लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति बदतर है. इसे बेहतर करने के लिए पार्टी लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन हर उम्मीद धूमिल होती जा रही है. कांग्रेस पार्टी ने स्थापना दिवस पर प्रदेश की जनता को पार्टी से जोड़ने के लिए तीन दिन का अभियान शुरू करने का फैसला लिया था. इसके तहत प्रदेश के सभी गांवों में ध्वजारोहण का कार्यक्रम रखा गया था. विधानसभा स्तर पर पांच किलोमीटर पैदल यात्रा का भी प्लान था, लेकिन प्रदेश सरकार ने अनुमति ही नहीं दी. ऐसे में पब्लिक को पार्टी से कनेक्ट करने का कांग्रेस का सपना चकनाचूर हो गया.
पंचायत चुनाव की तैयारियों में इन दिनों कांग्रेस पार्टी तेजी से जुटी हुई है. प्रदेश भर में पार्टी संगठन सृजन अभियान चला रही है. अब तक तकरीबन 60 फीसदी कार्य पूरा भी हो चुका है. गांवों में पार्टी ने तीन दिन का कार्यक्रम रखा था, जिसमें पार्टी ने अपना झंडा फहराने का फैसला लिया था. उद्देश्य यही था कि इससे गांव के लोग कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़ जाएंगे. जब पैदल यात्रा शुरू होगी तो लोग साथ में चलेंगे. कांग्रेस पार्टी को करीब से जानेंगे तो कनेक्ट होंगे. इसका फायदा आगामी पंचायत चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मिलेगा. 28 दिसंबर को स्थापना दिवस पर तीन दिन का कार्यक्रम इंप्लीमेंट होना था, लेकिन इससे पहले ही सरकार ने किसी भी तरह के आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया.
नाकाम हुई कोशिश
सरकार ने आदेश दिया कि कार्यालय परिसर में ही झंडा फहरा सकते हैं. बाहर किसी तरह की पैदल यात्रा नहीं कर सकते. इसके बाद पार्टी मुख्यालय समेत प्रदेश के जिला कार्यालय पर कांग्रेसियों ने झंडा फहराया, लेकिन कोशिशों के बावजूद पैदल यात्रा नहीं कर सके. शहर के बख्शी का तालाब में कार्यकर्ताओं ने यात्रा निकाली. प्रदेश के अन्य जिलों में भी कोशिश की गई, लेकिन पुलिस ने यात्रा पर रोक लगा दी. अगर कांग्रेस का यह प्लान पूरा होता तो आगामी पंचायत चुनावों में कुछ हद तक इसका फायदा भी पार्टी को मिल सकता था, लेकिन उसके प्लान पर ही पानी फिर गया.
युवाओं को बनाया जा रहा पदाधिकारी
नगर पंचायत चुनाव से लेकर 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव तक उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को जीवंत किया जा सके, इसके लिए पार्टी को प्रदेश की जनता के साथ खुद को कनेक्ट करना है. इसीलिए उत्तर प्रदेश में लगातार संगठन संयोजन अभियान चलाया जा रहा है. ग्राम पंचायतों के साथ ही न्याय पंचायत स्तर पर भी संगठन को खड़ा करने की कवायद चल रही है. युवाओं को पदाधिकारी बनाया जा रहा है. नए-नए युवाओं को पार्टी के साथ जोड़ा जा रहा है. हाल ही में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को जानकारी दी गई कि ग्राम और न्याय पंचायत स्तर पर संगठन सृजन अभियान का आधे से ज्यादा कार्यक्रम पूरा हो चुका है. लगातार अभियान चलाकर संगठन खड़ा कर लिया जाएगा और लोगों को पार्टी के साथ जोड़ा जाएगा.
कांग्रेस पार्टी का तिरंगा फहराने और पैदल यात्रा का कार्यक्रम भले ही निरस्त हो गया हो, लेकिन लोगों को पार्टी से जोड़ने की कवायद लगातार जारी रहेगी. प्रियंका गांधी ने हाल ही में पार्टी के नेताओं को 20 दिन तक प्रवास पर रहने का आदेश दिया है. बड़े नेता और पदाधिकारी गांव में जाकर प्रवास करेंगे. जानी मानी हस्तियों से मिलेंगे. आम जनता को अपने साथ जोड़ने का प्रयास करेंगे. पार्टी को उम्मीद है कि इससे लोग कांग्रेस के साथ जरूर खड़े होंगे. लोगों का रुख कांग्रेस की तरफ बढ़ेगा. इससे पंचायत चुनाव और यूपी के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी एक बार फिर मजबूती के साथ वापसी करेगी.
30 साल से उत्तर प्रदेश में हालत खराब
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की स्थिति लगभग तीन दशक पहले ही बेहतर थी. इसके बाद साल दर साल पार्टी की स्थिति में गिरावट होती गई. अब आलम यह है कि उत्तर प्रदेश में पार्टी का एक विधानसभा सदस्य, एक विधान परिषद सदस्य, एक लोकसभा सदस्य और एक ही राज्यसभा सदस्य बचा है.
यूपी में नहीं बजा प्रियंका का डंका
दशकों से यूपी की सत्ता से दूर कांग्रेस पार्टी को संजीवनी देने के लिए आखिरी अस्त्र के रूप में प्रियंका गांधी को मैदान में उतारा गया था. लगा था कि प्रियंका का डंका बजेगा, लेकिन कांग्रेस का यह दांव भी दगा दे गया. लोकसभा चुनाव से पहले सक्रिय राजनीति में कदम रखने वाली प्रियंका सिर्फ एक सीट जिताने में ही कामयाब हो सकीं.
यूपी में प्रयोग नहीं रहे सफल
कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश में जीवित होने के लिए कई प्रयोग भी किए. इसमें उत्तर प्रदेश में पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ हाथ भी मिलाया. 27 साल यूपी बेहाल के नारे के साथ अखिलेश और राहुल साथ में उतरे, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा. इसके बाद लोकसभा चुनाव से पहले तमाम छोटी पार्टियों को साथ मिलाकर कांग्रेस ने चुनाव लड़ा, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रह गया. पार्टी की स्थिति सुधर नहीं पाई.
'ब्राइट है कांग्रेस का फ्यूचर'
प्रदेश प्रवक्ता ब्रजेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि आज कांग्रेस का स्थापना दिवस है. स्थापना दिवस पर प्रदेश भर में झंडारोहण और पद यात्रा का कार्यक्रम रखा गया था, लेकिन सरकार ने इसकी अनुमति ही नहीं दी. मुख्यालय के साथ ही जिला कार्यालयों पर ही झंडा फहराया जा सका, जिसमें लोग शामिल नहीं हो सके. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी लगातार लोगों को साथ जोड़ने के लिए संगठन चला रही है. अब तक न्याय पंचायतों का गठन हो चुका है. ग्राम पंचायत गठित की जा रही है. लोगों को साथ जोड़ा जा रहा है. तीन जनवरी से 20 जनवरी तक गांव प्रवास कार्यक्रम चलेगा, जिससे लोग पार्टी से जुड़ें. पंचायत चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव में पार्टी मजबूती के साथ उतरेगी. पार्टी का फ्यूचर ब्राइट है.
प्रदेश प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का 136वां स्थापना दिवस है. आज कई कार्यक्रम आयोजित होने थे, जिनमें तिरंगा यात्रा शामिल थी. विधानसभाओं में कार्यक्रम होने थे, लेकिन प्रदेश की योगी सरकार इसकी परमिशन नहीं दी. यह भाजपा की सरकार आपस में लोगों को लड़ाने का काम कर रही है. इसे राष्ट्रवाद नहीं कहा जा सकता. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी आजादी से पहले और बाद तक सिर्फ सृजन का ही काम कर रही है. अब हम तीन जनवरी से 20 दिन तक गांव प्रवास कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं, जिसमें हम लोगों की समस्याएं सुनेंगे, मुद्दों पर उनसे बात करेंगे और नेतृत्व तक उनकी बात पहुंचाएंगे. लोग कांग्रेस पार्टी से जुड़ेंगे और निश्चित तौर पर हम सफलता पाएंगे.
'नेहरू वंश से बाहर निकले कांग्रेस'
वरिष्ठ पत्रकार श्याम कुमार शुक्ला ने बताया कि जब तक कांग्रेस पार्टी पर नेहरू वंश हावी रहेगा, तब तक इस पार्टी का कुछ भी नहीं हो सकता है. पार्टी अगर भला चाहती हैं तो नेहरू वंश से बाहर निकले. राष्ट्रवाद के रास्ते पर चले. राष्ट्रवादी ताकतों को आगे बढ़ाए, तभी पार्टी फिर से पनप सकती है. उन्होंने कहा कि पीछे देखा गया है कि बड़े जोश के साथ प्रियंका गांधी मैदान में आई थीं. कांग्रेसी कह रहे थे कि डंका बजेगा, लेकिन कौन सा चमत्कार हो गया. पार्टी में यह तब तक संभव नहीं है. जब तक नेहरू वंश से पार्टी खुद को अलग नहीं करेगी.