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UP Budget 2023 : प्रदेश में 50 पीपीपी मॉडल पर बन रहे पॉलिटेक्निक्स के लिए दिए 83 करोड़ रुपये

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Published : Feb 22, 2023, 1:41 PM IST

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने योगी सरकार का बजट 2023 पेश किया. इसमें पॉलिटेक्निक संस्थाओं को शुरू करने और ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करने के लिए व्यवस्था की गई है.

UP Budget 2023
UP Budget 2023

लखनऊ: प्रदेश के प्राविधिक व्यवसायिक शिक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए सरकार ने बजट 2023 में पॉलिटेक्निक संस्थाओं को शुरू करने के साथ ही ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करने के लिए बजट का प्रावधान किया है. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश करते हुए बताया कि प्रदेश में 220 डिप्लोमा स्तरीय संस्थान स्वीकृत हैं. इनमें से 52 राजकीय पॉलिटेक्निक निर्माणाधीन अवस्थापना की प्रक्रिया में हैं. इनको पॉलिटेक्निक पीपीपी मॉडल पर संचालित किया जाना है. इसके लिए बजट में सरकार ने इन सभी राजकीय पॉलिटेक्निक की स्थापना व अवस्थापना विकास के लिए क्रमशः 50 करोड़ और 33 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है. इसके अलावा राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों गोंडा, बस्ती, प्रतापगढ़ और मिर्जापुर में कक्षाओं के संचालन के लिए 1.5 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. साथ ही प्राविधिक शिक्षा विद्यालयों, अभियंत्रण संस्थाओं में पूर्व में निर्मित भवनों के जीर्णोंद्धार के लिए 2 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.

बजट में व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास के तहत संचालित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में पढ़ रहे बच्चों को ट्रेनिंग देने के लिए प्रशिक्षण कार्यशालाओं का निर्माण कराया जाएगा. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि पूरे प्रदेश में 305 राजकीय आईटीआई व 2963 से अधिक निजी प्रशिक्षण संस्थान संचालित हो रहे हैं. इनमें करीब 4.58 लाख सीटे हैं. टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड की सहभागिता से प्रदेश के राजकीय क्षेत्र के डेढ़ सौ औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में तकनीकी उन्नयन योजना के अंतर्गत आधुनिक कार्यशाला एवं कक्षाओं का निर्माण कराया जा रहा है. इस परियोजना की लागत 5002 करोड़ रुपये से अधिक है. इसमें से टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड द्वारा 88 प्रतिशत और 12 प्रतिशत अंशदान सरकार द्वारा लगाया जाएगा.

सरकार इसके अतिरिक्त परियोजना के लिए 10000 वर्ग फीट क्षेत्रफल में कार्यशाला प्रशिक्षण के निर्माण के लिए 477 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसके लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में परियोजना के लिए 940 करोड़ रुपये की व्यवस्था कराई गई है. परियोजना के फलस्वरुप हर साल लगभग 30 हजार छात्रों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है. इसके अलावा कौशल विकास मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षण के लिए डेढ़ सौ करोड़ की व्यवस्था की गई है. साथ ही मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रशिक्षण योजना के लिए 70 करोड़ और केंद्र प्रायोजित योजना के अंतर्गत 29 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उच्चारण कराने के लिए 35 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.

यह भी पढ़ें: UP Budget 2023 : युवाओं के टेबलेट व स्मार्टफोन देने के लिए बजट में 3600 करोड़ रुपए, स्टार्टअप नीति के लिए 60 करोड़ की व्यवस्था

लखनऊ: प्रदेश के प्राविधिक व्यवसायिक शिक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए सरकार ने बजट 2023 में पॉलिटेक्निक संस्थाओं को शुरू करने के साथ ही ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करने के लिए बजट का प्रावधान किया है. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश करते हुए बताया कि प्रदेश में 220 डिप्लोमा स्तरीय संस्थान स्वीकृत हैं. इनमें से 52 राजकीय पॉलिटेक्निक निर्माणाधीन अवस्थापना की प्रक्रिया में हैं. इनको पॉलिटेक्निक पीपीपी मॉडल पर संचालित किया जाना है. इसके लिए बजट में सरकार ने इन सभी राजकीय पॉलिटेक्निक की स्थापना व अवस्थापना विकास के लिए क्रमशः 50 करोड़ और 33 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है. इसके अलावा राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों गोंडा, बस्ती, प्रतापगढ़ और मिर्जापुर में कक्षाओं के संचालन के लिए 1.5 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. साथ ही प्राविधिक शिक्षा विद्यालयों, अभियंत्रण संस्थाओं में पूर्व में निर्मित भवनों के जीर्णोंद्धार के लिए 2 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.

बजट में व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास के तहत संचालित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में पढ़ रहे बच्चों को ट्रेनिंग देने के लिए प्रशिक्षण कार्यशालाओं का निर्माण कराया जाएगा. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि पूरे प्रदेश में 305 राजकीय आईटीआई व 2963 से अधिक निजी प्रशिक्षण संस्थान संचालित हो रहे हैं. इनमें करीब 4.58 लाख सीटे हैं. टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड की सहभागिता से प्रदेश के राजकीय क्षेत्र के डेढ़ सौ औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में तकनीकी उन्नयन योजना के अंतर्गत आधुनिक कार्यशाला एवं कक्षाओं का निर्माण कराया जा रहा है. इस परियोजना की लागत 5002 करोड़ रुपये से अधिक है. इसमें से टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड द्वारा 88 प्रतिशत और 12 प्रतिशत अंशदान सरकार द्वारा लगाया जाएगा.

सरकार इसके अतिरिक्त परियोजना के लिए 10000 वर्ग फीट क्षेत्रफल में कार्यशाला प्रशिक्षण के निर्माण के लिए 477 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसके लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में परियोजना के लिए 940 करोड़ रुपये की व्यवस्था कराई गई है. परियोजना के फलस्वरुप हर साल लगभग 30 हजार छात्रों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है. इसके अलावा कौशल विकास मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षण के लिए डेढ़ सौ करोड़ की व्यवस्था की गई है. साथ ही मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रशिक्षण योजना के लिए 70 करोड़ और केंद्र प्रायोजित योजना के अंतर्गत 29 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उच्चारण कराने के लिए 35 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.

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