लखनऊ: योगी कैबिनेट ने निर्यात नीति उत्तर प्रदेश 2020-25 लागू करने का फैसला किया है. सरकार का दावा है कि पहली बार इतनी विस्तृत निर्यात नीति का प्रख्यापन किया जा रहा है. इसके माध्यम से मेक इन यूपी और मेक इन इंडिया के तहत उत्पादों को हर स्तर पर बढ़ावा दिया जाएगा. नीति के तहत निर्यात को बढ़ावा देकर स्थानीय रोजगार को समृद्धि प्रदान की जाएगी. इससे खास कर छोटे उद्यमियों को लाभ होगा.
नई निर्यात के मुख्य उद्देश्य
निर्यात के क्षेत्र में विकास एवं प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना, निर्यात सहायक संस्थाओं को निर्यात संबंधी आवश्यक सहायता व सेवा प्रदान करना, राज्य से निर्यात वृद्धि हेतु तकनीकी एवं भौतिक अवसंरचनाओं की स्थापना एवं विकास, निर्यात को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उद्योगों के निर्यात सामर्थ्य के विकास के लिए आवश्यक समर्थन प्रदान करना, स्थानीय/ देश में निर्मित उत्पादों के वैश्विक बाजार में उपलब्ध अवसरों का चिन्हित करना और निर्यात संबंधी सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं को अंगीकृत करते हुए क्षमता विकास को प्रोत्साहित करना इस नीति का मुख्य उद्देश्य है.
अपनाया जाएगा सिंगल विंडो सिस्टम
नीति में उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए विस्तृत क्रियान्वयन रणनीति बनाई गई है. रणनीति के तहत सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से तमाम औपचारिकताओं को कम करते हुए राज्य के विभिन्न विभागों के निर्यात संबंधी प्रपत्रों के शीघ्र निस्तारण पर जोर होगा. निर्यातकों की समस्याओं के निवारण में निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो समन्वय की भूमिका निभाएगा. मेक इन उत्तर प्रदेश और मेक इन इंडिया के ब्रांड को बढ़ावा दिया जाएगा. योग्य उत्पादों के लिए भौगोलिक संकेतक पंजीयन प्राप्त करने में सहयोग करने का प्रावधान किया गया है. निर्यात की प्रबल संभावनाओं वाले जिलों के उत्पाद एवं सेवाओं को चिन्हित किया जाएगा. उनके निर्यात प्रोत्साहन के लिए उत्पादकों एवं सेवा प्रदाताओं की क्षमता विकास तथा प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.
निर्यात बढ़ाने पर होगा जोर
B2b एक्सचेंज की स्थापना की जाएगी. इससे राज्य के लघु एवं छोटे उद्यमी भी ऑनलाइन व्यापारिक सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे. सेवा क्षेत्र से निर्यात बढ़ाने के लिए विशेष प्रावधान किया जाना है. उत्तर प्रदेश में निर्यात तथा निर्यातकों के लिए एक विश्लेषणात्मक डेटाबेस का निर्माण, जिला निर्यात बंधु की हर तीन माह पर बैठक करने जैसी रणनीतियां सम्मिलित हैं.
नीति में इन क्षेत्रों पर फोकस
नई निर्यात नीति के फोकस क्षेत्र हस्तशिल्प, कृषि एवं प्रसंस्करण खाद्य उत्पाद, इंजीनियरिंग गुड्स, हैंडलूम एंड टैक्सटाइल, चर्म उत्पाद, कालीन, ग्लास एवं सिरेमिक उत्पाद, कास्ट उत्पाद, स्पोर्ट्स गुड्स, रक्षा उत्पाद, सेवा क्षेत्र, शिक्षा, पर्यटन, आईटी एवं आईटीआईएस, मेडिकल वैल्यू, ट्रैवल तथा लॉजिस्टिक हैं.
कैसरबाग कार्यालय से होंगे सभी कार्य
नई निर्यात नीति के क्रियान्वयन संबंधी सभी कार्य कैसरबाग स्थित निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो कार्यालय से संपादित किए जाएंगे.
विभिन्न पहलूओं को ध्यान में रखकर लिया निर्णय
नीति के अनुसार पशु क्रय विक्रय के लिए ई-हाट पोर्टल विकसित किया जाएगा. खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित निर्यातक इकाइयों द्वारा अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता के लिए विशेष सेवाओं के हायर किए जाने पर वित्तीय सहायता का प्रावधान नीति में किया गया है. प्रदेश में प्राकृतिक एवं मानवीय संसाधनों की उपलब्धता व अंतरराष्ट्रीय बाजार में उपलब्ध अवसरों, प्रदेश में विद्यमान संभावनाओं का उपयोग, सेवाओं को रोजगार सृजन, निर्यात की दिशा में त्वरित वृद्धि, प्रदेश में निर्यात परक प्रोत्साहन वातावरण का सृजन जैसे उद्देश्य को ध्यान में रखकर उत्तर प्रदेश निर्यात नीति के लागू करने का निर्णय लिया गया है.
उत्तर प्रदेश में लागू होगी नई निर्यात नीति, कैबिनेट ने दी मंजूरी - मेक इन इंडिया
योगी कैबिनेट ने निर्यात नीति उत्तर प्रदेश 2020-25 को राज्य में लागू करने का फैसला किया है. इसके माध्यम से मेक इन यूपी और मेक इन इंडिया के तहत उत्पादों को हर स्तर पर बढ़ावा दिया जाएगा.
लखनऊ: योगी कैबिनेट ने निर्यात नीति उत्तर प्रदेश 2020-25 लागू करने का फैसला किया है. सरकार का दावा है कि पहली बार इतनी विस्तृत निर्यात नीति का प्रख्यापन किया जा रहा है. इसके माध्यम से मेक इन यूपी और मेक इन इंडिया के तहत उत्पादों को हर स्तर पर बढ़ावा दिया जाएगा. नीति के तहत निर्यात को बढ़ावा देकर स्थानीय रोजगार को समृद्धि प्रदान की जाएगी. इससे खास कर छोटे उद्यमियों को लाभ होगा.
नई निर्यात के मुख्य उद्देश्य
निर्यात के क्षेत्र में विकास एवं प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना, निर्यात सहायक संस्थाओं को निर्यात संबंधी आवश्यक सहायता व सेवा प्रदान करना, राज्य से निर्यात वृद्धि हेतु तकनीकी एवं भौतिक अवसंरचनाओं की स्थापना एवं विकास, निर्यात को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उद्योगों के निर्यात सामर्थ्य के विकास के लिए आवश्यक समर्थन प्रदान करना, स्थानीय/ देश में निर्मित उत्पादों के वैश्विक बाजार में उपलब्ध अवसरों का चिन्हित करना और निर्यात संबंधी सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं को अंगीकृत करते हुए क्षमता विकास को प्रोत्साहित करना इस नीति का मुख्य उद्देश्य है.
अपनाया जाएगा सिंगल विंडो सिस्टम
नीति में उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए विस्तृत क्रियान्वयन रणनीति बनाई गई है. रणनीति के तहत सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से तमाम औपचारिकताओं को कम करते हुए राज्य के विभिन्न विभागों के निर्यात संबंधी प्रपत्रों के शीघ्र निस्तारण पर जोर होगा. निर्यातकों की समस्याओं के निवारण में निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो समन्वय की भूमिका निभाएगा. मेक इन उत्तर प्रदेश और मेक इन इंडिया के ब्रांड को बढ़ावा दिया जाएगा. योग्य उत्पादों के लिए भौगोलिक संकेतक पंजीयन प्राप्त करने में सहयोग करने का प्रावधान किया गया है. निर्यात की प्रबल संभावनाओं वाले जिलों के उत्पाद एवं सेवाओं को चिन्हित किया जाएगा. उनके निर्यात प्रोत्साहन के लिए उत्पादकों एवं सेवा प्रदाताओं की क्षमता विकास तथा प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.
निर्यात बढ़ाने पर होगा जोर
B2b एक्सचेंज की स्थापना की जाएगी. इससे राज्य के लघु एवं छोटे उद्यमी भी ऑनलाइन व्यापारिक सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे. सेवा क्षेत्र से निर्यात बढ़ाने के लिए विशेष प्रावधान किया जाना है. उत्तर प्रदेश में निर्यात तथा निर्यातकों के लिए एक विश्लेषणात्मक डेटाबेस का निर्माण, जिला निर्यात बंधु की हर तीन माह पर बैठक करने जैसी रणनीतियां सम्मिलित हैं.
नीति में इन क्षेत्रों पर फोकस
नई निर्यात नीति के फोकस क्षेत्र हस्तशिल्प, कृषि एवं प्रसंस्करण खाद्य उत्पाद, इंजीनियरिंग गुड्स, हैंडलूम एंड टैक्सटाइल, चर्म उत्पाद, कालीन, ग्लास एवं सिरेमिक उत्पाद, कास्ट उत्पाद, स्पोर्ट्स गुड्स, रक्षा उत्पाद, सेवा क्षेत्र, शिक्षा, पर्यटन, आईटी एवं आईटीआईएस, मेडिकल वैल्यू, ट्रैवल तथा लॉजिस्टिक हैं.
कैसरबाग कार्यालय से होंगे सभी कार्य
नई निर्यात नीति के क्रियान्वयन संबंधी सभी कार्य कैसरबाग स्थित निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो कार्यालय से संपादित किए जाएंगे.
विभिन्न पहलूओं को ध्यान में रखकर लिया निर्णय
नीति के अनुसार पशु क्रय विक्रय के लिए ई-हाट पोर्टल विकसित किया जाएगा. खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित निर्यातक इकाइयों द्वारा अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता के लिए विशेष सेवाओं के हायर किए जाने पर वित्तीय सहायता का प्रावधान नीति में किया गया है. प्रदेश में प्राकृतिक एवं मानवीय संसाधनों की उपलब्धता व अंतरराष्ट्रीय बाजार में उपलब्ध अवसरों, प्रदेश में विद्यमान संभावनाओं का उपयोग, सेवाओं को रोजगार सृजन, निर्यात की दिशा में त्वरित वृद्धि, प्रदेश में निर्यात परक प्रोत्साहन वातावरण का सृजन जैसे उद्देश्य को ध्यान में रखकर उत्तर प्रदेश निर्यात नीति के लागू करने का निर्णय लिया गया है.