लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार गांव के विकास के लिए अब सरकारी इंजीनियरों के साथ-साथ प्राइवेट इंजीनियरों की भी मदद लेगी. शासन के अफसरों के मुताबिक गांव के विकास को लेकर बनने वाले प्रोजेक्ट्स और उनको लेकर बनने वाले मेजरमेंट बनाने में प्राइवेट अभियंताओं का पैनल तैयार किया जा रहा है. इसके लिए पंचायती राज विभाग ने करीब 1800 से अधिक डिग्री और डिप्लोमा धारक इंजीनियरों का एक पैनल तैयार करने का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे जल्द ही शासन स्तर से मंजूरी दी जाएगी.
शासन के अफसरों का कहना है कि प्रदेश के ग्राम प्रधानों को अब ग्रामीण अभियंत्रण विभाग और लोक निर्माण विभाग जैसे सरकारी विभागों के इंजीनियरों के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा. अब गांव के विकास के लिए प्राइवेट अभियंताओं की पूरी मदद ली जाएगी. इनके माध्यम से प्रोजेक्ट और उसका मैनेजमेंट बनाने का काम किया जाएगा. इसके बाद ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव के स्तर पर उसे मंजूरी दी जाएगी, जिससे गांव के विकास के कार्य ठीक ढंग से और तेजी के साथ आगे बढ़ सकेंगे. इससे सरकारी अभियंताओं की मनमानी और काम में लेटलतीफी पर भी अंकुश लगेगा. साथ ही निर्माण कार्यों में तेजी आएगी. इसमें सड़क, नाली, खड़ंजा, पानी की टंकियों का निर्माण या अन्य तरह के निर्माण कार्य शामिल हैं.
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वहीं, पंचायती राज निदेशक अनुज कुमार झा ने बताया कि विभाग की तरफ से 1800 डिग्री और डिप्लोमा धारक सिविल इंजीनियरों का एक पैनल तैयार करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. इसको लेकर सभी से आवेदन लेने की प्रक्रिया चल रही है. मेरिट के आधार पर इनका चयन किया जाएगा. इसके बाद उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में 25 अभियंताओं की तैनाती की जाएगी, जिससे ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों के स्टीमेट नक्शे मेजरमेंट निर्माण कार्यों के प्रोजेक्ट आदि बनाने के काम में तेजी लाई जा सकेगी.
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