लखनऊ: कोरोना काल के दौरान प्रदेश में शिथिल पड़े उद्योगों को योगी सरकार फिर से पटरी पर लाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है. राज्य सरकार ने बैंकों को प्रदेश की 20 लाख एमएसएमई इकाइयों को करीब 80 हजार करोड़ रुपये का लोन देने का लक्ष्य दिया है. अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश में 8 लाख 18 हजार बड़ी इकाइयां क्रियाशील हैं. इसके अलावा 90 एमएसएमई इकाइयों में 80 प्रतिशत तक इकाइयां क्रियाशील हो गई हैं.
उन्होंने बताया कि आर्थिक गतिविधियां तेजी से चलें, इसके लिए प्रदेश सरकार प्रयास कर रही है. अधिक रोजगार सृजन के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं. प्रदेश में 4.35 लाख इकाइयों को आत्मनिर्भर पैकेज के तहत 10 हजार 753 करोड़ रुपये के लोन वितरित किए जा रहे हैं. आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार सृजन अभियान में इस वित्तीय वर्ष में 14 मई से अब तक लगभग 5.81 लाख नई एमएसएमई इकाइयों को 15 हजार 534 करोड़ रुपये का लोन बांटा गया है. सहगल ने बताया कि बैंकों को पूरे वित्तीय वर्ष में कुल 20 लाख एमएसएमई इकाइयों को लोन देने का लक्ष्य दिया गया है. यह निर्धारित किया गया है कि 75 हजार करोड़ से 80 हजार करोड़ रुपये का ऋण प्रदेश में विभिन्न एमएसएमई इकाइयों को दिया जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों के साथ-साथ इन इकाइयों के माध्यम से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
प्रदेश में रिकवरी का प्रतिशत बढ़ा
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में बुधवार को एक दिन में एक लाख 38 हजार 27 सैंपल की जांच की गई है. प्रदेश में अब तक कुल 1 करोड़ 45 लाख 69 हजार 242 सैंपल की जांच की गई है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमित 1979 नए मामले सामने आए हैं. वहीं पिछले 24 घंटे में 2465 मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज किए गए हैं. प्रदेश में अब तक कुल 4 लाख 46 हजार 54 लोग इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं. प्रदेश में रिकवरी का प्रतिशत अब बढ़कर 93.33 प्रतिशत हो गया है. प्रदेश में लगातार कोरोना के एक्टिव मामलों में गिरावट आ रही है. मौजूदा समय में यूपी में 24 हजार 858 कोरोना के एक्टिव मामले हैं.