लखनऊ: एचआईवी का नाम आते ही लोगों के जहन में सबसे पहले एक ही ख्याल आता है कि असुरक्षित यौन संबंध से ही एचआईवी एड्स होता है, जबकि ऐसा नहीं है. यदि किसी स्वस्थ व्यक्ति को बिना जांच एचआईवी संक्रमित खून चढ़ा दिया जाए तो वह भी एचआईवी से पीड़ित हो सकता है. इसके अलावा असुरक्षित ढंग से टैटू व दाढ़ी बनवाने से भी एचआईवी एड्स हो सकता है. इसलिए वर्तमान में लोगों को अपने दिमाग से यह सोच निकालनी होगी कि सिर्फ असुरक्षित यौन संबंध से ही एचआईवी होता है. यह बातें ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान केजीएमयू के एंटीरिटरोवायरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर की एसएमओ इंचार्ज डॉ. नीतू गुप्ता ने कहीं. इस बार विश्व एचआईवी दिवस 2023 का थीम 'समुदायों को नेतृत्व करने दें' (Let's communities lead) रखा गया है.
एचआईवी पीड़ित मरीज को हो सकती है टीबी: विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day 2023) पर उन्होंने कहा कि सामान्य जांच में एड्स के संक्रमण में आने के तीन महीने बाद टेस्ट करने पर ही एचआईवी रिपोर्ट आती है. इस बीच कई बार संक्रमित खून भी डोनेट हो जाता है और अन्य के चढ़ने से वह भी रोगग्रस्त हो जाता है. नेट टेस्टिंग मशीन से एचआईवी संक्रमण रोकने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि जब किसी मरीज को एचआईवी एड्स होता है तो मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह से खत्म होने लगती है. इस स्थिति में मरीज को अन्य बीमारियां भी होने लगते हैं. जिसमें सबसे पहले एचआईवी मरीज को टीबी की बीमारी हो सकती है.
एचआईवी होने के कारण |
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शहर में स्वास्थ्य विभाग दो जगह करेगा जागरूकता कार्यक्रम: एचआईवी नोडल अधिकारी डॉ. एके सिंघल ने कहा कि एड्स एक वायरस के कारण होता है जिसे 'ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी वायरस' या एचआईवी कहा जाता है. एचआईवी सीडी4़ टी नामक कोशिका है, जो शरीर से लड़ने वाली बीमारियों की मदद करने के लिए महत्वपूर्ण विशिष्ट रक्त कोशिकाओं को नष्ट करके मानव शरीर को नुकसान पहुंचाती है. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से समय-समय पर एचआईवी को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित होता है. शुक्रवार को जनेश्वर मिश्र पार्क और निशातगंज स्थित महिला कॉलेज में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित होगा.
इस दौरान आम पब्लिक को और स्कूल छात्राओं को एचआईवी से जुड़ी सभी बारीकियां के बारे में विस्तृत से जानकारी दी. साल 1996 में एचआईवी (एड्स) पर संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक स्तर पर इसके प्रचार और प्रसार का काम संभालते हुए साल 1997 में विश्व एड्स अभियान के तहत संचार, रोकथाम और शिक्षा पर कार्य करना शुरू किया. विश्व एड्स दिवस 1 दिसंबर 1988 को होना चाहिए। हर साल 1 दिसंबर को विश्व एचआईवी दिवस मनाया जाता है. इस बार विश्व एचआईवी दिवस का थीम 'समुदायों को नेतृत्व करने दें' रखा गया है.
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जागरूकता की कमी के कारण होता है एचआईवी, लखनऊ में है जांच और इलाज की सुविधा