लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित कैबिनेट बैठक खत्म हो गई, जिसमें परिवहन विभाग समेत 15 अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी है. लोकभवन में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कैबिनेट मीटिंग के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि किसानों के हित में प्रदेशभर में 2,100 नए सरकारी नलकूप लगाए जाएंगे. इसमें करीब 891 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इससे सीमांत किसानों को लाभ होगा, सिंचाई की सुविधा मिलेगी.
मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि किसानों के हित में कम वर्षा से भरपाई के लिए तिलहन की फसल के अंतर्गत तोरिया सरसों फसल लगाने के लिए 4 करोड़ 57 लाख रुपए उपलब्ध कराया जाएगा. 2 लाख तोरिया सरसों लगाने के लिए निशुल्क किट किसानों को दी जाएगी. यह किट प्राथमिकता के आधार पर जनपदों में वितरित होगी.
पीएम किसान निधि अंतर्गत रजिस्टर्ड किसानों को ब्लॉक स्तर पर पहले आओ-पहले पाओ के अंतर्गत वितरण होगा. इसी तरह प्रदेश में राज्य अध्यापक पुरस्कार के नियम में बदलाव को मंजूरी दी गई है. 5 सितंबर की बजाए आगे तिथि घोषित होगी. नई पद्धति में कुल 18 अलग-अलग श्रेणियों में पुरस्कार दिए जाएंगे. कार्यक्रम का आयोजन 5 सितंबर को किया जाएगा, लेकिन पुरस्कार बाद में नए मानक के अनुसार चयन किए जाएंगे. साथ ही राजकीय मेडिकल कॉलेज व अन्य शासकीय मेडिकल शिक्षण संस्थानों में 10 हजार नए पदों के सृजन को मंजूरी दी गई है. इसके साथ ही चिकित्सा शिक्षा विभाग से प्रस्ताव पास हुए हैं. उनमें पीजीआई के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के अनुसार भत्ते दिये जाना का प्रस्ताव पास हुआ है.
इसी तरह ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर नया नियम बनाया गया है. ड्राइविंग लाइसेंस अब ऑनलाइन ही बनेगा. मैनुअल कोई भी लाइसेंस नहीं बनेगा. लाइसेंस बनवाने से पहले टेस्ट देना होगा. इसके साथ ही परिवहन विभाग में 744 प्रवर्तन सिपाहियों की भर्ती करने को प्रस्ताव पारित किया गया है. इसके अंतर्गत मौजूदा सिपाही अब क्लास फोर के बजाए थ्री के कर्मचारी होंगे. प्रदेश में वाहन चेकिंग व्यवस्था पीपीपी मॉडल से संचालित होगी, स्वचालित परिक्षण स्टेशन बनाया जाएगा.
बैठक में योगी सरकार के 100 दिनों के कामकाज के बाद आगामी 6 महीने की कार्ययोजना पर चर्चा हुई. साथ ही मंत्रियों के जिलों में हुए दौरे को लेकर भी चर्चा की गई. वहीं, आगामी कार्य योजना को लेकर रणनीति बनाई गई. इसके अलावा मंत्रियों से जिलों में शुरू किए गए दौरे के दौरान अनुभव को भी लिया गया, जिससे शासन के कामकाज को आगे चलकर और बेहतर पारदर्शी बनाया जा सके.
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