लखनऊ: अखिलेश यादव सरकार में शुरू किए गए यशभारती सम्मान को भले ही योगी सरकार में समाप्त किया गया हो, लेकिन नए पुरस्कारों की शुरुआत करने की तैयारी की गई है. योगी सरकार विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को पुरस्कृत करने के लिए अलग-अलग पुरस्कारों की शुरुआत करने की योजना बना रही है. इसमें कला, साहित्य, पत्रकारिता, समाज सेवा जैसे क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा. कला के लिए अलग, साहित्य के लिए अलग और पत्रकारिता के लिए अलग पुरस्कार दिए जाने की दिशा में कार्य शुरू कर दिया गया है.
विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को पुरस्कृत करने की तैयारी
योगी सरकार के पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी ने बताया कि उनकी सरकार संस्कृति रक्षा के क्षेत्र में काम कर रही है. हमारे यहां लोक संस्कृतियां हैं, संस्कृति क्षेत्र में काम करने वाले लोग हैं. कला क्षेत्र, साहित्य, संगीत, नृत्य, काव्य समेत विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले लोग हैं. इन लोगों को प्रोत्साहित करके पुरस्कार के माध्यम से आगे लाने की जरूरत है.
संस्कृति विभाग गंभीरतापूर्वक कर रही काम
अभी तक पिछली सरकारों ने यह नहीं किया है. योगी सरकार इस क्षेत्र में काम कर रही है. उसको लेकर संस्कृति विभाग भी गंभीरतापूर्वक काम कर रहा है. 2009 से 2019 तक संगीत नाटक अकादमी के पुरस्कार पिछली सरकारों की उपेक्षा के कारण नहीं दिए गए. कलाकारों को पुरस्कृत ही नहीं किया गया, जबकि कलाकारों के लिए उत्तर प्रदेश का यह सर्वोच्च पुरस्कार होता है.
128 कलाकारों को किया सम्मानित
योगी सरकार ने 2009 से लेकर 2019 के बीच के सभी कलाकारों का कमेटी बनाकर के चयन किया है. नाम चयनित करने के बाद घोषणा की गई और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 128 कलाकारों को सम्मानित किया है. ऐसे सम्मान से संस्कृति क्षेत्र में काम करने वाले, पुरातत्व क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को सम्मानित करके निश्चित तौर पर उनको प्रोत्साहन मिलेगा.
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