लखनऊ : अयोध्या में जमीन खरीद के मामले में चल रही घोटाले की खबरों पर सत्ताधारी दल और विपक्षी पार्टियां एक दूसरे पर हमलावर हो गयी हैं. सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने इस मामले में जांच कराने की मांग भी की है.
इस प्रकरण में समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा है कि यह प्रकरण काफी गंभीर है. प्रभु राम हमारे आस्था का विषय हैं. प्रभु राम की आस्था में कोई घोटाला नहीं होना चाहिए. लोग बड़ी श्रद्धा से वहां पर चंदा देते हैं. उस एक-एक पैसे का हिसाब होना चाहिए. पारदर्शिता होनी चाहिए. अगर वहां कोई भ्रष्टाचार होता है तो ये गलत है. सकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. जो दोषी हैं उनको सजा मिलनी चाहिए.
हालांकि उनके इस बयान पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि जिनके हाथ रामभक्तों के खून से रंगे हैं, वे राममंदिर निर्माण को लेकर सलाह न दें. कहा कि जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वे केवल आरोप हैं. इनकी जांच की जाएगी. यदि किसी का दोष सामने आया तो उसी के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी.
उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने अयोध्या जमीन खरीद प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट की बेंच की देखरेख में जांच कराने की मांग की है. कहा कि अयोध्या में राम जन्मभूमि का विवाद हाई कोर्ट-सुप्रीम कोर्ट से जाकर तय हुआ. उसमें करोड़ों हिंदुओं की आस्था है. छिटपुट आरोप चंदे को लेकर लगते रहे. निर्माण को लेकर लगते रहे. आज जो कागजात सामने आए हैं, उन्हें देखकर ऐसा लगता है कि यह जो कुछ हुआ है वह भगवान राम की आस्था के साथ विश्वासघात है.
ट्रस्टी दो करोड़ की जमीन खरीद कर ₹18 करोड़ में बेच देता है. यह भगवान श्रीराम के नाम पर छल किया गया है. जिन्हें जीवित आइडियल मानकर सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट बता रहे थे, उन्हीं भगवान राम को 15 मिनट के अंदर दो करोड़ की जमीन 18 करोड़ में बेच दी जाती है. यानी भगवान से 900% मुनाफा कमाया गया. उसी दिन उसी घंटे के अंदर कितना बड़ा धोखा किया गया है. इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट की बेंच की देखरेख में जांच होनी चाहिए. जो दोषी हो, उन्हें ऐतिहासिक सजा भी मिलनी चाहिए, यह मैं भारत सरकार से मांग करता हूं.
उधर, अल्पसंख्यक कांग्रेस के चेयरमैन शाहनवाज आलम ने कहा कि कम से कम योगी-मोदी को जनता से डर नहीं लगता लेकिन भगवान से तो उन्हें डरना ही चाहिए. अयोध्या में भगवान के नाम पर जनता की आस्था से जो खिलवाड़ किया जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी को शर्म आनी चाहिए. सामने आकर भाजपा को जवाब देना चाहिए.
ऐसा आरोप कोई पहली बार नहीं लग रहा है. जबसे अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा चल रहा है, तभी से इस तरह के तमाम आरोप भाजपा नेताओं पर लग चुके हैं. जमीन खरीद में जो आरोप लगे हैं, इसके पीछे की सत्यता को सामने आकर जनता को बताना चाहिए. कम से कम भाजपा के नेताओं को लोगों की आस्था से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए.
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आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता वैभव माहेश्वरी ने कहा कि यह बहुत चौकाने वाला मामला है. इसे आम आदमी पार्टी ने ही खोला था. अभी तक कोरोना काल के दौरान भाजपा ने मेडिकल इक्विपमेंट घोटाला, ऑक्सीजन घोटाला, कफन घोटाला किया. हम समझते थे कि राम मंदिर चूंकि लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ विषय है, इसे तो कम से कम ईमानदारी से बनाया जा रहा होगा.
तमाम परेशानियां उठाने के बाद लोगों ने ₹100 से लेकर एक लाख तक चंदा दिया लेकिन इस तरह का घोटाला होना जनता की आस्था से खिलवाड़ है. अभी तो मंदिर निर्माण भी शुरू नहीं हुआ है. जमीन में ही इतना बड़ा घोटाला कर दिया है. इसका अर्थ है कि उन्हें मंदिर, आस्था और भगवान से लेना देना नहीं है. इनका जो विश्वास है, वह सिर्फ घोटाले में ही है. चाहे वह लोगों की लाशों पर घोटाला किया जाए या भगवान राम के मंदिर जमीन खरीद में.
इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप सिंह ने कहा कि आप या अन्य पार्टियां केवल लांछन लगाने और सरकार को बदनाम करने में जुटी हुई हैं. कहा कि जब से संजय सिंह प्रदेश में आये हैं, तब से रोजाना कोई न कोई आरोप लगा कर भाजपा को बदनाम करने की कोशिश करते रहते हैं. वहीं, कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि विपक्ष के पास मुद्दा नहीं है. इसलिए अब अनर्गल प्रलाप कर रहा है.
इस मामले पर संबंधित पक्ष ही आधिकारिक उत्तर देगा
डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि मंदिर के संबंध में कुछ लोग प्रलाप कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि प्रकरण से उन्हें परहेज करने वाले वही लोग हैं जिन्हें राम मंदिर बनने से एलर्जी है. समय-समय पर यह एलर्जी दिखती रहती है. दिनेश शर्मा ने कहा कि ये वही लोग हैं जो कभी कह देंगे कि रामसेतु नहीं था, कभी कहेंगे कि भगवान राम काल्पनिक हैं, कभी वह लोग कहते हैं कि रामलला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे लेकिन तारीख नहीं बताएंगे, जैसे व्यंग और कटाक्ष करते रहते हैं. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पर अनर्गल प्रलाप करना इन लोगों की आदत में आ गया है. वह मंदिर प्रकरण को विवादित करने के लिए अवसर खोजते रहते हैं. यही वजह है कि वह लोग इस तरह के आरोप लगा रहे हैं. बावजूद इसके मैं कहना चाहूंगा कि इस पर संबंधित पक्ष ही आधिकारिक उत्तर देगा.