लखनऊ : 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर योगी सरकार ने अपना एक्शन प्लान तैयार कर लिया है. सरकार के मंत्रियों के सहारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनावी तैयारियों को आगे बढ़ाने का काम शुरू कर चुके हैं. कैबिनेट में शामिल मंत्रियों को जिलों की जिम्मेदारी देते हुए प्रभारी बनाया गया है. मंत्रियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव जिताने को लेकर हर तरह से तैयारियों को आगे बढ़ाया जाए. क्षेत्रों में संगठन से लेकर सरकार के कामकाज को आगे बढ़ाया जाएगा. जनप्रतिनिधियों की नाराजगी दूर करने को लेकर काम किया जाएगा. मासिक समीक्षा बैठक होगी. सरकार के उच्च स्तरीय सूत्रों का कहना है कि 'लोकसभा चुनाव में जीत हार को लेकर यह बड़ा टास्क मंत्रियों को दिया गया है. जिन क्षेत्रों में मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है वहां पर जीत हार से भविष्य में मंत्रियों का कद तय करने का काम किया जाएगा.'
दरअसल, पिछले काफी समय से भारतीय जनता पार्टी की सरकार में जनप्रतिनिधियों की समस्याएं दूर न करने के बड़े आरोप लगते रहे हैं. कई बार मंत्रियों और विधायकों की तरफ से पत्र भी लिखे गए थे. बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंडलीय समीक्षा बैठक करते हुए सांसद विधायकों की बैठक की और पूरा फीडबैक लेने का काम किया. इसके बाद तय किया गया कि सरकार के मंत्रियों को जिलों का प्रभारी बनाया जाएगा और फिर उन्हें क्षेत्र की जिम्मेदारी दे दी गई. अब मंत्री 15 दिनों में संबंधित जिले के प्रवास पर जाएंगे और हर तरह की समस्या पर जनप्रतिनिधियों, बीजेपी पदाधिकारियों और प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे. प्रशासन से जुड़े अधिकारियों के साथ भी बैठक करेंगे. योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर पूरा फीडबैक लेंगे और कहां कौन सी योजना पीछे चल रही है और क्या बेहतर ढंग से किया जा सकता है, धरातल तक योजनाओं के पहुंचने की रफ्तार क्या है, ऐसे तमाम बिंदुओं पर काम करते हुए शासन को यानी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को रिपोर्ट सौंपेंगे. जिसके बाद इन सभी चीजों पर मुख्यमंत्री कार्यालय से दिशा निर्देश देते हुए तेजी से विकास कार्य कराए जाएंगे. साथ ही अन्य समस्याओं का भी निस्तारण कराया जाएगा, जिससे लोकसभा चुनाव से पहले योगी सरकार हर स्तर पर सरकार के कामकाज को अंजाम तक पहुंचा सके और इसका बीजेपी को सियासी लाभ मिल सके. इसके आधार पर मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है और मंत्री अपने स्तर से अपने क्षेत्र की समस्याएं दूर कराने का काम करेंगे. इसके साथ ही मंत्रियों की परफॉर्मेंस के आधार पर लोकसभा क्षेत्र में जो हार जीत होगी उसकी भी जिम्मेदारी उन पर होगी. साथ ही उनका भविष्य भी इसी आधार पर निर्धारित होगा.
वरिष्ठ पत्रकार राजनीतिक विश्लेषक विजय उपाध्याय कहते हैं कि 'भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है. पार्टी की कोशिश है कि जो सरकार के कामकाज हैं जनता को जो सहूलियत दी जा रही है जो योजनाओं पर काम हो रहा है, उसकी ठीक ढंग से माॅनीटरिंग हो. जनता की समस्याओं के निदान की व्यवस्था बेहतर हो और जनता की समस्याओं को बेहतर ढंग से निस्तारित कराया जाए. कहां क्या कमी रह गई है वह भी ठीक कराई जाए. जनता को यह न लगे कि सरकार सिर्फ चुनाव लड़ने आती है, इसको लेकर सारी रणनीति बनाई गई है. मंत्रियों को प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है उन्हें प्रभारी बनाकर जनता के बीच भेजने का फैसला किया है. जनता की जो भी समस्या है विकास कार्य रुके पड़े हैं उन चीजों को चिन्हित करते हुए उन्हें दूर कराना है. सरकार ने 80 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा गया है. भाजपा पहले 73 सीट जीत चुकी है. सरकार ने तय किया है कि जनता की सरकार जनता के बीच पहुंचे और उसी अनुरूप अब सारे काम किये जा रहे हैं. इसी को लेकर सरकार गांव गांव जाएगी. सरकार गांव तक जाएगी और जनता के बीच जाएगी. जिससे उनकी समस्या समझी जाए. जो वर्ग अभी तक बीजेपी से नहीं जुड़ पाए हैं, ऐसे वोटर जो बीजेपी के साथ नहीं जुड़े हैं. उनसे भी संपर्क और संवाद किया जाएगा.'