महराजगंज: सोनौली सीमा के रास्ते नेपाल में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे एक ईरानी नागरिक को आव्रजन विभाग के अधिकारियों ने जांच के दौरान पकड़ लिया. उसके पास से ईरान व ग्रीस दो देशों के फर्जी पासपोर्ट बरामद किए गए हैं. दोनों पासपोर्ट में नाम बदले गए थे , लेकिन फोटो और पता एक ही लिखा है. ग्रीस का पासपोर्ट व उसके साथ का संलग्न वीजा भी फर्जी पाया गया. इस मामले में ईरान के नागरिक के साथ एक अफगानी नागरिक और दिल्ली निवासी व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
सोनौली आव्रजन अधिकारी ने बताया कि 13 जनवरी की देर रात ईरानी नागरिक उनके पास आया था. वो भारत से नेपाल सीमा में जाने की अनुमति मांग रहा था. उसने पहले ईरान का पासपोर्ट और वीजा दिखाया. इसमें उसका नाम हमीदियन हुसैन पता 664 बीरीम अबदान, ईरान लिखा था. पासपोर्ट की जांच में 20 दिसंबर वर्ष 2019 में मुंबई एयरपोर्ट से भारत आने का जिक्र है. आव्रजन अधिकारियों ने जब छानबीन की तो उसका पासपोर्ट और वीजा फर्जी निकला. पासपोर्ट पर लगा मुंबई एयरपोर्ट का स्टैंप भी फर्जी पाया गया.
वीजा पर लगे स्टैंप जांच में फर्जी मिले हैं. उसके पास से मिले ग्रीस के पासपोर्ट में उसका नाम डीमिट्रीयस एलफ्थरीस टागारीस लिखा था, लेकिन फोटो और पता ईरान के पासपोर्ट वाला ही था. पूछताछ में आरोपी ईरानी नागरिक ने बताया कि दिल्ली में मिले अफगानिस्तान के नागरिक ओवैस ने उससे 2800 अमेरिकी डालर लेकर ग्रीस का पासपोर्ट बनवाया था और दिल्ली के निवासी नजला उर्फ कोलिवाला ने 300 अमेरिकी डालर लेकर वीजा व स्टैंप की व्यवस्था की थी.
प्रभारी निरीक्षक संजय सिंह ने बताया कि ईरान के नागरिक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है. बाकी दोनों आरोपियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. महराजगंज पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता ने बताया कि आरोपी के खिलाफ विदेशी अधिनियम एक्ट समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
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