लखनऊ: लॉकडाउन में गरीब जनता को पर्याप्त मात्रा में राशन उपलब्ध कराने के लिए शासन, प्रशासन दोनों ही मुस्तैद नजर आ रहे हैं. तो वहीं उन लोगों की तकलीफों को नहीं सुना जा रहा है, जिनके राशन कार्ड नहीं बन पाए हैं या निरस्त कर दिए गए हैं.
देशभर में 21 दिनों के लॉकडाउन के चलते सभी काम ठप पड़े हुए हैं. वहीं दिहाड़ी मजदूरों से उनकी मतदूरी भी छिन गई है. ऐसे में उनकी सहायता के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है. अंत्योदय योजना के तहत आने वाले लाभार्थियों को सरकार 3 महीने तक मुफ्त राशन दे रही है. तो वहीं राशन कार्ड धारकों को भी उचित मात्रा में राशन दिया जा रहा है.
इस दौरान कई मजदूरों ने आरोप लगाया कि सरकारी तंत्र की लापरवाही के कारण उनका राशन कार्ड नहीं बन पाया, जिससे उन्हें इस मुश्किल की घड़ी में परिवार चलाने में तकलीफ हो रही है. ईटीवी भारत की टीम राजधानी लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्र में रहनेवाले लोगों से बात की. तो उन्होंने बताया कि हमें लॉकडाउन के कारण बहुत सी परेशानियां झेलनी पड़ रही है, लेकिन सरकार हमारी तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं.
मजदूरों ने आरोप लगाया कि राशन कार्ड न होने के कारण लॉकडाउन के समय में दी जानेवाली सुविधाओं को फायदा नहीं मिल पा रहा है. हम किसी तरह अपनी जिंदगी बीता रहे हैं. वहीं कई लोगों ने बताया कि अंत्योदय राशन कार्ड होने के बावजूद भी राशन वितरक कार्ड को अवैध बताकर मना कर दे रहे हैं.
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