प्रशिक्षण, चिकित्सा, काउंसिलिंग आदि सुविधा देने के लिए यहां आज तक किसी भी पद पर स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई है.

वन स्टॉप सेंटर में नहीं हुई स्टाफ की नियुक्ति.


हालांकि नियुक्ति के लिए आवेदन लिए गए हैं और जिम्मेदार अधिकारी शीघ्र ही नियुक्ति का दावा कर रहे है. वन स्टॉप सेन्टर के लिए भूमि चिन्हित की गई है. जिस पर भवन निर्माण के लिए धन आवंटित किया गया, लेकिन आज तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है. ऐसे में यहां वन स्टॉप सेन्टर का संचालन कागजों में सिमट कर रह गया है.

इसे भी पढ़ें: पूर्व माध्यमिक विद्यालय बना कस्तूरबा गांधी विद्यालय के शिक्षकों का आशियाना

वन स्टॉप सेंटर संचालन के लिए कोऑर्डिनेटर, काउंसलर, एडवोकेट, कंप्यूटर ऑपरेटर, सुरक्षा गार्ड, लिपिक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नियुक्ति 19 फरवरी को की जाएगी. जिसके बाद जिले की पीड़ित महिलाओं को सुरक्षा संरक्षण भरण पोषण व इलाज की सभी सुविधाएं सेंटर में ही मिलेंगी.

महराजगंज : जिला अस्पताल से सटी 100 शैय्या मैटर्निटी विंग में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित वन स्टॉप सेंटर के संचालन के लिए पांच कमरे आवंटित किए गए हैं, जहां ताले लटक रहे हैं. हिंसा की शिकार महिलाओं के रहने, सुरक्षा, प्रशिक्षण, चिकित्सा, काउंसिलिंग आदि सुविधा देने के लिए यहां आज तक किसी भी पद पर स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई है.

वन स्टॉप सेंटर में नहीं हुई स्टाफ की नियुक्ति.


हालांकि नियुक्ति के लिए आवेदन लिए गए हैं और जिम्मेदार अधिकारी शीघ्र ही नियुक्ति का दावा कर रहे है. वन स्टॉप सेन्टर के लिए भूमि चिन्हित की गई है. जिस पर भवन निर्माण के लिए धन आवंटित किया गया, लेकिन आज तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है. ऐसे में यहां वन स्टॉप सेन्टर का संचालन कागजों में सिमट कर रह गया है.

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वन स्टॉप सेंटर संचालन के लिए कोऑर्डिनेटर, काउंसलर, एडवोकेट, कंप्यूटर ऑपरेटर, सुरक्षा गार्ड, लिपिक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नियुक्ति 19 फरवरी को की जाएगी. जिसके बाद जिले की पीड़ित महिलाओं को सुरक्षा संरक्षण भरण पोषण व इलाज की सभी सुविधाएं सेंटर में ही मिलेंगी.

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