लखनऊ: प्रदेश के निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कालाबाजारी और जमाखोरी पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार ने ऑक्सीजन ऑडिट कराने का फैसला लिया है. इसके लिए चुने गए भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) लखनऊ ने अपने स्तर पर कवायद शुरू कर दी है. आईआईएम लखनऊ की ओर से 4 सदस्य ऑडिट टीम का गठन किया गया है.
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ऑक्सीजन ऑडिट की पड़ी जरूरत
राजधानी समेत प्रदेश भर में बीते दिनों कोरोना संक्रमण के मामलों में भारी इजाफा हुआ है. अचानक मामले सामने आने पर ऑक्सीजन की कालाबाजारी और जमाखोरी जैसी शिकायतें भी सामने आई हैं. इसके मद्देनजर प्रदेश सरकार ने ऑक्सीजन ऑडिट कराने का फैसला लिया है. प्रदेश सरकार ने साफ किया है कि जमाखोरी और कालाबाजारी जैसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ऑडिट टीम में आईआईएम संस्थान के प्रोफेसर सुरेश जाखड़ के साथ प्रोफेसर अरुणाभ मुखोपाध्याय, प्रोफेसर क्षितिज अवस्थी और प्रोफेसर अजय गर्ग शामिल हैं. विशेषज्ञों की टीम अस्पतालों का जायजा लेगी. वहां ऑक्सीजन की मांग, आपूर्ति से लेकर सामने आ रही दिक्कतों पर अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे.
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IIM और IIT को मिली जिम्मेदारी
ऑक्सीजन ऑडिट कराने की जिम्मेदारी आईआईएम लखनऊ के साथ आईआईटी कानपुर और आईआईटी बीएचयू को दी गई है. इस पूरी प्रक्रिया में एकेटीयू, एमएमडीयू, एचबीटीयू और एमएनआईटी के विशेषज्ञ भी सहयोग करेंगे. आईआईएम लखनऊ के प्रोफेसर इस ऑडिट की प्रक्रिया को तैयार करेंगे. टीम के एक सदस्य ने बताया कि फिलहाल उनके स्तर पर अस्पतालों से आंकड़े जुटाने के मापदंड तैयार किए जा रहे हैं.