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प्रॉपर्टी खरीदने से पहले डीएम को देना होगा आवेदन, वही तय करेंगे स्टांप शुल्क

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में संपत्ति रजिस्ट्री कराने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. सोमवार को हुई यूपी कैबिनेट की बैठक में स्टांप एवं रजिस्ट्री विभाग के संपत्ति मूल्यांकन नियमावली 1997 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई.

योगी कैबिनेट
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Published : Jun 15, 2021, 12:50 AM IST

Updated : Jun 15, 2021, 3:55 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने संपत्ति रजिस्ट्री कराने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. अब संपत्ति रजिस्ट्री कराने से पहले जिला अधिकारी के यहां आवेदन करना होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को लोक भवन में आयोजित कैबिनेट बैठक में संपत्ति मूल्यांकन नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. कैबिनेट के इस फैसले के बाद अब फ्लैट, जमीन, दुकान और मकान जैसी संपत्तियों की मालियत के आधार पर स्टांप शुल्क का निर्धारण जिला अधिकारी करेंगे.

संपत्ति मूल्यांकन नियमावली 1997 में संशोधन
उत्तर प्रदेश में स्टांप एवं रजिस्ट्री विभाग के संपत्ति मूल्यांकन नियमावली 1997 में संशोधन कर दिया गया है. सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि अब कोई भी व्यक्ति प्रदेश में कहीं भी जमीन, फ्लैट, मकान व दुकान खरीदना चाहेगा तो सबसे पहले उसे संबंधित जिले के जिला अधिकारी को एक प्रार्थना पत्र देना होगा. साथ ही ट्रेजरी चालान के माध्यम से कोषागार में 100 रुपये का शुल्क जमा करना होगा. इसके बाद जिलाधिकारी लेखपाल से उस संपत्ति का सर्किल रेट के हिसाब से मूल्यांकन करवाएंगे, जिसके बाद उस संपत्ति की रजिस्ट्री पर लगने वाले स्टांप शुल्क का निर्धारण किया जाएगा.


कम होंगे विवाद
सरकार के इस फैसले से संपत्ति रजिस्ट्री कराते समय स्टांप शुल्क तय करने को लेकर होने वाले विवाद कम होंगे. साथ ही एक मालियत की संपत्ति के स्टांप शुल्क में एकरूपता भी आएगी. जिससे स्टांप ड्यूटी बचाने के लिए कम-ज्यादा कीमत बताने का खेल भी नहीं हो पाएगा. ऐसे मामलों में कई बार शिकायत होने पर मुकदमा हो जाता है और प्रॉपर्टी भी फंस जाती है, साथ ही तमाम विवाद खड़े होते हैं. जिसे देखते हुए सरकार ने इस तरह से संशोधन करके किया है.

इसे भी पढ़ें : Cm Yogi Cabinate Meeting: 8 प्रस्तावों को मिली मंजूरी, अयोध्या में 400 करोड़ से बनेगा बस स्टेशन



खनन विभाग में अधिकारियों के बढ़े पद
इसके अलावा प्रदेश में उप खनिजों के उत्पादन को बढ़ावा देने और अवैध खनन एवं परिवहन की रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग में अधिकारियों के पदों में बढ़ोतरी की है. सोमवार को योगी कैबिनेट में उत्तर प्रदेश भूतत्व एवं खनिकर्म (क और ख समूह) प्रथम संशोधन सेवा नियमावली-2021 को मंजूरी प्रदान की गई है. विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक विभाग में अतिरिक्त निदेशक का एक पद सृजित किया गया है. संयुक्त निदेशक का एक पद पहले से सृजित था. एक और पद सृजित किया गया है. अब संयुक्त निदेशक के दो पद हो गए हैं. वहीं वरिष्ठ खान अधिकारी के मौजूदा समय में पांच पद हैं. इसमें 10 और पद सृजित करके इनकी संख्या अब सरकार ने 15 कर दी है. इसी प्रकार खान अधिकारी के 32 पदों में 20 पद बढ़ाकर इनकी संख्या 52 कर दी गयी है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने संपत्ति रजिस्ट्री कराने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. अब संपत्ति रजिस्ट्री कराने से पहले जिला अधिकारी के यहां आवेदन करना होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को लोक भवन में आयोजित कैबिनेट बैठक में संपत्ति मूल्यांकन नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. कैबिनेट के इस फैसले के बाद अब फ्लैट, जमीन, दुकान और मकान जैसी संपत्तियों की मालियत के आधार पर स्टांप शुल्क का निर्धारण जिला अधिकारी करेंगे.

संपत्ति मूल्यांकन नियमावली 1997 में संशोधन
उत्तर प्रदेश में स्टांप एवं रजिस्ट्री विभाग के संपत्ति मूल्यांकन नियमावली 1997 में संशोधन कर दिया गया है. सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि अब कोई भी व्यक्ति प्रदेश में कहीं भी जमीन, फ्लैट, मकान व दुकान खरीदना चाहेगा तो सबसे पहले उसे संबंधित जिले के जिला अधिकारी को एक प्रार्थना पत्र देना होगा. साथ ही ट्रेजरी चालान के माध्यम से कोषागार में 100 रुपये का शुल्क जमा करना होगा. इसके बाद जिलाधिकारी लेखपाल से उस संपत्ति का सर्किल रेट के हिसाब से मूल्यांकन करवाएंगे, जिसके बाद उस संपत्ति की रजिस्ट्री पर लगने वाले स्टांप शुल्क का निर्धारण किया जाएगा.


कम होंगे विवाद
सरकार के इस फैसले से संपत्ति रजिस्ट्री कराते समय स्टांप शुल्क तय करने को लेकर होने वाले विवाद कम होंगे. साथ ही एक मालियत की संपत्ति के स्टांप शुल्क में एकरूपता भी आएगी. जिससे स्टांप ड्यूटी बचाने के लिए कम-ज्यादा कीमत बताने का खेल भी नहीं हो पाएगा. ऐसे मामलों में कई बार शिकायत होने पर मुकदमा हो जाता है और प्रॉपर्टी भी फंस जाती है, साथ ही तमाम विवाद खड़े होते हैं. जिसे देखते हुए सरकार ने इस तरह से संशोधन करके किया है.

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खनन विभाग में अधिकारियों के बढ़े पद
इसके अलावा प्रदेश में उप खनिजों के उत्पादन को बढ़ावा देने और अवैध खनन एवं परिवहन की रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग में अधिकारियों के पदों में बढ़ोतरी की है. सोमवार को योगी कैबिनेट में उत्तर प्रदेश भूतत्व एवं खनिकर्म (क और ख समूह) प्रथम संशोधन सेवा नियमावली-2021 को मंजूरी प्रदान की गई है. विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक विभाग में अतिरिक्त निदेशक का एक पद सृजित किया गया है. संयुक्त निदेशक का एक पद पहले से सृजित था. एक और पद सृजित किया गया है. अब संयुक्त निदेशक के दो पद हो गए हैं. वहीं वरिष्ठ खान अधिकारी के मौजूदा समय में पांच पद हैं. इसमें 10 और पद सृजित करके इनकी संख्या अब सरकार ने 15 कर दी है. इसी प्रकार खान अधिकारी के 32 पदों में 20 पद बढ़ाकर इनकी संख्या 52 कर दी गयी है.

Last Updated : Jun 15, 2021, 3:55 PM IST

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