महराजगंज: जिला अस्पताल के इंसेफेलाइटिस आईसीयू वार्ड में भर्ती नेपाल निवासी एक चार साल का मासूम अकेले ही जिंदगी और मौत से संघर्ष करते हुए देखभाल के अभाव में दम तोड़ दिया. मासूम की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उसकी निर्दयी मां उसे अस्पताल में ही छोड़कर चली गई. जो चार दिन बाद भी नहीं लौटी. देखभाल के अभाव में मासूम की सांसें गुरुवार की रात थम गईं. इतना ही नहीं मासूम का शव लेने भी कोई नहीं आया. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि अगर, मासूम के घर से कोई शव लेने नहीं आया तो शनिवार को प्रशासन की मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा.
नेपाल के बच्चे ने महराजगंज में तोड़ा दम
पड़ोसी देश नेपाल के नवल परासी जिला स्थित एक गांव के इस मासूम को तेज बुखार के साथ झटके आने पर 12 मई को जिला अस्पताल महराजगंज लाया गया था. जहां इंसेफेलाइटिस का लक्षण देख डॉक्टरों ने संबंधित आईसीयू वार्ड में भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया. जांच में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) की पुष्टि हुई. बीमारी के चलते मासूम बेहोश था. चार दिन इलाज के बाद भी बुखार कम नहीं हुआ तो 18 मई को उसकी कोरोना जांच हुई. रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसकी मां मासूम को अकेले छोड़कर चली गई. मां के चले जाने के बाद इंसेफेलाइटिस वार्ड में भर्ती मासूम की देखभाल भगवान भरोसे हो गयी. अस्पताल में तैनात नर्सों ने जहां तक हो सका मासूम की देखभाल की. डॉक्टर और स्टाफ नर्स के लाख कोशिशों के बाद भी गुरुवार की रात जिन्दगी और मौत से जूझते हुए मासूम ने दम तोड़ दिया.
इसे भी पढ़ें-नहीं थम रहा राजकीय बाल शिशु गृह मथुरा में बच्चों की मौत का सिलसिला
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एके श्रीवास्तव ने बताया की शनिवार को दोपहर तक बच्चे के परिजनों का इंतजार किया जाएगा. इसके बाद भी अगर कोई नहीं पहुंचा तो तहसील प्रशासन की उपस्थिति में मासूम के शव का अंतिम संस्कार करा दिया जाएगा.