महराजगंज: जब एक वीर जवान अपने देश की अस्मिता की रक्षा करते हुए जान दे देता है, तो मर कर भी अमर हो जाता है और हमेशा के लिए लोगों के दिल में बस जाता है. उसकी शौर्य गाथाएं इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाती हैं. दो वर्ष पूर्व पुलवामा हमले में महराजगंज के हरपुर बेलहिया निवासी शहीद पंकज त्रिपाठी की आज (14 फरवरी) पुण्यतिथि है. शहीद के परिजन अपने बेटे के शहीद होने पर गर्व कर रहे हैं.
श्रद्धांजलि सभा का हुआ आयोजन
शहीद पंकज त्रिपाठी की दूसरी पुण्यतिथि पर उनके गांव हरपुर बेलहिया में स्थापित शहीद स्मारक पर जिला प्रशासन ने एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया. शहीद की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके बलिदान को याद किया गया. इस दौरान शहीद पंकज त्रिपाठी के परिवार के सदस्य भी मौजूद रहे. कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी ने युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें आगे आकर देश की सेवा करनी चाहिए.
पंकज सीआरपीएफ में चालक के पद पर तैनात थे. पंकज अपने पीछे एक बेटा और एक बेटी छोड़ गए हैं. पंकज त्रिपाठी की पत्नी रोहिणी को सरकार द्वारा उनके पति के शहीद के बाद सरकारी नौकरी भी मिल गई है. उनकी पत्नी का कहना है कि आज उनके पति उनके बीच नहीं हैं, लेकिन देश के लिए अपनी जान देने वाले अपने पति पर उन्हें गर्व है. वह अपने बेटे को भी सेना में भेजना चाहती हैं.
पंकज के पिता ओमप्रकाश त्रिपाठी के अंदर पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा साफ दिखता है. वे अपने बेटे की शहादत पर गर्व करते हैं. उनका कहना है कि वह अपने दूसरे बेटे को भी देश की सेवा के लिए सेना में भेजने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने पाकिस्तान और चीन की नापाक हरकतों का मुंहतोड़ जवाब देने की बात कही. वहीं, देश की सेवा के लिए युवाओं का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि युवाओं को देश की सेवा के लिए आगे आना चाहिए.
शहीद का भाई सेना में जाने को तैयार
शहीद पंकज का भाई सुभम भी अपने भाई की तरह सेना में जाने की तैयारी कर रहा है. अगर मौका मिला तो वह पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देंगे.