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योगी सरकार लाएगी खिलौना नीति, दस हजार करोड़ के उद्योग को लगेंगे पंख

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने के लिए खिलौना नीति लाने की तैयारी में है. सरकार ने पहले ही झांसी के खिलौना उद्योग को अपनी महत्वाकांक्षी योजना ओडीओपी में शामिल कर चुकी है. अब विभाग संबंधित क्षेत्र के व्यवसायियों की सलाह से नई खिलौना नीति लाने जा रही है.

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योगी सरकार लाएगी टॉय पॉलिसी.
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Published : Aug 31, 2020, 4:03 PM IST

लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने के लिए टॉय पॉलिसी (खिलौना नीति) लाने की तैयारी कर रही है. एमएसएमई विभाग खिलौना नीति बना रही है. इस पॉलिसी को जल्द ही कैबिनेट में लाया जा सकता है. यह पॉलिसी खिलौना निर्माता व्यापारियों की मांग पर सरकार ला रही है. दिल्ली के खिलौना निर्माताओं ने योगी सरकार से उत्तर प्रदेश में उद्योग स्थापित करने की इच्छा व्यक्त की है.

योगी सरकार ने पहले ही झांसी के खिलौना उद्योग को अपनी महत्वाकांक्षी योजना ओडीओपी में शामिल कर चुकी है. इसी क्रम में एमएसएमई विभाग इसकी डीएसआर (डायग्नोस्टिक स्टडी रिपोर्ट) भी बना चुका है. अब विभाग संबंधित क्षेत्र के व्यवसायियों की सलाह से नई खिलौना नीति लाने जा रही है. नीति बनकर तैयार है, इसे उद्यमियों को भेजा जाएगा. उनकी मांग के अनुसार जरूरी संशोधन किया जाएगा. फिर सरकार इसे कैबिनेट में लाएगी. सरकार की मंशा टॉय पार्क या टॉय सिटी बनाने की भी है. यह पार्क झांसी में हो सकता है. नोएडा में यमुना एक्सप्रेस-वे के आसपास पार्क बनाने पर भी विचार किया जा रहा है.

यूपी में 10 हजार करोड़ का उद्योग
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, गोरखपुर, वाराणसी, झांसी, चित्रकूट, आजमगढ़ जैसे कई शहरों में खिलौने का निर्माण किया जा रहा है. प्रदेश में करीब 10 हजार करोड़ रुपये का उद्योग है. ऑर्गनाइज सेक्टर में 3500 से 4500 करोड़ रुपये का, बाकी का सारा उद्योग अनऑर्गनाइज सेक्टर में है. खिलौना उद्योग को अब पंख लगने वाले हैं. सरकार ने इस उद्योग को बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है.

सरकार से मिल चुके दिल्ली के कारोबारी
व्यापारियों ने एमएसएमई विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल से मिलकर यूपी में खिलौना उद्योग स्थापित करने का प्रस्ताव रखा. खिलौना निर्माताओं ने यह भी कहा कि वे यूपी में रोजगार स्थापित करना चाहते हैं, लेकिन यहां सरकार की कोई खिलौना पॉलिसी नहीं है. व्यापारियों की इस संबंध में एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह से भी मुलाकात हो चुकी है.

कई प्रकार के होंगे खिलौने
नई नीति में सभी प्रकार के खिलौनों को शामिल किया गया है. इसमें माटी का खिलौना, लकड़ी का खिलौना या फिर प्लास्टिक का खिलौना है. प्रदेश के चित्रकूट जिले में लकड़ी का खिलौना मशहूर है. वहीं मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में टेराकोटा (मिट्टी) का खिलौना काफी प्रचलित है.

पीएम मोदी ने मन की बात में किया जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते रविवार को अपने मन की बात में कहा था कि विश्व का खिलौना बाजार सात लाख करोड़ रुपये का है. इसमें भारत की हिस्सेदारी नगण्य है. उन्होंने खिलौना उद्योग से इस क्षेत्र में नवाचार करने की पहल भी अपील की थी.

कोट-विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश में करीब 10 हजार करोड़ का खिलौना उद्योग है. इसके लिए नई नीति लाई जा रही है. इससे व्यापारियों को काम करने में आसानी होगी. उद्योग को बढ़ावा मिलेगा. सरकार चाहती है कि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा उद्योग स्थापित हों, निवेश बढ़े और स्थानीय रोजगार को भी पंख लगे. इन सभी चीजों को ध्यान में रखकर नई नीति बनाई जा रही है.

लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने के लिए टॉय पॉलिसी (खिलौना नीति) लाने की तैयारी कर रही है. एमएसएमई विभाग खिलौना नीति बना रही है. इस पॉलिसी को जल्द ही कैबिनेट में लाया जा सकता है. यह पॉलिसी खिलौना निर्माता व्यापारियों की मांग पर सरकार ला रही है. दिल्ली के खिलौना निर्माताओं ने योगी सरकार से उत्तर प्रदेश में उद्योग स्थापित करने की इच्छा व्यक्त की है.

योगी सरकार ने पहले ही झांसी के खिलौना उद्योग को अपनी महत्वाकांक्षी योजना ओडीओपी में शामिल कर चुकी है. इसी क्रम में एमएसएमई विभाग इसकी डीएसआर (डायग्नोस्टिक स्टडी रिपोर्ट) भी बना चुका है. अब विभाग संबंधित क्षेत्र के व्यवसायियों की सलाह से नई खिलौना नीति लाने जा रही है. नीति बनकर तैयार है, इसे उद्यमियों को भेजा जाएगा. उनकी मांग के अनुसार जरूरी संशोधन किया जाएगा. फिर सरकार इसे कैबिनेट में लाएगी. सरकार की मंशा टॉय पार्क या टॉय सिटी बनाने की भी है. यह पार्क झांसी में हो सकता है. नोएडा में यमुना एक्सप्रेस-वे के आसपास पार्क बनाने पर भी विचार किया जा रहा है.

यूपी में 10 हजार करोड़ का उद्योग
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, गोरखपुर, वाराणसी, झांसी, चित्रकूट, आजमगढ़ जैसे कई शहरों में खिलौने का निर्माण किया जा रहा है. प्रदेश में करीब 10 हजार करोड़ रुपये का उद्योग है. ऑर्गनाइज सेक्टर में 3500 से 4500 करोड़ रुपये का, बाकी का सारा उद्योग अनऑर्गनाइज सेक्टर में है. खिलौना उद्योग को अब पंख लगने वाले हैं. सरकार ने इस उद्योग को बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है.

सरकार से मिल चुके दिल्ली के कारोबारी
व्यापारियों ने एमएसएमई विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल से मिलकर यूपी में खिलौना उद्योग स्थापित करने का प्रस्ताव रखा. खिलौना निर्माताओं ने यह भी कहा कि वे यूपी में रोजगार स्थापित करना चाहते हैं, लेकिन यहां सरकार की कोई खिलौना पॉलिसी नहीं है. व्यापारियों की इस संबंध में एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह से भी मुलाकात हो चुकी है.

कई प्रकार के होंगे खिलौने
नई नीति में सभी प्रकार के खिलौनों को शामिल किया गया है. इसमें माटी का खिलौना, लकड़ी का खिलौना या फिर प्लास्टिक का खिलौना है. प्रदेश के चित्रकूट जिले में लकड़ी का खिलौना मशहूर है. वहीं मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में टेराकोटा (मिट्टी) का खिलौना काफी प्रचलित है.

पीएम मोदी ने मन की बात में किया जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते रविवार को अपने मन की बात में कहा था कि विश्व का खिलौना बाजार सात लाख करोड़ रुपये का है. इसमें भारत की हिस्सेदारी नगण्य है. उन्होंने खिलौना उद्योग से इस क्षेत्र में नवाचार करने की पहल भी अपील की थी.

कोट-विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश में करीब 10 हजार करोड़ का खिलौना उद्योग है. इसके लिए नई नीति लाई जा रही है. इससे व्यापारियों को काम करने में आसानी होगी. उद्योग को बढ़ावा मिलेगा. सरकार चाहती है कि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा उद्योग स्थापित हों, निवेश बढ़े और स्थानीय रोजगार को भी पंख लगे. इन सभी चीजों को ध्यान में रखकर नई नीति बनाई जा रही है.

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