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World Brain Tumor Day 2021: अगर दिखें ये लक्षण तो न करें अनदेखा!

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Published : Jun 8, 2021, 11:06 AM IST

दुनियाभर में आठ जून यानी आज ब्रेन ट्यूमर डे मनाया जा रहा है. इसका मकसद, जागरूकता के जरिये आमजन को घातक बीमारी से सतर्क करना है. आंखों से धुंधला दिखाई देना, बोलने में परेशानी होना, चलते-चलते अचानक लड़खड़ाना, याददाश्त कमजोर होना इत्यादि लक्षण दिखें तो सावधान हो जाएं. इसमें सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी ही इलाज का विकल्प है. आइये, जानते हैं क्या कहते हैं शिव प्रसाद गुप्त मंडली अस्पताल(वाराणसी) के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एस बी उपाध्याय...पढ़िए पूरी खबर....

ब्रेन ट्यूमर: लक्षण, प्रकार और उपचार
ब्रेन ट्यूमर: लक्षण, प्रकार और उपचार

वाराणसी: आज की भागती-दौड़ती जिंदगी के बीच तमाम गंभीर बीमारियों की तरह ही ब्रेन ट्यूमर भी एक समस्या बनकर उभर रही है. इसमें मस्तिष्क में असामान्य कोशिकाओं का एक द्रव्यमान या वृद्धि होती है. कई अलग-अलग प्रकार के ब्रेन ट्यूमर मौजूद हैं. कुछ कैंसर रहित होते हैं, और कुछ ब्रेन ट्यूमर कैंसरयुक्त (घातक) होते हैं. लिहाजा, इस गंभीर बीमारी के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए हर 8 जून को विश्व मस्तिष्क ट्यूमर दिवस मनाया जाता है. डॉक्टर के मुताबिक खराब लाइफस्टाइल के कारण लोग तमाम तरीके की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं. इन्हीं में से ये भी एक घातक बीमारी है, जो मस्तिष्क की कोशिकाओं में होती है.

ब्रेन ट्यूमर: लक्षण, प्रकार और उपचार

डॉक्टरों के मुताबिक ब्रेन में अनियंत्रित कोशिकाओं की वृद्धि होने से ट्यूमर बढ़ने लगता है. अगर समय रहते इसका इलाज नहीं किया गया तो ये जानलेवा भी साबित हो सकता है. ईटीवी भारत की टीम ने डॉक्टर से बातचीत करके ये जानने की कोशिश की, कि आखिर इसके क्या कारण हैं, क्या लक्षण हैं और इस घातक बीमारी से कैसे बचा जा सकता है?.

ब्रेन ट्यूमर डे
ब्रेन ट्यूमर डे
साल 2000 से हुई थी इस दिन को मनाने की शुरुआत

आपको बता दें कि पिछले 20 सालों से पूरी दुनिया में 8 जून को विश्व मस्तिष्क ट्यूमर दिवस मनाया जाता है. इस दिन को पहली बार जर्मनी में जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन द्वारा आयोजित किया गया था. यह संगठन लोगों को ब्रेन ट्यूमर के बारे में जागरुक करता है. केवल जर्मनी में ही 8000 से ज्यादा लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं. भारत में भी ब्रेन ट्यूमर दिन प्रतिदिन लगातार बढ़ता जा रहा है. डॉक्टरों के मुताबिक ब्रेन ट्यूमर कैंसर का कारण भी बन सकता है.

ब्रेन ट्यूमर डे
ब्रेन ट्यूमर डे
क्या है ब्रेन ट्यूमर

शिव प्रसाद गुप्त मंडल अस्पताल(वाराणसी) के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एस बी उपाध्याय ने बताया कि मस्तिष्क में कोशिकाओं के असामान्य रूप से बढ़ने पर जो गांठ बन जाती है, उसे ही ब्रेन ट्यूमर कहते हैं. इसमें मस्तिष्क के एक भाग में कोशिकाओं का एक गुच्छा बन जाता है. ये कई बार कैंसर में भी तब्दील हो जाता है. इसके मस्तिष्क के मेटास्टैटिक में फैलने के चांस ज्यादा होते हैं. डॉक्टर उपाध्याय ने बताया कि कई अलग-अलग प्रकार के ब्रेन ट्यूमर मौजूद हैं. कुछ ब्रेन ट्यूमर कैंसर रहित होते हैं तो कुछ कैंसरयुक्त होते हैं, जो कि बेहद घातक हैं.

50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में कैंसरयुक्त ब्रेन ट्यूमर का खतरा

एस बी उपाध्याय ने बताया कि 20 से 40 साल के लोगों को ज्यादातर कैंसर रहित ब्रेन ट्यूमर होता है, जबकि 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में कैंसर युक्त ट्यूमर होने की संभावना ज्यादा रहती है. कैंसर रहित ट्यूमर कैंसर वाले ट्यूमर की तुलना में धीमी गति से बढ़ता है. यह बीमारी बहुत घातक होती है. यह सिर्फ मस्तिष्क को ही प्रभावित नहीं करती, बल्कि इसका असर पूरे शरीर पर होता है. क्योंकि मस्तिष्क से ही पूरे शरीर का संचालन किया जाता है.

क्या हैं लक्षण
डॉ. उपाध्याय ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर के लक्षण थोड़े दिन में ही दिखें, ये जरूरी नहीं होता है. यह ट्यूमर के आकार, स्थान और विकास के ऊपर निर्भर करता है.

  • सिर दर्द करना
  • घबराहट या उल्टी होना
  • दृष्टिगत समस्याएं जैसे आंखों की रोशनी जाना
  • हाथ या पैर में सनसनी
  • चलने में तकलीफ होना
  • संतुलन में दिक्कत
  • बोलने में दिक्कत

रोजमर्रा के कार्यो को करने में कठिनाई
डॉ. एस बी उपाध्याय ने बताया कि इन सब लक्षण के परे कभी-कभी ट्यूमर की वजह से मस्तिष्क में पानी भी भरने लगता है. उसे हाइड्रो सिफलिस कहते हैं. ये स्थिति मरीजों के लिए और भी ज्यादा खतरनाक होती है. उन्होंने बताया कि ब्रेन ट्यूमर में पाए जाने वाले लक्षण अन्य बीमारियों के भी संकेत देते हैं. इसलिए जब भी ये लक्षण मरीज में अत्यधिक गति से उत्पन्न होने लगें तो यह समझा जा सकता है कि ये ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षण हैं. इस दौरान मरीजों को तुरंत चिकित्सक से परामर्श कर जांच करवाने की जरूरत है.

इसे भी पढ़ें-World Brain Tumor Day 2021: यूपी में करीब दो हजार हैं न्यूरो सर्जन...पढ़िए पूरी रिपोर्ट

इन कारणों से भी हो सकता है ब्रेन ट्यूमर

डॉ. उपाध्याय ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर होने का कोई खास कारण सामने नहीं आया है, लेकिन जेनेटिक डिसऑर्डर और आसपास के वातावरण पर भी इस बीमारी के बढ़ने का खतरा होता है. इसके साथ ही इन सब कारणों के अलावा वर्तमान समय में व्यक्ति की जरूरतों में शामिल फोन भी ब्रेन ट्यूमर के लिए दोषी साबित हो सकता है. मोबाइल से बात करने के दौरान या उसे चलाने के दौरान जो किरणें निकलती हैं, वो सीधे मस्तिष्क से टकराती हैं, जिससे ब्रेन ट्यूमर का खतराबढ़ जाता है. इसके साथ ही खराब लाइफस्टाइल, अधिक धूम्रपान या शराब का सेवन करने से भी ब्रेन ट्यूमर की संभावना बढ़ जाती है.

एंडोस्कोपी है काफी मददगार

डॉ. उपाध्याय के अनुसार ब्रेन ट्यूमर के उपचार में सर्जरी कीमो थेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, माइक्रो एंड एंडोस्कोपी स्पाइन सर्जरी, रेडियोसर्जरी, टारगेट ड्रग थेरेपी मददगार हैं. सर्जरी में ब्रेन ट्यूमर को निकालने के लिए कुछ भाग को निकाल दिया जाता है. इसमें जोखिम ज्यादा होता है. वही कीमोथेरेपी में दवाइयों का यूज करके कोशिकाओं को मारने की कोशिश की जाती है और इंजेक्शन का प्रयोग किया जाता है. उन्होंने बताया कि ट्यूमर की सर्जरी को आसान और बेहतर बनाने के लिए एंडोस्कोपी काफी मददगार है.

योग भी है कारगर

डॉ. ने बताया कि योग हर बीमारी से लड़ने में सहायक है. योग के कारण व्यक्ति का मन और मस्तिष्क दोनों स्वस्थ रहता है. अगर व्यक्ति प्रतिदिन सुबह-शाम एक-एक घंटे योगासन और प्राणायाम करे तो उनके दिमाग की क्षमता और उनकी एकाग्रता बढ़ जाती है जो कि ब्रेन ट्यूमर के लिए रामबाण है.

वाराणसी: आज की भागती-दौड़ती जिंदगी के बीच तमाम गंभीर बीमारियों की तरह ही ब्रेन ट्यूमर भी एक समस्या बनकर उभर रही है. इसमें मस्तिष्क में असामान्य कोशिकाओं का एक द्रव्यमान या वृद्धि होती है. कई अलग-अलग प्रकार के ब्रेन ट्यूमर मौजूद हैं. कुछ कैंसर रहित होते हैं, और कुछ ब्रेन ट्यूमर कैंसरयुक्त (घातक) होते हैं. लिहाजा, इस गंभीर बीमारी के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए हर 8 जून को विश्व मस्तिष्क ट्यूमर दिवस मनाया जाता है. डॉक्टर के मुताबिक खराब लाइफस्टाइल के कारण लोग तमाम तरीके की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं. इन्हीं में से ये भी एक घातक बीमारी है, जो मस्तिष्क की कोशिकाओं में होती है.

ब्रेन ट्यूमर: लक्षण, प्रकार और उपचार

डॉक्टरों के मुताबिक ब्रेन में अनियंत्रित कोशिकाओं की वृद्धि होने से ट्यूमर बढ़ने लगता है. अगर समय रहते इसका इलाज नहीं किया गया तो ये जानलेवा भी साबित हो सकता है. ईटीवी भारत की टीम ने डॉक्टर से बातचीत करके ये जानने की कोशिश की, कि आखिर इसके क्या कारण हैं, क्या लक्षण हैं और इस घातक बीमारी से कैसे बचा जा सकता है?.

ब्रेन ट्यूमर डे
ब्रेन ट्यूमर डे
साल 2000 से हुई थी इस दिन को मनाने की शुरुआत

आपको बता दें कि पिछले 20 सालों से पूरी दुनिया में 8 जून को विश्व मस्तिष्क ट्यूमर दिवस मनाया जाता है. इस दिन को पहली बार जर्मनी में जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन द्वारा आयोजित किया गया था. यह संगठन लोगों को ब्रेन ट्यूमर के बारे में जागरुक करता है. केवल जर्मनी में ही 8000 से ज्यादा लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं. भारत में भी ब्रेन ट्यूमर दिन प्रतिदिन लगातार बढ़ता जा रहा है. डॉक्टरों के मुताबिक ब्रेन ट्यूमर कैंसर का कारण भी बन सकता है.

ब्रेन ट्यूमर डे
ब्रेन ट्यूमर डे
क्या है ब्रेन ट्यूमर

शिव प्रसाद गुप्त मंडल अस्पताल(वाराणसी) के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एस बी उपाध्याय ने बताया कि मस्तिष्क में कोशिकाओं के असामान्य रूप से बढ़ने पर जो गांठ बन जाती है, उसे ही ब्रेन ट्यूमर कहते हैं. इसमें मस्तिष्क के एक भाग में कोशिकाओं का एक गुच्छा बन जाता है. ये कई बार कैंसर में भी तब्दील हो जाता है. इसके मस्तिष्क के मेटास्टैटिक में फैलने के चांस ज्यादा होते हैं. डॉक्टर उपाध्याय ने बताया कि कई अलग-अलग प्रकार के ब्रेन ट्यूमर मौजूद हैं. कुछ ब्रेन ट्यूमर कैंसर रहित होते हैं तो कुछ कैंसरयुक्त होते हैं, जो कि बेहद घातक हैं.

50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में कैंसरयुक्त ब्रेन ट्यूमर का खतरा

एस बी उपाध्याय ने बताया कि 20 से 40 साल के लोगों को ज्यादातर कैंसर रहित ब्रेन ट्यूमर होता है, जबकि 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में कैंसर युक्त ट्यूमर होने की संभावना ज्यादा रहती है. कैंसर रहित ट्यूमर कैंसर वाले ट्यूमर की तुलना में धीमी गति से बढ़ता है. यह बीमारी बहुत घातक होती है. यह सिर्फ मस्तिष्क को ही प्रभावित नहीं करती, बल्कि इसका असर पूरे शरीर पर होता है. क्योंकि मस्तिष्क से ही पूरे शरीर का संचालन किया जाता है.

क्या हैं लक्षण
डॉ. उपाध्याय ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर के लक्षण थोड़े दिन में ही दिखें, ये जरूरी नहीं होता है. यह ट्यूमर के आकार, स्थान और विकास के ऊपर निर्भर करता है.

  • सिर दर्द करना
  • घबराहट या उल्टी होना
  • दृष्टिगत समस्याएं जैसे आंखों की रोशनी जाना
  • हाथ या पैर में सनसनी
  • चलने में तकलीफ होना
  • संतुलन में दिक्कत
  • बोलने में दिक्कत

रोजमर्रा के कार्यो को करने में कठिनाई
डॉ. एस बी उपाध्याय ने बताया कि इन सब लक्षण के परे कभी-कभी ट्यूमर की वजह से मस्तिष्क में पानी भी भरने लगता है. उसे हाइड्रो सिफलिस कहते हैं. ये स्थिति मरीजों के लिए और भी ज्यादा खतरनाक होती है. उन्होंने बताया कि ब्रेन ट्यूमर में पाए जाने वाले लक्षण अन्य बीमारियों के भी संकेत देते हैं. इसलिए जब भी ये लक्षण मरीज में अत्यधिक गति से उत्पन्न होने लगें तो यह समझा जा सकता है कि ये ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षण हैं. इस दौरान मरीजों को तुरंत चिकित्सक से परामर्श कर जांच करवाने की जरूरत है.

इसे भी पढ़ें-World Brain Tumor Day 2021: यूपी में करीब दो हजार हैं न्यूरो सर्जन...पढ़िए पूरी रिपोर्ट

इन कारणों से भी हो सकता है ब्रेन ट्यूमर

डॉ. उपाध्याय ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर होने का कोई खास कारण सामने नहीं आया है, लेकिन जेनेटिक डिसऑर्डर और आसपास के वातावरण पर भी इस बीमारी के बढ़ने का खतरा होता है. इसके साथ ही इन सब कारणों के अलावा वर्तमान समय में व्यक्ति की जरूरतों में शामिल फोन भी ब्रेन ट्यूमर के लिए दोषी साबित हो सकता है. मोबाइल से बात करने के दौरान या उसे चलाने के दौरान जो किरणें निकलती हैं, वो सीधे मस्तिष्क से टकराती हैं, जिससे ब्रेन ट्यूमर का खतराबढ़ जाता है. इसके साथ ही खराब लाइफस्टाइल, अधिक धूम्रपान या शराब का सेवन करने से भी ब्रेन ट्यूमर की संभावना बढ़ जाती है.

एंडोस्कोपी है काफी मददगार

डॉ. उपाध्याय के अनुसार ब्रेन ट्यूमर के उपचार में सर्जरी कीमो थेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, माइक्रो एंड एंडोस्कोपी स्पाइन सर्जरी, रेडियोसर्जरी, टारगेट ड्रग थेरेपी मददगार हैं. सर्जरी में ब्रेन ट्यूमर को निकालने के लिए कुछ भाग को निकाल दिया जाता है. इसमें जोखिम ज्यादा होता है. वही कीमोथेरेपी में दवाइयों का यूज करके कोशिकाओं को मारने की कोशिश की जाती है और इंजेक्शन का प्रयोग किया जाता है. उन्होंने बताया कि ट्यूमर की सर्जरी को आसान और बेहतर बनाने के लिए एंडोस्कोपी काफी मददगार है.

योग भी है कारगर

डॉ. ने बताया कि योग हर बीमारी से लड़ने में सहायक है. योग के कारण व्यक्ति का मन और मस्तिष्क दोनों स्वस्थ रहता है. अगर व्यक्ति प्रतिदिन सुबह-शाम एक-एक घंटे योगासन और प्राणायाम करे तो उनके दिमाग की क्षमता और उनकी एकाग्रता बढ़ जाती है जो कि ब्रेन ट्यूमर के लिए रामबाण है.

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