लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार ने भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत आईएएस राजीव कुमार को अनिवार्य सेवानिवृत्त करने का फैसला किया है. राज्य सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के तहत जेल में बंद आईएएस राजीव कुमार को अनिवार्य सेवानिवृत्त किए जाने को लेकर नोटिस जारी किया गया है.
दिसंबर माह में रिटायरमेंट IAS राजीव कुमार का होना है रिटायरमेंट
आईएएस राजीव कुमार पर नोएडा प्लॉट आवंटन घोटाले का आरोप है और वह पिछले काफी समय से जेल में भी बंद है. दिसंबर महीने में राजीव कुमार का रिटायरमेंट भी होना है. ऐसे में सरकार की किसी आईएएस अफसर के खिलाफ अनिवार्य सेवानिवृत्त की कार्रवाई को महज दिखावा माना जा रहा है.
आईएएस राजीव कुमार को अनिवार्य सेवानिवृत्त किए जाने को लेकर नोटिस जारी की गई है और उनका जवाब आने के बाद पूरा प्रत्यावेदन केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. इसके बाद ही आगे की कार्रवाई हो पाएगी. बताया जा रहा है कि राजीव कुमार का रिटायरमेंट दिसंबर महीने में होने वाला है. ऐसे में भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्त किया जाना संभव नहीं हो पाएगा. क्योंकि स्वाभाविक रूप से वह दिसंबर में रिटायर हो जाएंगे.
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भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्रवाई कर रही सरकार
योगी सरकार बनने के बाद भ्रष्टाचार और अपराध को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्रवाई करने की बात कही गई थी. उसी नीति के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्त जैसी कार्रवाई की जा रही है.
अब तक 600 अधिकारियों पर कार्रवाई
जानकारी के अनुसार योगी सरकार ने अब तक करीब 600 अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की है, जिनमें कई विभागों के अधिकारी शामिल हैं. इस कार्रवाई के तहत परिवहन राजस्व, बेसिक शिक्षा, पंचायती राज, पीडब्ल्यूडी व श्रम विभाग के अधिकारियों को अनिवार्य रूप से रिटायर किया गया है. राज्य सरकार का दावा है कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत ऑपरेशन क्लीन चलाया जा रहा है और उसी के तहत यह सारी कार्रवाई की जा रही है.