लखनऊ: साल 2023 उत्तर प्रदेश के लिए मिलाजुला रहा. जहां प्रदेश में विकास की गंगा बही वहीं, अपराध की दुनिया पर भी पुलिस का शिकंजा रहा. कई मामले में काफी खास रहे. पूरे यूपी ही नहीं देश और विदेश को हिला देने वाले उमेश पाल और अतीक अहमद-अशरफ हत्याकांड भी इसी साल हुए. इसके साथ ही अयोध्या का राम मंदिर भी इसी साल बनकर तैयार हुआ और वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे भी पूरा हुआ.
उमेश पाल हत्याकांड ने पूरे देश को हिला दिया : साल 2023 की सबसे बड़ी घटना फरवरी महीने की 24 तारीख को प्रयागराज में हुई थी. 24 फरवरी को वकील उमेश पाल की उनके घर के बाहर हत्या कर दी गई थी. उन पर देसी बम और गोलियों से हमला हुआ था. इस हमले में उमेश पाल की सुरक्षा में लगे दो गनर भी मारे गए थे. हमला माफिया अतीक अहमद के इशारे पर उसके बेटे असद और गिरोह के अन्य सदस्यों ने मिलकर किया था. दरअसल, उमेश पाल बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह थे. अतीक चाहता था कि उमेश पाल राजू पाल हत्याकांड से हट जाएं. लेकिन, उमेश पाल अतीक के दबाव में नहीं आए.
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सीएम योगी ने बोला था, माफिया को मिट्टी में मिला दूंगा: प्रयागराज में उमेश पाल और उनके गनर की हत्या का मामला मार्च में यूपी विधानसभा में उछला था. समाजवादी पार्टी के नेताओं खासकर अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार को कठघरे में खड़ा किया था. इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में ही कहा था कि समाजवादी पार्टी के सहयोग से ही अतीक अहमद सांसद बना था. कानून व्यवस्था को लेकर सीएम ने कहा था कि जिस अतीक के खिलाफ पीड़ित परिवारों ने मुकदमा दर्ज कराया. वह सपा द्वारा पोषित माफिया है. ऐसे माफिया को मिट्टी में मिला देंगे.
विधानसभा में बयान देने के बाद प्रदेश में अपराधियों पर एक के बाद एक कार्रवाई हुईं. उमेश पाल हत्याकांड के शूटरों में शामिल पांच को एनकाउंटर में मार गिराया गया. अतीक के बेटे का झांसी में एनकाउंटर हुआ. इसके अलावा अपराधियों पर योगी बाबा का बुलडोजर भी जमकर चला. पूरे प्रदेश में ताबड़तोड़ अपराधियों पर बुलडोजर कार्रवाई हुईं.
माफिया अतीक अहमद और अशरफ की सरेआम हत्या: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 16 अप्रैल को प्रयागराज में अस्पताल ले जाते समय तीन लोगों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करके हत्या कर दी थी. इसके बाद तीनों आरोपियों ने तुरंत ही सरेंडर कर दिया था.
स्वामी प्रसाद मौर्य की रामचरितमानस को लेकर अभद्र टिप्पणी: स्वामी प्रसाद मौर्य ने जुलाई 2023 में रामचरितमानत को लेकर अभद्र टिप्पणी की थी. उन्होंने रामचरितमानस को दलित और महिला विरोधी बताते हुए उस पर बैन लगाने की मांग कर डाली थी. लखनऊ में तो बकायदा रामचरितमानस की प्रतियां भी जलाई गई. स्वामी प्रसाद मौर्य यहीं नहीं रुके देवी-देवताओं और हिंदू धर्म को लेकर आए दिन कोई न कोई विवादित बयान देकर पूरे साल चर्चा में बने रहे.
आजम खान को फिर हुई सजा, भेजे गए सीतापुर जेल: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को आपत्तिजनक भाषण मामले में कोर्ट ने 18 अक्टूबर को सात साल कैद की सजा सुनाई. इसके बाद उन्हें सीतापुर जेल भेज दिया गया, वहीं बेटे अब्दुल्लाह को हरदोई और पत्नी तजीन फात्मा को रामपुर जेल भेज दिया गया. आजम खान पूरे परिवार के साथ इस वक्त जेल में ही हैं. तीनों को अलग-अलग जेल में रखा गया है.
यूपी को मिले 40 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव, रोजगार के अवसर बढ़े: सीएम योगी की विजनरी नीतियों व कुशल प्रबंधन के फलस्वरूप उत्तर प्रदेश में अब तक 40 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव आ चुके हैं और एमओयू हुए हैं. साल 2023 के फरवरी में ग्लोबल इनवेस्टर समिट के आयोजन के बाद प्रदेश में निवेश आने की प्रक्रिया लगातार जारी है. इससे प्रदेश में एक करोड़ युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे. इन निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने का कार्य भी इंडस्ट्री विभाग के स्तर पर तेजी से चल रहा है.
अयोध्या में राम मंदिर का प्रथम तल बनकर हुआ तैयार: अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है. साल 2023 मंदिर निर्माण के नजरिए से बेहद खास रहा. 5 अगस्त 2020 को शुरू किए गए निर्माण कार्य में 30 दिसंबर 2023 तक राम मंदिर का प्रथम तल लगभग बनकर तैयार हो गया है, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है.
अयोध्या में रेलवे स्टेशन का निर्माण कार्य पूरा: मंदिर निर्माण के साथ ही अयोध्या में आने वाले दिनों में बढ़ने वाली श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए अयोध्या रेलवे स्टेशन को राम मंदिर के मॉडल की तरह बनाया गया है. इसके अलावा स्टेशन पर तमाम आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. पूरे स्टेशन को एक नई बिल्डिंग में बदल दिया गया है, जिसके अंदर एयर कंडीशन से लेकर स्वचालित सीढ़ी और एयर कंडीशन प्रतीक्षालय मौजूद है. इसका उद्घाटन 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे.
रैपिड एक्स ट्रेन की शुरुआत: देश की पहली रैपिड रेल (नमो भारत) की शुरुआत भी साल 2023 में हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर इसे 20 अक्टूबर को रवाना किया था. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी भी उनके साथ थे. पहले चरण में तैयार 17 किमी के कॉरिडोर साहिबाबाद से दुहाई तक रैपिड रेल का परिचालन होगा. यह भारत की पहली रैपिड एक्स ट्रेन है, जिसे नमो भारत के नाम से जाना जाएगा.
बसपा को काफी साल बाद मिला उत्तराधिकारी, पर परिवारवाद हावी: बहुजन समाज पार्टी को साल 2023 में उत्तराधिकारी मिल गया. बसपा सुप्रीमो मायावती ने साल विदा होते-होते एक ऐसी घोषणा कर दी जो राजनीति की दृष्टि से काफी मायने रखती है. अभी तक मायावती के उत्तराधिकारी को लेकर जो भी कयास लगाए जा रहे थे, उन पर बसपा सुप्रीमो के एक कदम ने ही पूर्ण विराम लगा दिया. मायावती ने अपने भतीजे व पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया. साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में भी उनका महत्वपूर्ण रोल होगा.
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ज्ञानवापी का एएसआई सर्वे पूरा, रिपोर्ट कोर्ट में पेश: वाराणसी में साल 2023 ज्ञानवापी मामले के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ. 21 जुलाई को ज्ञानवापी परिसर में शृंगार गौरी नियमित दर्शन की मांग करने वाली वादिनी राखी सिंह समेत अन्य चार महिलाओं ने कोर्ट से पूरे परिसर के एएसआई सर्वेक्षण की मांग की, जिस पर वैज्ञानिक विधि से पूरे परिसर की जांच का आदेश हुआ और 24 जुलाई को आदेश की पूर्ति करते हुए जांच शुरू हुई. पर मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया और जांच रुक गई. फिर 4 अगस्त से कार्रवाई शुरू हुई. लगभग 90 दिनों की जांच के बाद दो नवंबर को सर्वे पूर्ण हुआ और एएसआई ने 21 दिसंबर को रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी. यह 2023 की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण घटना थी जिसने पूरे देश में चर्चा बटोरी क्योंकि 1991 के बाद वाराणसी में ज्ञानवापी के सर्वे को लेकर हाईकोर्ट में मामला लंबित चल रहा था.
कुश्ती का दंगल: साल 2023 में कुश्ती का एक अलग ही दंगल देखने को मिला. ओलंपियन साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया समेत कई पहलवान भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह के विरोध में उतर आए. महिला पहलवानों ने ब्रजभूषण शरण सिंह पर शोषण के आरोप लगाए थे. इसके बाद मुकदमेबाजी हुई, सियासत हुई, धरने-प्रदर्शन हुए और ब्रजभूषण शरण सिंह को पद से हटना पड़ गया. मामला यहीं नहीं थमा. नए चुनाव में संजय सिंह भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष निर्वाचित हुए, लेकिन उन पर आरोप लगा कि वह ब्रजभूषण शरण सिंह के करीबी हैं. इस पर पहलवान उनके विरोध में भी आ गए. साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने कुश्ती से सन्यास लेने की घोषणा कर दी. इसके बाद संघ की पूरी कार्यकारिणी को ही भंग कर दिया गया.
योगी 2.0 के मंत्रीमंडल का नहीं हो सका विस्तार, राजभर को नहीं मिली कुर्सी: साल 2023 में कई बार एक बात चर्चा में आई कि योगी सरकार 2.0 के मंत्रीमंडल का विस्तार होने जा रहा है. इसमें सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को मंत्री पद मिलने के कयास लगाए जा रहे थे. लेकिन, पूरे साल मंत्रीमंडल का विस्तार नहीं हो सका और राजभर को कुर्सी नहीं मिली.
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