लखनऊ: कानपुर के बर्रा में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की अपहरण और हत्या के बाद अब इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराई जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घटना की सीबीआई जांच कराने की संस्तुति केंद्र सरकार से करेंगे. कानपुर में संजीत के साथ काम करने वाले लोगों ने उसका अपहरण कर उसकी हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद लगातार कानपुर पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे थे. परिजनों का कहना था कि उन्होंने अपने बेटे संजीव को अपहरणकर्ताओं से छुड़ाने के लिए बैग में रखकर तीस लाख रुपये दिए थे. वहीं पुलिस को गिरफ्तार अपहरणकर्ताओं से पैसे बरामद नहीं हुए हैं.
ऐसे में पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं, जिसके बाद शासन ने कार्रवाई करते हुए कानपुर की एसपी अपर्णा गुप्ता व सीओ सहित थाना इंचार्ज समेत 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया था. मामले की जांच के लिए एडीजी स्तर के अधिकारी बीपी जोगदंड को भी कानपुर भेजा गया था. इसी बीच योगी आदित्यनाथ सरकार ने कानपुर के बर्रा में हुई इस आपराधिक घटना को लेकर सीबीआई जांच कराने का मन बनाया है.
क्या था पूरा घटनाक्रम
22 जून 2020 को पैथोलॉजी में काम करने वाले संजीत यादव का अपहरण हुआ था. परिजनों के अनुसार फिरौती की मांग पर 13 जुलाई को एक बैग में तीस लाख रुपये अपहरणकर्ताओं को दिए गए. अपहरणकर्ताओं को पैसा देने से पहले पुलिस को सूचना दी गई थी. पुलिस ने आश्वासन दिया था कि पैसे देते समय अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. लेकिन उस दिन फिरौती की रकम देने के दौरान पुलिस की गिरफ्त में ना ही अपहरणकर्ता आए और ना ही रुपयों से भरा बैग ही वापस मिला. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मृतक संजीत के दोस्त कुलदीप, श्याम बाबू समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया.
गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया था कि उन्होंने पैसों के लालच में संजीत का अपहरण किया था और बाद में हत्या कर दी. हत्या करने के बाद शव को पांडु नदी में फेंक दिया था. आरोपियों ने फिरौती की रकम मिलने की बात से इनकार कर दिया था.