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योगी सरकार ने कृषि भूमि के औद्योगिक उपयोग परिवर्तन शुल्क की दर घटाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कृषि भू-उपयोग की भूमि को औद्योगिक उपयोग में परिवर्तन के लिए शुल्क की दर को 35 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
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Published : Oct 31, 2020, 1:52 AM IST

लखनऊ: उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने कृषि भूमि के औद्योगिक उपयोग में लाए जाने के लिए लगने वाले परिवर्तन शुल्क में कमी की है. कृषि भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क की दर 35 फीसदी के बजाय अब 20 प्रतिशत ही लगेगी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कृषि भू-उपयोग की भूमि को औद्योगिक उपयोग में परिवर्तन के लिए शुल्क की दर को 35 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है.

इसके लिए उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास (भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क का निर्धारण उदग्रहण एवं संग्रहण) नियमावली- 2014 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई है. यह निर्णय आदेश निर्गत होने के उपरांत तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा.

भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क में कमी होने से उद्यमी औद्योगिक विकास के लिए प्रोत्साहित होंगे. औद्योगिक समूह प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए आकर्षित होंगे. परिणाम स्वरूप प्रदेश में औद्योगिक विकास और निवेश को बढ़ावा मिलेगा. औद्योगिक इकाइयों की स्थापना से संबंधित क्षेत्र में रोजगार के अवसर में भी वृद्धि होगी.

इसके अलावा जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र, विंध्य क्षेत्र और गुणता प्रभावित गांवों में पेयजल योजना के क्रियान्वयन के संबंध में प्रस्ताव पास हुआ है. विश्व बैंक सहायतित उत्तर प्रदेश प्रो-पुअर-पर्यटन विकास परियोजना के सुचारू संचालन एवं क्रियान्वयन के लिए पेश किए गए प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिली है.

कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग, उत्तर प्रदेश शासन, भारत एवं कृषि, वन एवं मत्स्य मंत्रालय, टोक्यो जापान के माध्यम से एमओसी हस्ताक्षरित किए जाने के संबंध में प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है.

श्री सुखदेव आश्रम स्वामी कल्याण देव सेवा ट्रस्ट शुक्रताल मुजफ्फरनगर को लीज पर दी गई पांच एकड़ (2.0243 हेक्टेयर) वन भूमि के आगामी 30 वर्षों के लिए (एक जनवरी 2010 से 31 दिसंबर 2039 तक) लीज नवीनीकरण की अनुमति के संबंध में प्रस्ताव पास हुआ.

लखनऊ: उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने कृषि भूमि के औद्योगिक उपयोग में लाए जाने के लिए लगने वाले परिवर्तन शुल्क में कमी की है. कृषि भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क की दर 35 फीसदी के बजाय अब 20 प्रतिशत ही लगेगी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कृषि भू-उपयोग की भूमि को औद्योगिक उपयोग में परिवर्तन के लिए शुल्क की दर को 35 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है.

इसके लिए उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास (भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क का निर्धारण उदग्रहण एवं संग्रहण) नियमावली- 2014 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई है. यह निर्णय आदेश निर्गत होने के उपरांत तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा.

भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क में कमी होने से उद्यमी औद्योगिक विकास के लिए प्रोत्साहित होंगे. औद्योगिक समूह प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए आकर्षित होंगे. परिणाम स्वरूप प्रदेश में औद्योगिक विकास और निवेश को बढ़ावा मिलेगा. औद्योगिक इकाइयों की स्थापना से संबंधित क्षेत्र में रोजगार के अवसर में भी वृद्धि होगी.

इसके अलावा जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र, विंध्य क्षेत्र और गुणता प्रभावित गांवों में पेयजल योजना के क्रियान्वयन के संबंध में प्रस्ताव पास हुआ है. विश्व बैंक सहायतित उत्तर प्रदेश प्रो-पुअर-पर्यटन विकास परियोजना के सुचारू संचालन एवं क्रियान्वयन के लिए पेश किए गए प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिली है.

कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग, उत्तर प्रदेश शासन, भारत एवं कृषि, वन एवं मत्स्य मंत्रालय, टोक्यो जापान के माध्यम से एमओसी हस्ताक्षरित किए जाने के संबंध में प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है.

श्री सुखदेव आश्रम स्वामी कल्याण देव सेवा ट्रस्ट शुक्रताल मुजफ्फरनगर को लीज पर दी गई पांच एकड़ (2.0243 हेक्टेयर) वन भूमि के आगामी 30 वर्षों के लिए (एक जनवरी 2010 से 31 दिसंबर 2039 तक) लीज नवीनीकरण की अनुमति के संबंध में प्रस्ताव पास हुआ.

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