लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (The Guinness World Records) में अपना एक और कारनामा दर्ज करवाने की तैयारी कर रही है. ललित कला अकादमी (Lalit Kala Akademi) के स्टूडेंट्स 12 किमी लंबी पेंटिंग से विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी में जुट गए हैं. आजादी के अमृत महोत्सव पर ललित कला अकादमी विश्व की सबसे लंबी पेंटिंग बनाने की फिराक में है.
19 दिसंबर से अमृत महोत्सव पर ललित कला अकादमी के स्टूडेंट पेंटिंग बनाना शुरू करेंगे. 12 किमी लंबी पेंटिंग बनाने के लिए लगभग 8 से 10 दिन तो लग ही जाएगा. इस पेंटिंग को बनाने के लिए 250 से 3 हजार स्टूडेंट शामिल होंगे.
इसका थीम '1857 से 1947 के दरमियान हुए स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई' (freedom struggle fight) रखा गया है. इसके तहत इस बीच जितने भी काम हुए, जिस तरह से लड़ाई हुई है, उसको स्टूडेंट अपनी पेंटिंग में दर्शाएंगे.
ललित कला अकादमी के सचिव यशवंत सिंह राठौर ने बताया कि अमृत महोत्सव के तहत आयोजित कार्यक्रमों की शृंखला में उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी 12 किलोमीटर लंबी आयल पेंटिंग बनवाकर विश्व रिकॉर्ड बनाएगी.
अभी तक विश्व की सबसे लंबी पेंटिंग का विश्व रिकॉर्ड 2015 में दुबई ने बनाया था. यहां 10 किलोमीटर लंबी पेंटिंग बनाई गई थी. अब उसी विश्व रिकॉर्ड को हम 12 किलोमीटर लंबी पेंटिंग द्वारा तोडेंगे.
अमृत महोत्सव के दौरान बनने जा रही पेंटिंग में तकरीबन 3 हजार विद्यार्थी होंगे. अगर सिर्फ लखनऊ की बात करें तो लखनऊ में ज्यादा से ज्यादा 400 ही ललित कला के विद्यार्थी होंगे. जरूरत को देखते हुए उत्तर प्रदेश के सभी केंद्रीय राज्य विश्वविद्यालय या कॉलेज के ललित कला विभाग के विद्यार्थियों को इसमें मौका दिया गया है.
अगर इसमें भी ललित कला विभाग के अभ्यर्थी कम पड़ेंगे तो फ्रीलांस के तौर पर हम बाहर से आर्टिस्ट को पेंटिंग बनाने के लिए रखेंगे. हालांकि कोशिश यही है कि यूपी के सभी विश्वविद्यालयों के ललित कला विभाग से कुल 3 हजार अभ्यर्थी मिल जाएं.
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सचिव ने बताया कि इस पेंटिंग को बनाने में लगभग 8 से 10 दिन लगेगा. बताया कि स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई का थीम हमने इसलिए लिया है ताकि हमारी जो भावी पीढ़ी है और जो वर्तमान में युवा बच्चे हैं. उन्हें यह बताया जा सके कि खुले में जो हम सांस ले रहे हैं यह सिर्फ हमारे वीर सपूतों, वीर जवानों की वजह से हैं. आज बच्चे उस समय को भूल गए हैं या नहीं जानते हैं.
अंग्रेजों के डर से लोग घरों में दुबके रहते थे. हमारा आज कल के युवाओं पर ही निर्भर करता है. इसलिए हमने इस थीम को चुना है ताकि युवा पीढ़ी स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई को समझ सके.
सचिव यशवंत ने बताया कि 19 दिसंबर से इस पेंटिंग को बनाने की शुरुआत की जाएगी. यह दिन हमारे लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि 19 दिसंबर को काकोरी बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह दिन इतिहास के पन्नों पर दर्ज है. हमारे देश के लिए और हमारे लिए इससे अच्छा दिन और शुभ मुहूर्त कोई हो ही नहीं सकता.
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