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कानपुर बर्रा हत्याकांड: योगी सरकार केंद्र से CBI जांच की सिफारिश करेगी - योगी सरकार करेगी सीबीआई की सिफारिश

यूपी सरकार ने कानपुर में संजीत यादव अपहरण-मर्डर केस की जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया है. लैब टेक्निशियन संजीत यादव की अपहरण के बाद हत्या मामले की सीबीआई जांच करने की सिफारिश योगी सरकार केंद्र सरकार से करेगी.

योगी सरकार केंद्र से CBI जांच की सिफारिश करेगी
योगी सरकार केंद्र से CBI जांच की सिफारिश करेगी
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Published : Aug 2, 2020, 11:18 AM IST

Updated : Aug 2, 2020, 1:21 PM IST

लखनऊ: कानपुर के बर्रा में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की अपहरण और हत्या के बाद अब इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराई जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घटना की सीबीआई जांच कराने की संस्तुति केंद्र सरकार से करेंगे. कानपुर में संजीत के साथ काम करने वाले लोगों ने उसका अपहरण कर उसकी हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद लगातार कानपुर पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे थे. परिजनों का कहना था कि उन्होंने अपने बेटे संजीव को अपहरणकर्ताओं से छुड़ाने के लिए बैग में रखकर तीस लाख रुपये दिए थे. वहीं पुलिस को गिरफ्तार अपहरणकर्ताओं से पैसे बरामद नहीं हुए हैं.

जानकारी देते एसएसपी

ऐसे में पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं, जिसके बाद शासन ने कार्रवाई करते हुए कानपुर की एसपी अपर्णा गुप्ता व सीओ सहित थाना इंचार्ज समेत 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया था. मामले की जांच के लिए एडीजी स्तर के अधिकारी बीपी जोगदंड को भी कानपुर भेजा गया था. इसी बीच योगी आदित्यनाथ सरकार ने कानपुर के बर्रा में हुई इस आपराधिक घटना को लेकर सीबीआई जांच कराने का मन बनाया है.

क्या था पूरा घटनाक्रम
22 जून 2020 को पैथोलॉजी में काम करने वाले संजीत यादव का अपहरण हुआ था. परिजनों के अनुसार फिरौती की मांग पर 13 जुलाई को एक बैग में तीस लाख रुपये अपहरणकर्ताओं को दिए गए. अपहरणकर्ताओं को पैसा देने से पहले पुलिस को सूचना दी गई थी. पुलिस ने आश्वासन दिया था कि पैसे देते समय अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. लेकिन उस दिन फिरौती की रकम देने के दौरान पुलिस की गिरफ्त में ना ही अपहरणकर्ता आए और ना ही रुपयों से भरा बैग ही वापस मिला. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मृतक संजीत के दोस्त कुलदीप, श्याम बाबू समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया.

sanjit yadav myrder case
योगी सरकार केंद्र से बर्रा अपहरण हत्याकांड की CBI जांच की सिफारिश करेगी

गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया था कि उन्होंने पैसों के लालच में संजीत का अपहरण किया था और बाद में हत्या कर दी. हत्या करने के बाद शव को पांडु नदी में फेंक दिया था. आरोपियों ने फिरौती की रकम मिलने की बात से इनकार कर दिया था.

लखनऊ: कानपुर के बर्रा में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की अपहरण और हत्या के बाद अब इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराई जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घटना की सीबीआई जांच कराने की संस्तुति केंद्र सरकार से करेंगे. कानपुर में संजीत के साथ काम करने वाले लोगों ने उसका अपहरण कर उसकी हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद लगातार कानपुर पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे थे. परिजनों का कहना था कि उन्होंने अपने बेटे संजीव को अपहरणकर्ताओं से छुड़ाने के लिए बैग में रखकर तीस लाख रुपये दिए थे. वहीं पुलिस को गिरफ्तार अपहरणकर्ताओं से पैसे बरामद नहीं हुए हैं.

जानकारी देते एसएसपी

ऐसे में पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं, जिसके बाद शासन ने कार्रवाई करते हुए कानपुर की एसपी अपर्णा गुप्ता व सीओ सहित थाना इंचार्ज समेत 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया था. मामले की जांच के लिए एडीजी स्तर के अधिकारी बीपी जोगदंड को भी कानपुर भेजा गया था. इसी बीच योगी आदित्यनाथ सरकार ने कानपुर के बर्रा में हुई इस आपराधिक घटना को लेकर सीबीआई जांच कराने का मन बनाया है.

क्या था पूरा घटनाक्रम
22 जून 2020 को पैथोलॉजी में काम करने वाले संजीत यादव का अपहरण हुआ था. परिजनों के अनुसार फिरौती की मांग पर 13 जुलाई को एक बैग में तीस लाख रुपये अपहरणकर्ताओं को दिए गए. अपहरणकर्ताओं को पैसा देने से पहले पुलिस को सूचना दी गई थी. पुलिस ने आश्वासन दिया था कि पैसे देते समय अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. लेकिन उस दिन फिरौती की रकम देने के दौरान पुलिस की गिरफ्त में ना ही अपहरणकर्ता आए और ना ही रुपयों से भरा बैग ही वापस मिला. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मृतक संजीत के दोस्त कुलदीप, श्याम बाबू समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया.

sanjit yadav myrder case
योगी सरकार केंद्र से बर्रा अपहरण हत्याकांड की CBI जांच की सिफारिश करेगी

गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया था कि उन्होंने पैसों के लालच में संजीत का अपहरण किया था और बाद में हत्या कर दी. हत्या करने के बाद शव को पांडु नदी में फेंक दिया था. आरोपियों ने फिरौती की रकम मिलने की बात से इनकार कर दिया था.

Last Updated : Aug 2, 2020, 1:21 PM IST
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