ETV Bharat / state

योगी सेना के प्रमुख की जमानत अर्जी खारिज, सीएम की फोटो लगाकर करता था धन उगाही

गैंगस्टर कोर्ट ने योगी सेना के प्रमुख की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. अभियुक्त कुलदीप शर्मा धन उगाही के लिए मुख्यमंत्री की फोटो का इस्तेमाल करता था. कुलदीप को हरियाणा के करनाल से गिरफ्तार किया गया था.

author img

By

Published : Jul 8, 2021, 10:03 PM IST

योगी सेना के प्रमुख की जमानत अर्जी खारिज
योगी सेना के प्रमुख की जमानत अर्जी खारिज

लखनऊ : गैंगस्टर कोर्ट ने सोशल मीडिया पर योगी सेना नाम से वेबसाइट बनाने और सीएम योगी की फोटो के साथ अपनी फोटो लगाकर लोगों से धन उगाही करने के मामले में जेल में बंद अभियुक्त कुलदीप शर्मा की जमानत अर्जी को खारिज कर दी है. कोर्ट की विशेष जज कल्पना ने कहा कि प्रथम दृष्टया अभियुक्त का अपराध गंभीर है और वह जमानत पर रिहाई पाने योग्य नहीं है.

मामले की बहस के दौरान वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अवधेश सिंह ने अभियुक्त की जमानत अर्जी का विरोध किया. उनका कहना था कि अभियुक्त का एक संगठित गिरोह है. अभियुक्त अपने आर्थिक और भौतिक लाभ के लिए इस प्रकार के अपराधों में संलिप्त रहता है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि नवंबर 2020 में इस मामले की एफआईआर साइबर क्राइम के प्रभारी मथुरा राय ने धोखाधड़ी आदि की धाराओं में थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. विवेचना के दौरान अभियुक्त को हरियाणा के करनाल से गिरफ्तार किया गया था. अभियुक्त के साथी व इस मामले में वांछित चार अन्य अभियुक्तों को भी गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जा चुका है.

इसे भी पढ़ें- गणतंत्र दिवस हिंसा : अदालत ने लक्खा सिधाना को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की

पुलिस ने 25 जनवरी 2021 को सभी अभियुक्तों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट में भी आरोप पत्र दाखिल किया है. वहीं अभियुक्त के अधिवक्ता ने दलील दी कि विवेचना पूरी हो चुकी है और आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है, ऐसे में अभियुक्त को न्यायिक हिरासत में रखने का कोई औचित्य नहीं है. हालांकि कोर्ट ने इस दलील को नकार दिया.

लखनऊ : गैंगस्टर कोर्ट ने सोशल मीडिया पर योगी सेना नाम से वेबसाइट बनाने और सीएम योगी की फोटो के साथ अपनी फोटो लगाकर लोगों से धन उगाही करने के मामले में जेल में बंद अभियुक्त कुलदीप शर्मा की जमानत अर्जी को खारिज कर दी है. कोर्ट की विशेष जज कल्पना ने कहा कि प्रथम दृष्टया अभियुक्त का अपराध गंभीर है और वह जमानत पर रिहाई पाने योग्य नहीं है.

मामले की बहस के दौरान वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अवधेश सिंह ने अभियुक्त की जमानत अर्जी का विरोध किया. उनका कहना था कि अभियुक्त का एक संगठित गिरोह है. अभियुक्त अपने आर्थिक और भौतिक लाभ के लिए इस प्रकार के अपराधों में संलिप्त रहता है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि नवंबर 2020 में इस मामले की एफआईआर साइबर क्राइम के प्रभारी मथुरा राय ने धोखाधड़ी आदि की धाराओं में थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. विवेचना के दौरान अभियुक्त को हरियाणा के करनाल से गिरफ्तार किया गया था. अभियुक्त के साथी व इस मामले में वांछित चार अन्य अभियुक्तों को भी गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जा चुका है.

इसे भी पढ़ें- गणतंत्र दिवस हिंसा : अदालत ने लक्खा सिधाना को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की

पुलिस ने 25 जनवरी 2021 को सभी अभियुक्तों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट में भी आरोप पत्र दाखिल किया है. वहीं अभियुक्त के अधिवक्ता ने दलील दी कि विवेचना पूरी हो चुकी है और आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है, ऐसे में अभियुक्त को न्यायिक हिरासत में रखने का कोई औचित्य नहीं है. हालांकि कोर्ट ने इस दलील को नकार दिया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.