लखनऊ : भारत और विश्व में तंबाकू का बढ़ता उपयोग और उसके चलते स्वास्थ्य पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभाव चिंता का कारण बन गए हैं. डॉक्टरों की मानें तो तंबाकू के अत्यधिक सेवन से मुंह के कैंसर की आशंका बढ़ जाती है. कभी-कभी इस बीमारी के साथ अन्य बीमारियां भी व्यक्ति को घेर लेती हैं. लोगों को तंबाकू उत्पादों से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करने के लिए हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. डब्ल्यूएचओ के प्रमाणित डाटा के अनुसार विश्व में हर साल 38 लाख लोग एनसीडी (गैर-संचारी रोग) से मर जाते हैं.
भारत में तंबाकू खाने वालों की संख्या अधिक
केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत बताते हैं कि उनके यहां हर महीने लगभग 800 से 900 केस मुंह के कैंसर के आते हैं. वहीं ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे ऑफ इंडिया यानि गैट्स के अनुसार भारत में तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या करीब 27 करोड़ 49 लाख है. यहां पर तंबाकू के धूम्रमुक्त उपयोगकर्ताओं की संख्या करीब 16 करोड़ 33 लाख और तंबाकू पीने वालों की संख्या करीब 6 करोड़ 89 लाख है.
महिलाएं न करें धूम्रपान
डॉ. सूर्यकांत बताते हैं कि वर्तमान समय में महिलाएं भी सिगरेट और हुक्का का सेवन करती हैं. महिलाएं गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करती हैं तो बच्चे में जन्मजात विकृतियां जैसे कटी आकृतियों, अंदर की ओर मुड़ी पैर की उंगलियों जैसी कई शारीरिक विकृतियां होती हैं. इसके अलावा एलर्जी का खतरा बढ़ जाता है. बचपन में उच्च ताप की समस्या होती है. मोटापे में वृद्धि होने लगती हैं. फेफड़ों की खराब प्रतिक्रिया और अस्थमा के विकास में वृद्धि होने लगती है.
वाराणसी में कैंसर के 30 प्रतिशत मरीजों को मुख का कैंसर
वाराणसी के होमी भाभा कैंसर अस्पताल (एचबीसीएच) और महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र (एमपीएमएमसीसी) में इलाज के लिए आने वाले लगभग 30 प्रतिशत मरीज मुख के कैंसर के होते हैं. इसके लिए सीधे तौर पर तंबाकू उत्पादों का सेवन जिम्मेदार है. आंकड़ों के अनुसार, अस्पताल में 2018 से अब तक 39,012 कैंसर मरीजों का पंजीकरण हुआ है, इनमें से 11,080 (28.39 प्रतिशत) मरीज मुख और सिर के कैंसर से ग्रस्त पाए गए.
90 प्रतिशत कैंसर तंबाकू उत्पादों के सेवन के कारण
एचबीसीएच एवं एमपीएमएमसीसी के सर्जिकल ओंकोलॉजी विभाग के प्रभारी डॉ. असीम मिश्रा ने बताया कि तंबाकू न केवल एक इंसान बल्कि उसके पूरे परिवार को प्रभावित करता है. इसके सेवन के कारण गंभीर बीमारियों के साथ ही व्यापक स्तर पर आर्थिक नुकसान भी होता है. अस्पताल में मुख और गले के लगभग सभी कैंसर मरीजों में तंबाकू उत्पादों, खासकर, पान मसाला, बीड़ी, सिगरेट, गुटखा इत्यादि के सेवन की आदत देखने को मिलती है. पिछले साल जारी पॉपुलेशन बेस्ड कैंसर रजिस्ट्री (पीबीसीआर) रिपोर्ट के अनुसार, वाराणसी में पुरुषों में होने वाला हर तीन में से एक कैंसर मुख से संबंधित पाया गया था. मुख से जुड़ा 90 प्रतिशत कैंसर तंबाकू उत्पादों के सेवन के कारण होता है. इसलिए तंबाकू उत्पादों का सेवन न करने से कैंसर सहित अन्य बीमारियों से बचा जा सकता है.
शरीर के इन हिस्सों पर पड़ता है प्रभाव
तंबाकू के सेवन से श्वसन तंत्र, फेफड़े, लीवर, अग्न्याशय, गुर्दा, मूत्राशय, मुंह की कैविटी, नाक की कैविटी, गर्भाशय ग्रीवा से संबंधित समस्याएं हो जाती हैं. धुआं रहित तंबाकू कैंसर का प्रमुख कारण है.