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स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही, खुले में ही फेंकी जा रही उपयोग की हुई पीपीई किट - महराजगंज समाचार

यूपी के महराजगंज में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. यहां उपयोग के बाद खुले में पीपीई किट को फेंका जा रहा है. इससे कोरोना संक्रमण के फैलने का भी खतरा है.

खुले में फेंकी जा रही पीपीई किट
खुले में फेंकी जा रही पीपीई किट
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Published : Jul 14, 2020, 7:21 PM IST

महराजगंज: जिले में लगातार बढ़ रहे कोरोना के आंकड़ों के मद्देनजर जिला प्रशासन ने धनेवा धनेई स्थित जिला कारागार के समीप कोरोना टेस्टिंग कैम्प लगाया है. यहां प्रतिदिन कोरोना की जांच की जा रही है. स्वास्थ्य विभाग ने जांच में लगे अपने कर्मचारियों को पीपीई किट सहित अन्य सुरक्षा उपकरण मुहैया कराया है. सरकार की लाख कोशिशों के बाद यहां कर्मचारियों की लापरवाही देखने को मिल रही है. यहां उपयोग करने के बाद पीपीई किट को बॉयो वेस्ट में भेजने की बजाय खुले में फेंका जा रहा है. खुले में फेंके गए पीपीई किट से भी संक्रमण का खतरा हो सकता है.

खुले में फेंकी जा रही पीपीई किट.

उपयोग के बाद खुले में फेंकी जा रही पीपीई किट

जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से उपयोग किये गए पीपीई किट को बॉयो वेस्ट में भेजने का कोई उचित प्रबंध न होने से कर्मचारी पीपीई किट को खुले में फेंक रहे हैं. इससे संक्रमण फैलने की अधिक संभावनाएं हैं. एक एम्बुलेंस कर्मचारी ने बताया कि हम लोग पॉजिटिव मरीजों को क्वारंटाइन करने के बाद पीपीई किट को परिसर के कूड़े फेंकने के स्थान पर उतार देते हैं. जिसे यहां के सफाईकर्मी इसी स्थान पर जला देते हैं. वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एके श्रीवास्तव का कहना है कि उपयोग किये गए किट को बॉयो वेस्ट के लिए भेजा जा रहा है.

महराजगंज में कोरोना का कुल आंकड़ा पहुंचा 292

बता दें कि जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 112 हो गई है. वहीं स्वस्थ होकर डिस्चार्ज होने वालों की संख्या 177 है. अब तक जिले में कोरोना के कुल 292 मामले सामने आए हैं. बीते 15 दिनों में जिले में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन धनेवा-धनेई जिला कारागार के सामने कंपाउंड में कैम्प लगाकर लोगों की जांच करवा रहा है.

महराजगंज: जिले में लगातार बढ़ रहे कोरोना के आंकड़ों के मद्देनजर जिला प्रशासन ने धनेवा धनेई स्थित जिला कारागार के समीप कोरोना टेस्टिंग कैम्प लगाया है. यहां प्रतिदिन कोरोना की जांच की जा रही है. स्वास्थ्य विभाग ने जांच में लगे अपने कर्मचारियों को पीपीई किट सहित अन्य सुरक्षा उपकरण मुहैया कराया है. सरकार की लाख कोशिशों के बाद यहां कर्मचारियों की लापरवाही देखने को मिल रही है. यहां उपयोग करने के बाद पीपीई किट को बॉयो वेस्ट में भेजने की बजाय खुले में फेंका जा रहा है. खुले में फेंके गए पीपीई किट से भी संक्रमण का खतरा हो सकता है.

खुले में फेंकी जा रही पीपीई किट.

उपयोग के बाद खुले में फेंकी जा रही पीपीई किट

जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से उपयोग किये गए पीपीई किट को बॉयो वेस्ट में भेजने का कोई उचित प्रबंध न होने से कर्मचारी पीपीई किट को खुले में फेंक रहे हैं. इससे संक्रमण फैलने की अधिक संभावनाएं हैं. एक एम्बुलेंस कर्मचारी ने बताया कि हम लोग पॉजिटिव मरीजों को क्वारंटाइन करने के बाद पीपीई किट को परिसर के कूड़े फेंकने के स्थान पर उतार देते हैं. जिसे यहां के सफाईकर्मी इसी स्थान पर जला देते हैं. वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एके श्रीवास्तव का कहना है कि उपयोग किये गए किट को बॉयो वेस्ट के लिए भेजा जा रहा है.

महराजगंज में कोरोना का कुल आंकड़ा पहुंचा 292

बता दें कि जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 112 हो गई है. वहीं स्वस्थ होकर डिस्चार्ज होने वालों की संख्या 177 है. अब तक जिले में कोरोना के कुल 292 मामले सामने आए हैं. बीते 15 दिनों में जिले में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन धनेवा-धनेई जिला कारागार के सामने कंपाउंड में कैम्प लगाकर लोगों की जांच करवा रहा है.

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