लखनऊ: मानसून आने से दूसरे दिन शनिवार को राजधानी में बादलों की लुकाछिपी का खेल जारी रहा. सुबह के समय मौसम साफ रहा. शाम 4:00 बजे आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहे. कहीं-कहीं हल्की बारिश भी हुई. शनिवार को वाराणसी, बरेली, रायबरेली जिले के कुछ इलाकों में जमकर बारिश हुई. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, राजधानी लखनऊ के कुछ इलाकों में जोरदार बारिश होने की संभावना है. वहीं पूरे उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो प्रदेश में मानसून सक्रिय होने के कारण प्रदेश के कई हिस्सों में कहीं हल्की तो कहीं भारी बारिश होने की संभावना है.
बारिश होने के कारण राजधानी लखनऊ में शनिवार को अधिकतम तापमान 28.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 10 डिग्री सेल्सियस कम है. वहीं न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो कि सामान्य है. रविवार को राजधानी लखनऊ में अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है.
43 जिलों के लिए जारी हुआ येलो अलर्ट
मौसम विज्ञान विभाग ने सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, अलीगढ़, बुलंदशहर, मथुरा, हाथरस, एटा, कासगंज, संभल, बदायूं, बरेली, शाहजहांपुर, रामपुर, मुरादाबाद, पीलीभीत, हापुड़, अमरोहा, मेरठ, बिजनौर, मैनपुरी, अयोध्या, अमेठी, बाराबंकी, रायबरेली, गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती, सीतापुर, सिद्धार्थ नगर, बलरामपुर, बस्ती, संतकबीरनगर, सुलतानपुर, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ, देवरिया, बलिया, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, कुशीनगर, गोरखपुर और इनके आसपास के जिलों में बारिश होने के साथ-साथ 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलने का अलर्ट भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी किया गया.
शनिवार को प्रदेश के रायबरेली, बरेली, वाराणसी जिले में 32 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई. इसके अलावा हरदोई, बाराबंकी, लखनऊ, बलिया, सोनभद्र, प्रयागराज, मुजफ्फरनगर, मेरठ आदि जिलों में हल्की बारिश देखने को मिली.
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समय से पहले उत्तर प्रदेश में पहुंचा मानसून अभी तक पूर्वांचल के जिलों में अपना असर दिखा रहा है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस बार कम बारिश देखने को मिल रही है. मानसून अभी एक-दो दिन और सक्रिय रहेगा. इसके बाद मौसम धीरे-धीरे साफ होगा.
बता दें कि इस समय पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. वहीं भीम गोडा बैराज से लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने से मैदानी इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है, जिसके चलते गंगा तटीय इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश से गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. हरिद्वार से लेकर मुजफ्फरनगर, बिजनौर के बाद मेरठ के हस्तिनापुर में भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.
क्या होते हैं ग्रीन, रेड, येलो और ऑरेंज अलर्ट
मौसम विज्ञान विभाग ग्रीन, रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी करता है. ग्रीन अलर्ट में संदेश होता है कि कोई खतरा नहीं है. येलो अलर्ट आने वाले खतरे के प्रति सचेत करता है. येलो अलर्ट को मौसम विज्ञान विभाग जैसे-जैसे मौसम खराब होता है, ऑरेंज अलर्ट में परिवर्तित कर देता है. ऑरेंज अलर्ट में बारिश व आंधी की पूरी संभावनाएं होती हैं. इस अलर्ट के बाद लोगों को सावधान होना चाहिए और इधर-उधर जाने पर सावधानी बरतनी चाहिए.
रेड अलर्ट का मतलब है कि स्थिति अत्यंत खतरनाक है. मौसम विभाग के अनुसार ऐसे मौसम में इधर-उधर नहीं निकलना चाहिए. इस अलर्ट का अर्थ है, मौसम खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. भारी बारिश होने की अधिक संभावना होती है.