लखनऊ: राजधानी के कैंट थाना क्षेत्र में पुलिस पर थर्ड डिग्री टॉर्चर( degree torture) करने का आरोप लगा है. आरोप है कि महिपाल खेड़ा के रहने वाले आशीष यादव नाम के युवक को रंजन बाजार चौकी के पुलिसकर्मियों ने मंगलवार को चोरी के आरोप में पकड़ा था. जिसके बाद पुलिस ने चोरी के जेवर बरामद कराने और वारदात स्वीकार करने का दबाव बनाते हुए आशीष को पहले तो चौकी में बंद रखा. उसके बाद पुलिस वालों ने आशीष को पेड़ से बांधकर पीटा इतना ही नहीं करंट भी लगाया. आशीष ने आरोप लगाया है कि पुलिस उसे 3 घंटे तक पीटती रही, जब कुछ पता नहीं चला तो उसे छोड़ दिया.
चोरी की घटना की पूछताछ के लिए बुलाया था चौकी
मिली जानकारी के मुताबिक, महिपाल खेड़ा का रहने आशीष यादव गोमती नगर में एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था. कोरोना महामारी के कारण उसकी नौकरी चली गई थी, जिसके कारण इन दिनों वह घर पर ही रहता था. मंगलवार की दोपहर वह घर के बाहर किसी काम से गया था. इसी दौरान रंजन बाजार चौकी से पुलिसकर्मी उसके घर पहुंचे. पुलिसवालों ने उसकी मां और भाई से उसके बारे में पूछताछ की और उसे चौकी भेजने के लिए कहा. घर वापस आने पर भाई सूरज के साथ आशीष चौकी पहुंचा. जहां उसके भाई को घर भेज दिया और उसे रोककर पूछताछ शुरू की. पूछताछ के दौरान पुलिस वाले पड़ोस में रहने वाली बरखा के यहां तीन-चार दिन पहले हुई चोरी की घटना को कबूल करने का उसपर दबाव बना रहे थे. आशीष की मानें तो इस दौरान उसपर चोरी के जेवर बरामद कराने का दबाव बनाया गया.
पुलिसकर्मियों पर पिटाई का आरोप
इस पर उसने कहा कि उसने चोरी की ही नहीं तो स्वीकार क्यों करे. इस पर पुलिसकर्मी भड़क गए और गालियां देते हुए उसे पीटना शुरु कर दिया. इसके बाद पेड़ से बांधकर पीटा और करंट लगाया. करीब 3 घंटे बीतने के बाद जब आशीष के घर वाले पहुंचे. परिजनों के काफी दबाव बनाने पर पुलिस वालों ने किसी को कुछ न बताने की धमकी देते हुए उसे भेजा. आशीष के परिजनों का आरोप है कि वह थाने से लड़खड़ाते हुए घर तक पहुंचा. पुलिस की पिटाई से उसकी गर्दन से लेकर पीठ-पेट और हाथ-पैरों में गंभीर चोटें आईं हैं. जिसके बाद ही उसकी मां उसको लेकर स्थानीय डॉक्टर के पास इलाज कराने ले गई.
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थाना प्रभारी ने पिटाई की बात को नकारा
कैंट थाना प्रभारी निरीक्षक नीलम राणा ने बताया कि तीन-चार दिन पहले आशीष के पड़ोस में रहने वाली बरखा के घर में चोरी हुई थी. इसी मामले में उससे पूछताछ की गई है. बरखा को आशीष की बहन ने ही मकान किराए पर दिलाया था. आशीष का भाई चोरी के मामले में पहले भी जेल जा चुका है इसलिए बरखा को आशीष पर शक था. आशीष की बहन घटना के दिन ही बरखा को मेहंदी लगाने के लिए गई थी. थाना प्रभारी निरीक्षक नीलम राणा ने इस पूरे मामले पर बताया कि आशीष से सिर्फ पूछताछ की गई है. पिटाई की बात को उन्होंने निराधार बताया है.
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