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गांव-गांव चलेगा संचारी रोग अभियान, घर-घर 'दस्तक' देगी टीम

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Published : Jun 26, 2021, 9:31 AM IST

कोरोना से सतर्कता बरतने के साथ ही योगी सरकार अब संचारी रोगों और दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण में जुट गई है. उत्तर प्रदेश में संचारी रोग नियंत्रण अभियान एक से 31 जुलाई तक और दस्तक अभियान 12 से 25 जुलाई तक चलेगा.

कॉन्सेप्ट इमेज.
कॉन्सेप्ट इमेज.

लखनऊ: यूपी में कोरोना की दूसरी लहर के नियंत्रण के लिए गांव-गांव बुखार के मरीजों की खोज चली. ऐसे में समय पर टेस्ट कर गांवों में वायरस के प्रसार को रोकने में सफलता मिली. वहीं अब जुलाई से संचारी रोग व दस्तक अभियान शुरू होगा. इसमें तीसरी लहर रोकने के साथ-साथ कई बीमारियों पर प्रहार होगा. इसके लिए योगी सरकार ने कई विभाग अलर्ट कर दिया है.

दरअसल, यूपी की एक्सपर्ट कमेटी ने अगस्त से अक्टूबर तक कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई है. वहीं प्रदेश में रुक-रुक कर हो रही बारिश में मच्छर जनित बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है. लिहाजा सरकार राज्यभर में एक जुलाई से संचारी रोग अभियान चलाएगी. सरकार 12 जुलाई से दस्तक अभियान का आगाज करने जा रही है. चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. डीएस नेगी के मुताबिक अभियान में घर-घर निगरानी समिति के सदस्य जाएंगे और लोगों को मच्छर जनित संक्रामक रोगों के प्रति जागरूक करने का काम करेंगे.

चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. डीएस नेगी के मुताबिक 90 हजार राजस्व गांवों में करीब डेढ़ लाख सदस्यीय टीम डेंगू, मलेरिया, इंसेफेलाइटिस, चिकनगुनिया, कोरोना और टीबी के मरीजों की पहचान करेगी. खासकर, बुखार के मरीजों का एंटीजेन टेस्ट कराया जाएगा. साथ ही मेडिकल किट भी दी जाएगी. वहीं गंभीर हालत देखकर मरीज को अस्पताल भेजा जाएगा.

टीबी मरीजों की फिर शुरू होगी खोज
राज्य क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी डॉ. संतोष गुप्ता के मुताबिक कोरोना काल में नए टीबी मरीजों को खोजने का अभियान बंद था. अब 12 जुलाई से 25 जुलाई तक दस्तक अभियान में टीबी मरीज भी खोजे जाएंगे. पिछले अभियान ने 2,000 नए रोगी खोजे गए थे.

इसे भी पढ़ें:- अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस: CM योगी ने की UP को 'नशा मुक्त प्रदेश' बनाने की अपील

26 जून से बच्चों को मेडिकल किट
चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. डीएस नेगी के मुताबिक बच्चों के लिए मेडिकल किट जिलों में पहुंच गई हैं. यह 26 जून को गांव में आशा के पास पहुंच जाएंगी. आशा व अन्य हेल्थ वर्कर बुखार पीड़ित बच्चों को किट मुहैया कराएंगी.

कई विभाग मिलकर करेंगे काम

  • नगर विकास विभाग: नगरीय क्षेत्र में शुद्ध पेयजल, साफ-सफाई, मच्छरों की रोकथाम, संवेदनशील क्षेत्रों को खुले में शौच से मुक्त कराना और नालियों की सफाई का काम.
  • पंचायती राज व ग्राम्य विकास विभाग: जनजागरूकता, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, वेक्टर कंट्रोल और स्वच्छता.
  • बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग: कुपोषित बच्चों के चिन्हांकन, पुष्टाहार वितरित करना, जनजागरूकता, दिमागी बुखार के दिव्यांग बच्चों को योजनाओं का लाभ दिलवाना.
  • शिक्षा विभाग: व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये जनजागरूकता अभियान.
  • चिकित्सा शिक्षा विभाग: बीमारियों की जांच के लिए प्रयोगशाला प्राविधिक प्रशिक्षण.
  • दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग: दिमागी बुखार के दिव्यांग रोगियों के कल्याण की योजनाओं का लाभ दिलवाने का काम.
  • कृषि एवं सिंचाई विभाग: मच्छरों के प्रजनन पर रोक लगाने का काम.
  • सूचना विभाग: बीमारी से बचाव के लिए प्रचार-प्रसार.
  • उद्यान विभाग: मच्छर रोधी पौधों के रोपण जैसी गतिविधियां करना.

लखनऊ: यूपी में कोरोना की दूसरी लहर के नियंत्रण के लिए गांव-गांव बुखार के मरीजों की खोज चली. ऐसे में समय पर टेस्ट कर गांवों में वायरस के प्रसार को रोकने में सफलता मिली. वहीं अब जुलाई से संचारी रोग व दस्तक अभियान शुरू होगा. इसमें तीसरी लहर रोकने के साथ-साथ कई बीमारियों पर प्रहार होगा. इसके लिए योगी सरकार ने कई विभाग अलर्ट कर दिया है.

दरअसल, यूपी की एक्सपर्ट कमेटी ने अगस्त से अक्टूबर तक कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई है. वहीं प्रदेश में रुक-रुक कर हो रही बारिश में मच्छर जनित बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है. लिहाजा सरकार राज्यभर में एक जुलाई से संचारी रोग अभियान चलाएगी. सरकार 12 जुलाई से दस्तक अभियान का आगाज करने जा रही है. चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. डीएस नेगी के मुताबिक अभियान में घर-घर निगरानी समिति के सदस्य जाएंगे और लोगों को मच्छर जनित संक्रामक रोगों के प्रति जागरूक करने का काम करेंगे.

चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. डीएस नेगी के मुताबिक 90 हजार राजस्व गांवों में करीब डेढ़ लाख सदस्यीय टीम डेंगू, मलेरिया, इंसेफेलाइटिस, चिकनगुनिया, कोरोना और टीबी के मरीजों की पहचान करेगी. खासकर, बुखार के मरीजों का एंटीजेन टेस्ट कराया जाएगा. साथ ही मेडिकल किट भी दी जाएगी. वहीं गंभीर हालत देखकर मरीज को अस्पताल भेजा जाएगा.

टीबी मरीजों की फिर शुरू होगी खोज
राज्य क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी डॉ. संतोष गुप्ता के मुताबिक कोरोना काल में नए टीबी मरीजों को खोजने का अभियान बंद था. अब 12 जुलाई से 25 जुलाई तक दस्तक अभियान में टीबी मरीज भी खोजे जाएंगे. पिछले अभियान ने 2,000 नए रोगी खोजे गए थे.

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26 जून से बच्चों को मेडिकल किट
चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. डीएस नेगी के मुताबिक बच्चों के लिए मेडिकल किट जिलों में पहुंच गई हैं. यह 26 जून को गांव में आशा के पास पहुंच जाएंगी. आशा व अन्य हेल्थ वर्कर बुखार पीड़ित बच्चों को किट मुहैया कराएंगी.

कई विभाग मिलकर करेंगे काम

  • नगर विकास विभाग: नगरीय क्षेत्र में शुद्ध पेयजल, साफ-सफाई, मच्छरों की रोकथाम, संवेदनशील क्षेत्रों को खुले में शौच से मुक्त कराना और नालियों की सफाई का काम.
  • पंचायती राज व ग्राम्य विकास विभाग: जनजागरूकता, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, वेक्टर कंट्रोल और स्वच्छता.
  • बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग: कुपोषित बच्चों के चिन्हांकन, पुष्टाहार वितरित करना, जनजागरूकता, दिमागी बुखार के दिव्यांग बच्चों को योजनाओं का लाभ दिलवाना.
  • शिक्षा विभाग: व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये जनजागरूकता अभियान.
  • चिकित्सा शिक्षा विभाग: बीमारियों की जांच के लिए प्रयोगशाला प्राविधिक प्रशिक्षण.
  • दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग: दिमागी बुखार के दिव्यांग रोगियों के कल्याण की योजनाओं का लाभ दिलवाने का काम.
  • कृषि एवं सिंचाई विभाग: मच्छरों के प्रजनन पर रोक लगाने का काम.
  • सूचना विभाग: बीमारी से बचाव के लिए प्रचार-प्रसार.
  • उद्यान विभाग: मच्छर रोधी पौधों के रोपण जैसी गतिविधियां करना.
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