लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मार्च में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में योगी सरकार नया प्रयोग करने का विचार कर रही है. उच्च स्तरीय सूत्रों के अनुसार योगी आदित्यनाथ सरकार पंचायत चुनाव में न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता लागू करने का प्रस्ताव तैयार कर रही है. ऐसी स्थिति में ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में अनपढ़ लोग चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. इस बारे में जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी के लिए प्रस्ताव लाया जा सकता है.
दो से अधिक बच्चे वाले नहीं लड़ सकेंगे चुनाव
इसके साथ ही 2 से अधिक बच्चे वाले लोगों के भी पंचायत चुनाव लड़ने पर रोक का प्रस्ताव तैयार किया गया है. पंचायत चुनाव के माध्यम से जनसंख्या नियंत्रण को प्रोत्साहित करने की सरकार ने योजना बनाई है और उसे जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी है. इसके लिए सरकार दो से अधिक बच्चे होने वाले लोगों को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित करने की तैयारी कर रही है. सूत्रों ने दावा किया है कि न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता और दो से अधिक संतान वालों को पंचायत चुनाव में शामिल होने पर रोक संबंधी मामले पर सीएम की सहमति मिल चुकी है. जल्द ही इस बारे में अब कैबिनेट से मंजूरी दिलाई जाएगी.
यह है प्रस्तावित फार्मूला
जानकारी के अनुसार पंचायत चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता का भी निर्धारण सरकार करेगी. इसमें ग्राम पंचायत चुनाव में महिला और आरक्षित वर्ग के लिए न्यूनतम आठवीं पास शैक्षणिक योग्यता लागू करने की बात कही गई है. इसी प्रकार जिला पंचायत सदस्य के चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास निर्धारित करने की बात हो रही है. जिला पंचायत के महिला व आरक्षित वर्ग और क्षेत्र पंचायत के लिए न्यूनतम दसवीं पास होने पर चुनाव लड़ने की सहमति सरकार में बनी है. मार्च 2021 में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां पूरी करने से पहले सरकार शैक्षणिक योग्यता और दो से अधिक बच्चे होने पर चुनाव लड़ने पर रोक लगाए जाने के फैसले को लेकर कानून बनाने पर विचार कर रही है.
सीएम योगी के साथ पंचायती राज मंत्री की हो चुकी है वार्ता
उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र चौधरी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर इस संबंध में विस्तार से चर्चा कर चुके हैं. अब जल्द ही इस बारे में कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की योजना है. सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार के पंचायती राज विभाग की तरफ से हरियाणा, राजस्थान और उड़ीसा सहित कई राज्यों में पंचायत निर्वाचन प्रक्रिया का अध्ययन भी किया गया है. ऐसे कई राज्यों में ग्राम पंचायत सदस्य प्रधान से लेकर क्षेत्रवार जिला पंचायत सदस्यों का चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता निर्धारित की गई है. इसी आधार पर प्रस्ताव बनाकर उत्तर प्रदेश में भी इस फार्मूले को लागू करने की तैयारी की गई है.
इस बारे में पंचायती राज मंत्री ने क्या कहा-
पंचायती राज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह ने कहा कि पंचायत चुनाव में और क्या बेहतर हो सकता है और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में यदि पढ़े-लिखे लोग आएंगे तो और बेहतर विकास किया जा सकता है. इसी सोच के आधार पर हम कुछ महत्वपूर्ण फैसले ले सकते हैं. कैबिनेट में इसको लेकर प्रस्ताव लाने पर भी विचार हो रहा है. इसके साथ ही जनसंख्या नियंत्रण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से भी दो बच्चों वाले लोगों को ही चुनाव लड़ने की अनुमति देने के लिए कानून पर विचार हो रहा है.