महराजगंज: जनपद के जवाहर लाल नेहरू पीजी कॉलेज के मैदान तीन दिवसीय महराजगंज महोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इस कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने किया. कॉलेज में कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हुई. इस महोत्सव में स्थानीय कलाकारों के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों के शामिल होने की संभावना है. 'सांस्कृतिक संध्या' पर महोत्सव के पहले दिन अनूप जलोटा के भजन सुनकर लोग भाव विभोर हो गए.
होठों से छू लो तुम, मेरे गीत अमर कर लो
जिले के 34वें स्थापना दिवस पर रविवार से तीन दिवसीय महराजगंज महोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इस कार्यक्रम का पहला दिन प्रख्यात भजन और गजल गायक अनूप जलोटा के नाम रहा. महोत्सव के पहले दिन अनूप जलोटा के भजन सुनकर यहां आए हुए लोग भावविभोर हो गए. 'ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन' और उसके बाद गजल भी पेश किया तुम इतना क्यों मुस्करा रहे हो.., होठों से छू लो तुम, मेरे गीत अमर कर लो.. जैसे गजलों पर अनूप जलोटा ने दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी.
34 वर्ष हुए पूरे
बता दें कि महराजगंज जनपद की स्थापना 2 अक्टूबर 1989 को हुई थी. महराजगंज जनपद ने अब 34 वर्ष पूरा कर लिया है. महाभारत काल से लेकर विभिन्न ऐतिहासिक कालों में इस जनपद के विभिन्न स्थलों का उल्लेख है. इस जिले में कन्हैया बाबा स्थान के रामग्राम स्तूप होने के अनेक प्रमाण हैं. जिसको मजबूत आधार प्रदान करने के लिए शासन और प्रशासन द्वारा प्रयास किया जा रहा है. पर्यटन के क्षेत्र में सरकार ने सोहगीबरवा इको–पर्यटन, ट्राम रेल, दर्जीनिया ताल सहित विभिन्न पर्यटन परियोजनाओं के माध्यम से जनपद के विकास की बात की जा रही है.
शिल्पकारों की हुई प्रशंसा
जिलाधिकारी ने सभी जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, आयोजन में लगे सहयोगी कर्मियों कलाकारों और विशेषकर अलग–अलग विद्यालयों से आए हुए बच्चों को धन्यवाद दिया. धन्यवाद ज्ञापन अपर जिलाधिकारी डॉ. पंकज कुमार वर्मा ने किया. इससे पूर्व मुख्य अतिथि सहित सभी विशिष्ट अतिथियों ने विभिन्न विद्यालयों द्वारा आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी का फीता काटा. इसके बाद प्रदर्शनी में विभिन्न विज्ञान मॉडलों के विषय में विद्यार्थियों से जानकारी प्राप्त की. इस अवसर पर विभिन्न जिलों से आए लोकल फार वोकल और स्थानीय स्तर पर निर्मित कार्पेट, रेशम साड़ी, मिट्टी से बनी वस्तुएं, खाद्य पदार्थ की स्टालों का निरीक्षण कर शिल्पकारों के हाथ के काम की सराहना की.