महाराजगंज: जिले के वन टांगिया गांव में मूलभूत सुविधाओं का भारी अभाव है. बारिश के दिनों में गांव की सड़कें बदहाल हो गई हैं. इस कारण ग्रामीणों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आलम ये है कि पात्र होते हुए भी तमाम लोगों को पेंशन की सुविधा तक नहीं मिल रही है.
वर्षों से मूलभूत सुविधाओं की लड़ाई लड़ रहे जिले के वन टांगिया गांव में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1 जनवरी 2018 को राजस्व गांव का प्रमाण दिया, तो ग्रामीणों में बुनियादी सुविधाओं की आस जगी. कुछ दिन बाद ही सरकार और स्थानीय प्रशासन के दावे हवा-हवाई साबित हुए. अभी तक न तो गांव की कच्ची सड़कों का निर्माण हुआ और न ही मूलभूत सुविधाएं बहाल हुईं.
गांव का कच्चा मार्ग इतना बदहाल है कि गांव में एंबुलेंस तक नहीं जा पाती और यदि गांव में कोई बीमार हो जाता है, तो उसे 3 किलोमीटर तक चारपाई पर रख कर पैदल लाया जाता है. इन मार्गों पर आए दिन बाइक सवार गिरकर घायल भी होते हैं. बदहाल कच्चे मार्ग के कारण स्कूली बच्चों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बच्चे तीन किलोमीटर दूरी तय कर रोजाना स्कूल जाते हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि जब गांव में सीएम योगी आए थे, तो उन्होंने सभी मूलभूत सुविधाओं को बहाल करने का वादा किया था. ग्रामीणों ने बताया कि विकास के नाम कर केवल लोगों को मुख्यमंत्री आवास ही मिला है. बहुत से पात्र ग्रामीणों को अभी तक विधवा, वृद्धा और विकलांग पेंशन नहीं मिलती है, जिस कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी पवन अग्रवाल ने बताया कि गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने का काम कराया जा रहा है. साथ ही सभी ग्रामीणों को सरकारी की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का लाभ देने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिन लाभार्थियों को मुख्यमंत्री आवास योजना की मनरेगा से मजदूरी नहीं मिली हैं, उन्हें जल्द की मजदूरी देने की व्यवस्था की जाएगी.