लखनऊ: योगी सरकार दूसरे राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के श्रमिकों को वापस लाने का फैसला किया है. सीएम योगी ने कहा है कि, दूसरे राज्यों में 14 दिन का क्वारंटीन पूरा कर चुके अपने प्रदेश के श्रमिकों को चरणबद्ध तरीके से वापस लाएगा. सीएम योगी ने इसके लिए एक कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि इस संबंध में सूची तैयार की जाए. जिसमें संबंधित राज्य में स्थित यूपी के रहने वाले मजदूरों का विवरण दर्ज हो. ऐसे लोगों की स्क्रीनिंग और टेस्टिंग कराते हुए संबंधित राज्य सरकार को इन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया प्रारंभ करनी होगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की सीमा तक संबंधित राज्य सरकार द्वारा इन्हें लाए जाने के बाद ऐसे लोगों को बस के द्वारा इनके जिले में भेजा जाएगा. यह लोग जिस जनपद में जाएंगे वहां 14 दिन क्वारंटीन करने के लिए पूरी व्यवस्था समय से सुनिश्चित कर ली जाए. इसके लिए आश्रय स्थल को खाली कर सैनिटाइज किया जाए. शेल्टर होम और कम्युनिटी किचन के संचालन के लिए सभी प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं. ताकि इन लोगों के लिए भरपेट भोजन की व्यवस्था हो सके. 14 दिन की संस्थागत क्वारंटीन पूरी करने वालों को राशन किट और एक हजार रुपये के भरण-पोषण भत्ते के साथ होम क्वारंटीन के लिए घर भेजने की व्यवस्था की जाए.
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर आयोजित बैठक में कोरोना वायरस के नियंत्रण तथा लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना वायरस को हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित करते हुए संक्रमण से बचाव के लिए अपनायी जा रही रणनीति अत्यंत प्रभावी सिद्ध हो रही है. हॉटस्पॉट का यह यूपी मॉडल काफी लोकप्रिय हुआ है. यह निरंतर सुनिश्चित किया जाए कि हॉट स्पॉट क्षेत्रों में केवल मेडिकल सैनिटेशन और होम डिलीवरी टीमें ही जाएं. मुख्यमंत्री ने कहा भारत सरकार द्वारा कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लागू किए गए लॉक डाउन निर्णय की विश्व में सराहना हो रही है. साथ ही सीएम ने हर हाल में सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के भी निर्देश दिए.
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 20 या उससे अधिक कोरोना वायरस वाले जिलों में वरिष्ठ प्रशासनिक, स्वास्थ्य तथा पुलिस अधिकारी भेजने का निर्णय लिया है. यह अधिकारी नामित जिलों में एक सप्ताह तक कैम्प कर संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए किए जा रहे कामों को अपनी देखरेख में संपन्न कराएंगे.
साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले स्तर पर प्रशासन पुलिस तथा मेडिकल की टीम आपसी समन्वय स्थापित कर कार्य करें. कोरोना वायरस की चुनौती से निपटने के लिए टीम भावना के साथ कार्य करना आवश्यक है. जिला स्तर पर साफ-सफाई, आवश्यक सामग्री की आपूर्ति लॉजिस्टिक, संस्थागत क्वारंटीन में रखे गए सभी लोगों के ठहरने और भोजन आदि की जिम्मेदारी सहित विभिन्न कार्य अलग-अलग अधिकारी को सौंपते हुए अच्छी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.
इसके साथ ही सीएम योगी ने कहा कि, वर्तमान परिस्थितियों में टेलीमेडिसिन के माध्यम से आमजन को सुगमता पूर्वक चिकित्सीय परामर्श प्रदान किया जा सकता है. इसे देखते हुए सभी जिलों के जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी अपने जनपद के सरकारी और निजी चिकित्सकों से इस सुविधा से जुड़ने का आग्रह करें और टेलीमेडिसिन के द्वारा टेली कंसल्टेंसी प्रदान करने के इच्छुक डॉक्टरों के फोन नंबर की सूची बनाकर उसका प्रचार-प्रसार भी करें.
दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को वापस लाएगी योगी सरकार, अधिकारियों को कार्य योजना बनाने के निर्देश
योगी सरकार ने लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फंसे यूपी के मजदूरों को चरण बद्ध तरीके से वापस लाने का फैसला लिया है. सीएम योगी ने अधिकारियों को इसके लिए कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया है,
लखनऊ: योगी सरकार दूसरे राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के श्रमिकों को वापस लाने का फैसला किया है. सीएम योगी ने कहा है कि, दूसरे राज्यों में 14 दिन का क्वारंटीन पूरा कर चुके अपने प्रदेश के श्रमिकों को चरणबद्ध तरीके से वापस लाएगा. सीएम योगी ने इसके लिए एक कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि इस संबंध में सूची तैयार की जाए. जिसमें संबंधित राज्य में स्थित यूपी के रहने वाले मजदूरों का विवरण दर्ज हो. ऐसे लोगों की स्क्रीनिंग और टेस्टिंग कराते हुए संबंधित राज्य सरकार को इन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया प्रारंभ करनी होगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की सीमा तक संबंधित राज्य सरकार द्वारा इन्हें लाए जाने के बाद ऐसे लोगों को बस के द्वारा इनके जिले में भेजा जाएगा. यह लोग जिस जनपद में जाएंगे वहां 14 दिन क्वारंटीन करने के लिए पूरी व्यवस्था समय से सुनिश्चित कर ली जाए. इसके लिए आश्रय स्थल को खाली कर सैनिटाइज किया जाए. शेल्टर होम और कम्युनिटी किचन के संचालन के लिए सभी प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं. ताकि इन लोगों के लिए भरपेट भोजन की व्यवस्था हो सके. 14 दिन की संस्थागत क्वारंटीन पूरी करने वालों को राशन किट और एक हजार रुपये के भरण-पोषण भत्ते के साथ होम क्वारंटीन के लिए घर भेजने की व्यवस्था की जाए.
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर आयोजित बैठक में कोरोना वायरस के नियंत्रण तथा लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना वायरस को हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित करते हुए संक्रमण से बचाव के लिए अपनायी जा रही रणनीति अत्यंत प्रभावी सिद्ध हो रही है. हॉटस्पॉट का यह यूपी मॉडल काफी लोकप्रिय हुआ है. यह निरंतर सुनिश्चित किया जाए कि हॉट स्पॉट क्षेत्रों में केवल मेडिकल सैनिटेशन और होम डिलीवरी टीमें ही जाएं. मुख्यमंत्री ने कहा भारत सरकार द्वारा कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लागू किए गए लॉक डाउन निर्णय की विश्व में सराहना हो रही है. साथ ही सीएम ने हर हाल में सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के भी निर्देश दिए.
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 20 या उससे अधिक कोरोना वायरस वाले जिलों में वरिष्ठ प्रशासनिक, स्वास्थ्य तथा पुलिस अधिकारी भेजने का निर्णय लिया है. यह अधिकारी नामित जिलों में एक सप्ताह तक कैम्प कर संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए किए जा रहे कामों को अपनी देखरेख में संपन्न कराएंगे.
साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले स्तर पर प्रशासन पुलिस तथा मेडिकल की टीम आपसी समन्वय स्थापित कर कार्य करें. कोरोना वायरस की चुनौती से निपटने के लिए टीम भावना के साथ कार्य करना आवश्यक है. जिला स्तर पर साफ-सफाई, आवश्यक सामग्री की आपूर्ति लॉजिस्टिक, संस्थागत क्वारंटीन में रखे गए सभी लोगों के ठहरने और भोजन आदि की जिम्मेदारी सहित विभिन्न कार्य अलग-अलग अधिकारी को सौंपते हुए अच्छी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.
इसके साथ ही सीएम योगी ने कहा कि, वर्तमान परिस्थितियों में टेलीमेडिसिन के माध्यम से आमजन को सुगमता पूर्वक चिकित्सीय परामर्श प्रदान किया जा सकता है. इसे देखते हुए सभी जिलों के जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी अपने जनपद के सरकारी और निजी चिकित्सकों से इस सुविधा से जुड़ने का आग्रह करें और टेलीमेडिसिन के द्वारा टेली कंसल्टेंसी प्रदान करने के इच्छुक डॉक्टरों के फोन नंबर की सूची बनाकर उसका प्रचार-प्रसार भी करें.