लखनऊ : '2023 तक सभी वैक्सीन रोधी बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रतिबद्ध है. इसके अंतर्गत एक से पांच वर्ष तक के आयु के बच्चों को एमआर की दो डोज एवं एंड यूएस वैक्सीन दी जानी है. सरकार की कोशिश है कि इस साल के अंत तक 95 प्रतिशत से अधिक बच्चों का टीकाकरण समय से पूरा करा लिया जाएगा. प्रदेश सरकार लगातार स्वास्थ्य क्षेत्र में काम कर रही है. इसी कड़ी में बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए लगातार टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. बीते वर्षों में कोविड के कारण यह अभियान थोड़ा रुक गया था. इसके बाद भी साल 2022 तक प्रदेश में 77 प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण करा लिया गया है.' यह बात प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कही. विशेष टीकाकरण पखवाड़ा एवं खसरा रूबेला उन्मूलन के लिए एक राज्य मीडिया कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में कार्यशाला का आयोजन किया गया था. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि 'टीकाकरण से प्रदेश में जो बच्चे रह गए हैं उनके लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है, ताकि कोई भी बच्चा टीकाकरण से वंचित ना रह जाए.'
महाप्रबंधक नियमित टीकाकरण डॉ. मनोज कुमार शुक्ला ने बताया कि 'कोविड के कारण एक से दो वर्ष के आयु के बच्चों का टीकाकरण थोड़ा धीमा हो गया था. बीते कुछ समय में इन बच्चों की पहचान कर इनके लिए विशेष टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई है, जो जनवरी से लेकर मार्च तक चलेगा.' उन्होंने बताया कि 'इन तीन महीनों में विशेष टीकाकरण पखवाड़े की शुरुआत 9 जनवरी से हो चुकी है, जो 20 जनवरी तक चलेगा. इसके बाद फरवरी में 13 से 24 फरवरी व मार्च में 13 से 24 मार्च तक विशेष पखवाड़े का आयोजन कर टीकाकरण होगा.' उन्होंने बताया कि 'यह टीकाकरण उन बच्चों के लिए विशेष तौर पर आयोजित होगा, जिनकी उम्र 1 से 2 वर्ष के बीच में है और वह टीकाकरण से वंचित रह गए हैं. इन वंचित रह गए बच्चों का टीकाकरण घर-घर जाकर किया जाएगा.'
राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अजय गुप्ता ने बताया कि 'टीकाकरण पखवाड़े से पूर्व प्रदेश के सभी जिलों के सभी शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में 5 वर्ष तक के बच्चों को सूचीबद्ध कर उनके टीकाकरण की स्थिति का पता लगाया गया है. अभी हमारे पास जो डेटा है, उसके हिसाब से प्रदेश में 82 प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण पूर्ण हो चुका है. केवल 18 प्रतिशत तक बच्चे रह गए हैं, जिनका अभी टीकाकरण नहीं हुआ है.'