लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज हो गई हैं. मीडिया में मंत्रिमंडल विस्तार की अलग-अलग तिथियां चलाई गई हैं, लेकिन गुरुवार की शाम जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से राजभवन जाकर मुलाकात की तो एक बार फिर सत्ता के गलियारे में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा तेज हो गई हैं. बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार की घोषणा किसी भी वक्त हो सकती है.
इन वजहों से मंत्रिमंडल विस्तार के आसार
योगी मंत्रिमंडल के विस्तार की अटकलें पिछले कुछ महीनों से लगाई जा रही हैं. मंत्रिमंडल विस्तार की दो वजह बताई जा रही हैं. कोरोना संक्रमण के चलते योगी सरकार के दो मंत्रियों का निधन हो गया था. उन खाली पदों को भरने के लिए मंत्रिमंडल विस्तार किया जाना है. दूसरी बड़ी वजह पिछले दिनों उस वक्त सामने आई जब गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा ने सरकारी सेवा से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. पार्टी की सदस्यता लेने के दूसरे दिन ही भाजपा ने उन्हें एमएलसी का उम्मीदवार घोषित किया. मौजूदा समय में वह भारतीय जनता पार्टी के विधान परिषद सदस्य हैं. अरविंद कुमार शर्मा का मंत्री बनाया जाना लगभग तय माना जा रहा है.
चुनावी समीकरण की दिखेगी झलक
अब सवाल उठता है कि मंत्रिमंडल विस्तार में क्या केवल तीन लोगों को ही शामिल किया जाएगा? पार्टी सूत्रों के मुताबिक अगर मंत्रिमंडल विस्तार हुआ तो तीन नहीं बल्कि कई अन्य चेहरे भी सरकार में शामिल हो सकते हैं. इस दौरान मंत्रिमंडल में लोगों को शामिल ही नहीं किया जाएगा बल्कि कुछ मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है. बताया जा रहा कि 70 की उम्र पार कर चुके कुछ मंत्रियों को संगठन में भेजा जा सकता है. मंत्रिमंडल विस्तार में आगामी पंचायत और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों की झलक भी देखने को मिलेगी. मंत्रिमंडल विस्तार में सामाजिक एवं क्षेत्रीय सन्तुलन को साधा जाएगा. भाजपा नेतृत्व एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर स्तर पर संतुलन साधने की कोशिश करेंगे, ताकि इसका लाभ उन्हें आगामी चुनावों में मिल सके.