लखनऊ : कैंसर दुनिया भर में एक प्रमुख स्वास्थ्य का मुद्दा है. यह अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2018 में कैंसर के 1.8 करोड से अधिक मामले दर्ज किये गये थे. वर्ष 2040 तक यह आकंडा 2.9 करोड़ से भी ज्यादा पहुंचने की उम्मीद है. कैंसर दुनियाभर में मृत्यु का एक प्रमुख कारण है, जो कि 2020 में 1 करोड़ मृत्यु दर्ज हुई हैं, जो कि सभी 6 मृत्यु में से 1 मृत्यु कैंसर से हुई है. यह बातें शनिवार को केजीएमयू के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. वेद प्रकाश विश्व कैंसर दिवस के मौके पर कहीं.
प्रो. वेद प्रकाश ने कहा कि विश्व कैंसर दिवस हर साल 4 फरवरी को यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (यूआईसीसी) के तत्वावधान में मनाया जाता है. यह एक वैश्विक पहल है, जो कि पूरे विश्व को कैंसर के खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट करती है. इस दिन का उद्देश्य कैंसर के खिलाफ जागरुकता फैलाना है. जिससे कि कैंसर से होने वाली लाखों मृत्यु को बचाया जा सके. इस साल कि थीम क्लोज द केयर गैप "Close the care Gap" रखी गई हैं. कहा कि 2020 में भारत में कुल मामलों की अनुमानित संख्या 27 लाख से अधिक थी. वर्ष 2022 में कैंसर के नये मामले 14.6 लाख पाये गये हैं. मौजूदा आकडों के अनुसार भारत में प्रत्येक 9 में से एक व्यक्ति को अपने जीवन काल में कैंसर होने की संम्भावना होती है. वर्ष 2020 में अनुमानित कैंसर से सम्बन्धित मृत्यु की संख्या 8.5 लाख से अधिक थी. पुरुषों में प्रमुख रुप से मुंह का कैंसर, फेफड़े का कैंसर, पेट का कैंसर और आंत का कैंसर, एवं महिलाओं में स्तन कैंसर, गर्भाशय का कैंसर और ओवरी का कैंसर होता है.
प्रो. वेद प्रकाश ने कहा कि कैंसर के नये मामलों में वृद्धि के प्रमुख कारणों में से एक कारण यह भी है कि पिछले दशक में स्वास्थ्य सुविधाओं और जागरुकता में काफी वृद्धि हुई है. जिससे कैंसर का शीघ्र निदान हुआ है. कैंसर रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि हुई है. यह परिणाम हमारी सरकार द्वारा किए गए प्रयास एवं राजनीतिक प्रतिबद्धता और स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा किए गए शोध और सार्वजनिक कार्यकर्ताओं द्वारा किये जा रहे जागरुकता के प्रयासों से हुआ है.
सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रो. विजय कुमार मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग की डॉ. ईशा जाफा के सहयोग से टीम यहां फाइबर ऑप्टिक ब्रोंकोस्कोपी थोरैकोस्कोपी ईबीयूएस जैसी अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके फेफड़े के कैंसर के रोगी के शीघ्र निदान का लक्ष्य रखती है. यह मामूली लागत पर फेफडों प्रबन्धन प्रदान करता है. यहां मरीज की कैंसर की मॉलिकुलर टेस्टिंग करते हैं. उन्हें एडवांस टार्गेटेड इलाज दिया जाता है. यहां पर कैंसर की प्रवृत्ति को समझने और जल्द से जल्द उचित उपचार प्रदान करने के लिए फेफड़े के कैंसर के रोगियों में मोलिकुलर टेस्टिंग का शोध अध्ययन किया जा रहा है.
वर्तमान में हम रक्त में कैंसर सेल डीएनए और माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए का पता लगाने का मोलिक्युलर टेस्टिंग का अध्ययन किया जा रहा है. इस क्षेत्र में हाल के अध्ययनों में भी आशाजनक परणाम मिले है, पर अभी भी बहुत कुछ किये जाने की आवश्यकता है. इस अध्ययन के शुरुआती नतीजे हाल ही में जर्नन ऑफ कैंसर रिसर्च एवं थेरेप्यूटिक्स में प्रकाशित हुए हैं. इस अध्ययन में स्टेम सेल लैब सेंटर फॉर एडवांस रिर्सच केजीएमयू से डॉ. सतेन्द्र कुमार एवं एरा मेडिकल कॉलेज की डॉ. अंजना सिंह एवं पल्मोनरी एण्ड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग से डॉ. वेद प्रकाश शामिल है. इस विश्व कैंसर दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में पल्मोनरी एण्ड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के डॉ. सचिन कुमार, डॉ. मृत्युंजय सिंह, डॉ. अनुराग त्रिपाठी, डॉ. रविकान्त पान्डेय, डॉ. सुभम, डॉ. समृति मौजूद रहें.
कैंसर के कारण
धूम्रपान के रूप में तम्बाकू का उपयोग.
पान मसाला चबाना.
शराब का सेवन.
आहार में कम फल, सब्जी और फाइबर.
कुपोषण.
शारीरिक गतिविधि की कमी.
अनुवांशिक कारक
कुछ कैंसर ह्यूमन पेपिलोमा वायरस हेपेटाइटिस बी और सी वायरस आदि जैसे संक्रमणों से.
कैंसर से बचाव
तंबाकू चबाना छोड़ दें
धूम्रपान छोड़ दें
संतुलित आहार में फल हरी पत्तेदार सब्जियां और रेशे शामिल करें
रोजाना 30 से 45 मिनट शारीरिक व्यायाम करें
शराब के सेवन से बचें
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