महराजगंज: दीपावली यूं तो सभी के लिए प्रकाश और खुशी का त्योहार होता है, लेकिन इन दिनों कुम्हारों के चेहरे की चमक कुछ फीकी दिख रही है. वहीं दूसरी ओर कुम्हारों को एक आस भी जगी है जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाया है.
सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन से मिली कुम्हारों को राहत
कुम्हारों को इस दीपावली एक उम्मीद है कि उनको निराश नहीं होना पड़ेगा और उनकी दिवाली अच्छी होगी. पिछले कुछ सालों से चाइनीज सामानों की वजह से इन कुम्हारों की बिक्री फिकी पड़ रही थी. चीनी झालरों ने बाजार में इस कदर दस्तक दे दी है कि लोग देसी दीयों के आगे चीन में बनी झालरों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन कुम्हारों के चेहरे पर खुशी लाने के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगा दिया है. अब बैन लगाने से इन कुम्हारों के दीयों की बिक्री में कितना इजाफा होगा यह आने वाला वक्त ही बताएगा.
चाइना के झालर फिके न करदे मिट्टी के दिये की चमक
चाइना मेड झालरों ने बाजार में इस कदर अपनी पैठ बना ली है कि शहरी लोगों के साथ-साथ ग्रामीण लोग और बच्चे विशेषकर के कुम्हार के दीयों को छोड़कर चीनी झालर ले रहे हैं. हालांकि कुम्हार विशेष किस्म की चिकनी मिट्टी को गुदने के बाद उसे अपने हिसाब से कई रुप देता है. वह मिट्टी के बर्तन बनाते हैं और ये मिट्टी के बर्तन पर्यावरण के हिसाब से भी अनुकूल होते हैं. साथ ही इस काम में लगे लोगों को रोजगार भी मुहैया रहता है. दीपावली का त्योहार आने वाला है लेकिन कुम्हारों को अभी भी दीपक खरीदने वालों की कमी महसूस हो रही है.
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महाराजगंज में परिवार का भरण पोषण मिट्टी के बर्तन और दीपक बनाकर करने वाले किशुन प्रजापति का कहना है कि वह करीब 30 वर्षों से मिट्टी के बर्तन बना कर जीवन यापन कर रहे हैं, लेकिन चाइना के झालरों ने उनके इस धंधे को बहुत प्रभावित कर दिया है. उनका कहना था कि पहले दीपावली में दो महीना पहले से ही दिया बनाया जाता था, लेकिन चाइनीज झालरों से अब इतनी बिक्री नहीं रह गई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन करने के बाद इन कुम्हारों को एक आस जगी है. इस दीपावली में दियों की बिक्री पिछले कुछ वर्षों से बेहतर होगी ऐसा कुम्हारों का कहना है. अब देखने वाली बात यह होगी कि सिंगल यूज प्लास्टिक के बैन के बाद लोग दीपावली में इन दियो का कितना प्रयोग होता हैं.