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प्राइमरी स्कूल के बच्चों को ड्रेस के लिए खाते में पैसा भेजेगी सरकार - यूपी सरकार

प्रदेश सरकार स्कूलों में भ्रष्टाचार रोकने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है. सरकार बच्चों को स्कूल ड्रेस, जूता, मोजा और बैग देने के बजाए अभिभावक के खाते में पैसे भेजने की तैयारी कर रही है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग इसका प्रस्ताव तैयार कर रहा है. सरकार कैबिनेट में लाकर इसे पास कराएगी. इसके बाद राज्य डेढ़ लाख से अधिक स्कूलों में लागू किया जाएगा.

यूपी विधानसभा.
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Published : Apr 5, 2021, 9:46 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले स्कूली बच्चों को यूनिफॉर्म, बैग और जूते खरीदने के लिए करीब 1100 रुपये मिलेंगे. हर साल इन चीजों के वितरण होने में देरी की शिकायत आती रही है. कई बार सरकार के सामने भ्रष्टाचार का मामला भी उठा है. ऐसे में सरकार ने निर्णय लिया है. बेसिक शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है. इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है. प्रस्ताव में स्पष्ट तौर पर यह कहा गया है कि विभाग अब इसकी खरीद नहीं करेगा. इसके एवज में प्रत्येक लाभार्थी के खाते में एक निश्चित राशि भेजी जाएगी.

इसे भी पढ़ें- श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में अगली सुनवाई 30 अप्रैल को

भ्रष्टाचार पर लगेगी रोक

ज्ञात हो प्रदेश में करीब डेढ़ लाख सरकारी प्राथमिक विद्यालय हैं. इन स्कूलों में डेढ़ करोड़ से अधिक बच्चे पढ़ाई करते हैं. डेढ़ करोड़ बच्चों को हर साल स्कूल ड्रेस, जूता, मोजा और बैग उपलब्ध कराना किसी चुनौती से कम नहीं है. सरकार के इस निर्णय से न सिर्फ भ्रष्टाचार और अव्यवस्थाओं पर रोक लगेगी. बल्कि शिक्षकों का भी काम हल्का हो जाएगा. अभी शिक्षकों को एक-एक बच्चे को ड्रेस वितरित करके रजिस्टर पर दर्ज करना पड़ रहा है. बैंक खाते में पैसे जाने से शिक्षकों का समय बचेगा. यह समय वे शिक्षण कार्य में लगा सकेंगे.

लखनऊः उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले स्कूली बच्चों को यूनिफॉर्म, बैग और जूते खरीदने के लिए करीब 1100 रुपये मिलेंगे. हर साल इन चीजों के वितरण होने में देरी की शिकायत आती रही है. कई बार सरकार के सामने भ्रष्टाचार का मामला भी उठा है. ऐसे में सरकार ने निर्णय लिया है. बेसिक शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है. इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है. प्रस्ताव में स्पष्ट तौर पर यह कहा गया है कि विभाग अब इसकी खरीद नहीं करेगा. इसके एवज में प्रत्येक लाभार्थी के खाते में एक निश्चित राशि भेजी जाएगी.

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ज्ञात हो प्रदेश में करीब डेढ़ लाख सरकारी प्राथमिक विद्यालय हैं. इन स्कूलों में डेढ़ करोड़ से अधिक बच्चे पढ़ाई करते हैं. डेढ़ करोड़ बच्चों को हर साल स्कूल ड्रेस, जूता, मोजा और बैग उपलब्ध कराना किसी चुनौती से कम नहीं है. सरकार के इस निर्णय से न सिर्फ भ्रष्टाचार और अव्यवस्थाओं पर रोक लगेगी. बल्कि शिक्षकों का भी काम हल्का हो जाएगा. अभी शिक्षकों को एक-एक बच्चे को ड्रेस वितरित करके रजिस्टर पर दर्ज करना पड़ रहा है. बैंक खाते में पैसे जाने से शिक्षकों का समय बचेगा. यह समय वे शिक्षण कार्य में लगा सकेंगे.

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