लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मेसर्स जेआरजी फूड्स प्राइवेट लिमिटेड अमरोहा के प्रकरण के समाधान के लिए बैठक की गई. बैठक की अध्यक्षता कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा ने की. इसमें नई खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को छूट देने का निर्णय लिया गया है. अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति 2012 के अंतर्गत स्थापित पात्र नई खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को प्लांट और मशीनरी में पांच करोड़ या उससे अधिक के निवेश पर पांच साल तक मंडी शुल्क में दो प्रतिशत की छूट दी जाएगी.
गौरतलब है कि मुरादाबाद के मंडलायुक्त ने मेसर्स जेआरजी फूड्स प्राइवेट लिमिटेड को मंडी शुल्क में दो प्रतिशत के स्थान पर 0.5 प्रतिशत छूट अनुमन्य करने का मामला चार वर्ष से लंबित था. इस प्रकरण को 21 सितंबर को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में इन्वेस्ट यूपी की उच्च स्तरीय प्राधिकृत समिति की बैठक में समाधान के लिए पेश किया गया था.
कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा ने कहा कि अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति 2012 में दिए गए प्रावधानों में इकाई कच्चे माल की आवक कहां से है, एवं उसका उत्पाद कहां बेचा जाता है, इस पर कोई प्रतिबंध नहीं किया गया है. इस आधार पर इकाई को प्रावधान के अनुसार, दो प्रतिशत के स्थान पर 0.5 प्रतिशत छूट दिया जाना उचित नहीं है.
संशोधित अधिसूचना जारी
कृषि विपणन विभाग की पूर्व की अधिसूचना में मंडी शुल्क से छूट की दर में कमी को विलोपित कर संशोधित अधिसूचना जारी कर दी गई है. इस नीतिगत निर्णय का लाभ सभी नव स्थापित खाद्य प्रसंस्करण उद्योग इकाइयों को प्राप्त होगा. उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार की जारी अधिसूचना एवं केंद्र सरकार द्वारा कृषि विपणन सुधारों के फलस्वरूप अब मंडी परिसर के बाहर ट्रेड एरिया में मंडी शुल्क देय नहीं होगा. मंडी समितियों का कार्यक्षेत्र निर्मित मंडी परिसरों तक ही सीमित हो गया है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संपन्न इस बैठक में अपर मुख्य सचिव, विशेष सचिव कृषि विपणन एवं कृषि निर्यात विभाग, निदेशक मंडी परिषद, मंडल आयुक्त मुरादाबाद समेत अन्य अधिकारी शामिल हुए.