लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें एक बार फिर तेज हो गई हैं. पार्टी सूत्रों के मुताबिक अगले एक सप्ताह के भीतर ही मंत्रिमंडल विस्तार कर लिया जाएगा. लखनऊ में भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की समन्वय बैठक हुई थी. इस बैठक में भी मंत्रिमंडल को लेकर चर्चा हुई थी. बैठक के बाद से ही विस्तार की बातें राजनीतिक गलियारों में उठने लगी थीं. साथ ही बैठक के बाद जिस तरह से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने दिल्ली में जेपी नड्डा से मुलाकात की है, उसके बाद मंत्रिमडल विस्तार की ये अटकलें और तेज हो गई हैं.
कहा ये जा रहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की दो दिवसीय समन्वय बैठक के बाद और पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ मंथन में इस पर निर्णय ले लिया गया है. संगठन और सरकार के स्तर पर बातचीत करके मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले और मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया जाने वाले नामों पर भी करीब-करीब सहमति बन गई है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है. इन दोनों नेताओं को अन्य वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात करनी है. बताया जा रहा है कि यूपी भाजपा के प्रदेश नेतृत्व और भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व के बीच नामों पर चर्चा की गई है. केंद्र से हरी झंडी मिलने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार किया जाएगा.
तेज चलने वाले मंत्री की होगी छुट्टी
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, योगी सरकार के उन मंत्रियों को हटाया जा सकता है, जिनकी उम्र 70 के पार पहुंच गई है. पार्टी से दो बड़े चेहरों को भी बाहर का रास्ता दिखाया जाना लगभग तय माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि योगी सरकार में बहुत तेज चलने वाले एक मंत्री को भी हटाया जाना है. उनके खिलाफ काफी शिकायतें हैं. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि कांग्रेस से आए वरिष्ठ नेता जितिन प्रसाद को कैबिनेट मंत्री बनाया जा रहा है. इसके साथ ही पार्टी का ज्यादा फोकस पिछड़ों और दलितों को सरकार में शामिल करने पर होगा. मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी के साथ ही पार्टी ने विधान परिषद में रिक्त पांच सीटों को भरने की कवायद भी तेज कर दी गई है. उसको लेकर भी पार्टी में मंथन चल रहा है.
लंबे समय से लग रही हैं विस्तार की अटकलें
जनवरी 2021 में अरविंद कुमार शर्मा की उत्तर प्रदेश की सियासत में एंट्री हुई. शर्मा गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ लंबे समय तक काम करने का अनुभव रखते हैं. पीएम मोदी के करीबी कहे जाने वाले शर्मा की भाजपा में एंट्री के साथ ही उनके योगी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की चर्चा शुरू हो गई थी. माना जाने लगा कि शर्मा को योगी मंत्रिमंडल में शामिल करके उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी. उन्हें डिप्टी सीएम भी बनाने जाने के भी कयास लगाए जाने लगे. इस बीच पश्चिम बंगाल समेत 5 राज्यों में हुए चुनाव के दौरान योगी व्यस्तता चुनावी रैलियों में बढ़ गई और मंत्रिमंडल विस्तार भी टलता रहा.
इसे भी पढ़ें- BSP के ब्राह्मण कार्ड से टेंशन में BJP का ब्राह्मणवाद
संजय निषाद ने दिया बयान
योगी मंत्री मंडल विस्तार को लेकर चल रहे कयासों के बीच जब मिर्जापुर में संजय निषाद से विस्तार में निषाद पार्टी को शामिल किए जाने का सवाल किया गया तो उन्होंने इसे रामायण से जोड़ दिया. उन्होंने कहा कि जब राम अयोध्या से चले थे तो उनकी सहायता निषाद राज ने की थी. उन्हें अपनी सेना दी जिसकी सहायता से लंका पर विजय हासिल हुई. आज संजय निषाद उसी सेना का सेनापति है. अगर अयोध्या में राम की कैबिनेट में निषाद राज हो सकते हैं तो अब हम उस सेना के सेनापति हैं. हम छोटे भाई हैं, सिर्फ सलाह दे सकते हैं, अगर उन्हें लगता है कि सलाह से लाभ होगा तो उन्हें सम्मान देना चाहिए. संजय निषाद ने अपने समाज के लिए आरक्षण की मांग करते हुए कहा कि हम लोग पद के लिए पार्टी नहीं बनाये हैं. आरक्षण, मुकदमें वापस लेने और ताल-तलैया देने की निषाद समाज मांग कर रहा है. पहले वह दे दें. पद प्रतिष्ठा बाद की बात है.